जल जगार उत्सव मेें पीकू ने बताया पानी का महत्व

गर्मियों में धान के स्थान पर दलहन फसलों को लेने दी गयी समझाईश कुम्हड़ाकोट के ग्रामीणों को पानी बचाने के बताये गये तरीके छत्तीसगढ़ संवाददाता धमतरी, 31 मई। जिले में जल को संरक्षित करने एवं वर्षा के स्वच्छ पानी को जल संरक्षण के विभिन्न उपायों को अपना कर जल स्तर में वृद्धि करने के उद्देश्य से कलेक्टर नम्रता गांधी की विशेष पहल पर जल जगार उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार को वनांचल नगरी के ग्राम कुम्हड़ाकोट में जल जगार उत्सव के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिले के जल जगार के लिए तैयार किये गये काल्पनिक आईकान पीकू के माध्यम से पानी के महत्व को बहुत ही सुंदर संवाद के जरिये बताया गया। पीकू ने बताया कि धान की फसल को प्रतिवर्ग फीट 16 लीटर पानी की आवश्यकता होती है, अगर आप गर्मी में धान की फसल लेंगे तो सोचिए पानी की कितनी कमी हो जाएगी। आज हमारा धमतरी जिला किस भयानक जल संकट से गुजर रहा है। कई गांवोंं में पानी की कितनी कमी हो गयी है। मई महीने में हमारे धमतरी में लगभग 740 पेयजल पंप बंद हो चुके हैं। धमतरी जिले को जीवन देने वाले गंगरेल में भी सिर्फ चार टीएमसी पानी शेष है। आप सभी किसान भाई धान के बदले दलहन, तिलहन की खेती करें, जो हमारी मिट्टी उर्वरता को बढ़ाती है। दलहन की खेती से मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं अन्य तत्व की मात्रा भी बढ़ जाती है। इसका लाभ आगामी खरीफ फसलों को मिलता है और उत्पादन में वृद्धि होती है। जल प्रहरी नीरज वानखेड़े ने कहा कि पानी की उपयोगिता को सभी समझें, नही ंतो पछताना पड़ेगा। इस मौके पर रूफटॉप स्ट्रक्चर, वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और वेस्ट वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की विधि बताई। कार्यक्रम में बच्चों द्वारा जल संरक्षण के संबंध में नृत्य और नाटक प्रस्तुत किया गया। इस दौरान उपस्थित अधिकारियों ने जल संग्रहण के क्षेत्र में अच्छा काम करने वाली गांव की हेमलता शर्मा को सहित अन्य ग्रामीणों को टी-शर्ट, मग, आदि प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सहायक संचालक कृषि नगरी, उद्यानिकी विभाग के चंद्रहास साहू सहित ग्राम के सरपंच एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।

जल जगार उत्सव मेें पीकू ने बताया पानी का महत्व
गर्मियों में धान के स्थान पर दलहन फसलों को लेने दी गयी समझाईश कुम्हड़ाकोट के ग्रामीणों को पानी बचाने के बताये गये तरीके छत्तीसगढ़ संवाददाता धमतरी, 31 मई। जिले में जल को संरक्षित करने एवं वर्षा के स्वच्छ पानी को जल संरक्षण के विभिन्न उपायों को अपना कर जल स्तर में वृद्धि करने के उद्देश्य से कलेक्टर नम्रता गांधी की विशेष पहल पर जल जगार उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार को वनांचल नगरी के ग्राम कुम्हड़ाकोट में जल जगार उत्सव के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिले के जल जगार के लिए तैयार किये गये काल्पनिक आईकान पीकू के माध्यम से पानी के महत्व को बहुत ही सुंदर संवाद के जरिये बताया गया। पीकू ने बताया कि धान की फसल को प्रतिवर्ग फीट 16 लीटर पानी की आवश्यकता होती है, अगर आप गर्मी में धान की फसल लेंगे तो सोचिए पानी की कितनी कमी हो जाएगी। आज हमारा धमतरी जिला किस भयानक जल संकट से गुजर रहा है। कई गांवोंं में पानी की कितनी कमी हो गयी है। मई महीने में हमारे धमतरी में लगभग 740 पेयजल पंप बंद हो चुके हैं। धमतरी जिले को जीवन देने वाले गंगरेल में भी सिर्फ चार टीएमसी पानी शेष है। आप सभी किसान भाई धान के बदले दलहन, तिलहन की खेती करें, जो हमारी मिट्टी उर्वरता को बढ़ाती है। दलहन की खेती से मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं अन्य तत्व की मात्रा भी बढ़ जाती है। इसका लाभ आगामी खरीफ फसलों को मिलता है और उत्पादन में वृद्धि होती है। जल प्रहरी नीरज वानखेड़े ने कहा कि पानी की उपयोगिता को सभी समझें, नही ंतो पछताना पड़ेगा। इस मौके पर रूफटॉप स्ट्रक्चर, वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और वेस्ट वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की विधि बताई। कार्यक्रम में बच्चों द्वारा जल संरक्षण के संबंध में नृत्य और नाटक प्रस्तुत किया गया। इस दौरान उपस्थित अधिकारियों ने जल संग्रहण के क्षेत्र में अच्छा काम करने वाली गांव की हेमलता शर्मा को सहित अन्य ग्रामीणों को टी-शर्ट, मग, आदि प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सहायक संचालक कृषि नगरी, उद्यानिकी विभाग के चंद्रहास साहू सहित ग्राम के सरपंच एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।