भगवान बुद्ध की जयंती पर कई आयोजन

छत्तीसगढ़ संवाददाता जगदलपुर, 23 मई। वेलुवन बौद्ध विहार जगदलपुर में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बौद्ध समाज जगदलपुर द्वारा तथागत भगवान बुद्ध की 2568वीं जयंती मनाई गई। समारोह में बौद्ध समाज के सदस्यों ने सुबह 10 बजे पंचशील धम्मध्वज का ध्वजारोहण कर, त्रिशरण, पंचशील, बुधवंदना, धम्म एवं संघ वन्दना कर भनते जी के द्वारा धम्म देशना दी गई, तत्पश्चात सदस्यों द्वारा बौद्ध धम्म और तथागत बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में समाज के अध्यक्ष पी. डी मेश्राम, सचिव कमलेश रामटेके ने तथागत बुद्ध की सारनाथ में हुए प्रथम देशना एवं आस्टांगीक मार्ग के बारे में प्रकाश डाला। डॉ. के एल आजाद द्वारा बौद्ध धम्म के मध्यममार्ग और प्राणी हिंसा न करना, सभी से मैत्री और करुणा और दैनिक जीवन में मेडिटेशन के महत्व के बारे में समझाया। हेमंत पोयाम ने बौद्ध धम्म और बौद्ध का विस्तार पूरे भारतवर्ष अन्य देश में कैसा हुआ, इस पर प्रकाश डाला। वक्ताओं में डॉ. मनीष मेश्राम, मीना लोनहारे, डी पी अहरवाल सदस्यों ने बारी बारी धम्म की बातें और किस प्रकार आत्मसात किया जा सकता है, इस पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम में समाज के सदस्यों ने भनते (बौद्ध भिक्षु)जी को चीवर व अन्य सामग्री दान स्वरूप दी। कार्यक्रम में अन्य सदस्यों में विजय बोरकर, संतोष खापर्डे, सीएल रामटेके,राहुल गोरखेड़े,बंसीलाल सहारे,मुकेश खोबरागड़े, निर्मला बोरकर, पदमा रामटेके, रामूगणवीर, रामनरेश देवांगन, कविता गणवीर , और महिला उपासिकाओ का विशेष सहयोग रहा ।

भगवान बुद्ध की जयंती पर कई आयोजन
छत्तीसगढ़ संवाददाता जगदलपुर, 23 मई। वेलुवन बौद्ध विहार जगदलपुर में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बौद्ध समाज जगदलपुर द्वारा तथागत भगवान बुद्ध की 2568वीं जयंती मनाई गई। समारोह में बौद्ध समाज के सदस्यों ने सुबह 10 बजे पंचशील धम्मध्वज का ध्वजारोहण कर, त्रिशरण, पंचशील, बुधवंदना, धम्म एवं संघ वन्दना कर भनते जी के द्वारा धम्म देशना दी गई, तत्पश्चात सदस्यों द्वारा बौद्ध धम्म और तथागत बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में समाज के अध्यक्ष पी. डी मेश्राम, सचिव कमलेश रामटेके ने तथागत बुद्ध की सारनाथ में हुए प्रथम देशना एवं आस्टांगीक मार्ग के बारे में प्रकाश डाला। डॉ. के एल आजाद द्वारा बौद्ध धम्म के मध्यममार्ग और प्राणी हिंसा न करना, सभी से मैत्री और करुणा और दैनिक जीवन में मेडिटेशन के महत्व के बारे में समझाया। हेमंत पोयाम ने बौद्ध धम्म और बौद्ध का विस्तार पूरे भारतवर्ष अन्य देश में कैसा हुआ, इस पर प्रकाश डाला। वक्ताओं में डॉ. मनीष मेश्राम, मीना लोनहारे, डी पी अहरवाल सदस्यों ने बारी बारी धम्म की बातें और किस प्रकार आत्मसात किया जा सकता है, इस पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम में समाज के सदस्यों ने भनते (बौद्ध भिक्षु)जी को चीवर व अन्य सामग्री दान स्वरूप दी। कार्यक्रम में अन्य सदस्यों में विजय बोरकर, संतोष खापर्डे, सीएल रामटेके,राहुल गोरखेड़े,बंसीलाल सहारे,मुकेश खोबरागड़े, निर्मला बोरकर, पदमा रामटेके, रामूगणवीर, रामनरेश देवांगन, कविता गणवीर , और महिला उपासिकाओ का विशेष सहयोग रहा ।