डैमेज एयरक्राफ्ट का बीमा न होने के लगे थे आरोप:सरकार 70 करोड़ में कराएगी सरकारी हेलिकॉप्टर का बीमा, 11 अक्टूबर तक बुलाए ऑफर

तीन साल पहले डैमेज हुए एयरक्राफ्ट का बीमा न होने से आर्थिक नुकसान और विपक्ष के आरोप झेल रही सरकार अब खरीदे जाने वाले नए विमान और वर्तमान में सरकार में उपयोग में लाए जा रहे हेलिकॉप्टर का बीमा कराने जा रही है। शिवराज सरकार के कार्यकाल में ग्वालियर में डैमेज हुए विमान का बीमा नहीं होने पर पिछले माह कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी को घेरा था। अब इस साल 13 साल पुराने हेलिकॉप्टर का बीमा कराने की कवायद शुरू की गई है। इसके लिए 11 अक्टूबर तक इसके लिए बीमा कम्पनियों से आफर बुलाए गए हैं। बीमा एजेंसी को हेलिकॉप्टर के किसी भी रूप में दुर्घटनाग्रस्त होने के साथ हाईजैक किए जाने या आतंकी हमले का शिकार होने पर नुकसान की भरपाई करना होगी। प्रदेश के विमानन विभाग के आयुक्त द्वारा इसको लेकर जारी निर्देशों में कहा गया है कि एयरबस ईसी 155 बी 1 हेलिकॉप्टर (वीटी-एमपीआर) का बीमा किया जाना है। इस एयरक्राफ्ट के बीमा के लिए इच्छुक बीमा कम्पनियां 11 अक्टूबर को दोपहर बाद एक बजे तक अपने ऑफर दे सकेंगी। इसमें एयरक्राफ्ट की खरीदी के समय कीमत एक करोड़ पांच लाख यूरो (भारतीय मुद्रा में 70 करोड़ 61 लाख 25 हजार रुपए) बताई गई है। इसमें हेलिकॉप्टर की प्रीवियस इंश्योरेंस डिटेल निल बताई गई है। साथ ही वर्तमान में किए जाने वाले बीमा में हल आल रिस्क, हल वार रिस्क, थर्ड पार्टी लायबिलिटी, पैसेंजर लायबिलिटी, क्रयू लायबिलिटी एज पर डीजीसीए नार्म्स तय किया गया है। 70 करोड़ रखी डैमेज होने की प्रपोज्ड वैल्यू ऐसा है बीमा कराए जाने वाले हेलिकॉप्टर का स्टेटस विभाग ने कहा है कि ईसी 155 बी 1 हेलिकॉप्टर का रजिस्ट्रेशन मार्क वीडी एमपीआर है जो 2011 का मैन्युफैक्चरिंग है। इसकी पैसेंजर कैपिसिटी 2 प्लस 6 यानी आठ है। इसका वेट 4690 किलोग्राम है। इसका लास्ट इंश्योरेंस 18 अक्टूबर 2023 का है। यह पैसेंजर उड़ान के रूप में इस्तेमाल होता है और भोपाल में इसका पार्किंग है। केके मिश्रा ने लगाए थे आरोप, अफसरों की साजिस थी ग्वालियर में डैमेज एयरक्राफ्ट का बीमा न कराना पिछले माह कांग्रेस के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा ने राज्य सरकार के अफसरों पर यह आरोप लगाया था कि ग्वालियर में 2021 से डैमेज हालत में खड़ा विमान बगैर बीमा के संचालित था। यह पूर्व मुख्यमंत्री समेत उसमें सफर करने वालों के लिए अफसरों की साजिस का हिस्सा था कि उसका बीमा नहीं कराया गया था। बीमा होता तो सरकार को उस एयरक्राफ्ट के नुकसान की भरपाई हो जाती।

डैमेज एयरक्राफ्ट का बीमा न होने के लगे थे आरोप:सरकार 70 करोड़ में कराएगी सरकारी हेलिकॉप्टर का बीमा, 11 अक्टूबर तक बुलाए ऑफर
तीन साल पहले डैमेज हुए एयरक्राफ्ट का बीमा न होने से आर्थिक नुकसान और विपक्ष के आरोप झेल रही सरकार अब खरीदे जाने वाले नए विमान और वर्तमान में सरकार में उपयोग में लाए जा रहे हेलिकॉप्टर का बीमा कराने जा रही है। शिवराज सरकार के कार्यकाल में ग्वालियर में डैमेज हुए विमान का बीमा नहीं होने पर पिछले माह कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी को घेरा था। अब इस साल 13 साल पुराने हेलिकॉप्टर का बीमा कराने की कवायद शुरू की गई है। इसके लिए 11 अक्टूबर तक इसके लिए बीमा कम्पनियों से आफर बुलाए गए हैं। बीमा एजेंसी को हेलिकॉप्टर के किसी भी रूप में दुर्घटनाग्रस्त होने के साथ हाईजैक किए जाने या आतंकी हमले का शिकार होने पर नुकसान की भरपाई करना होगी। प्रदेश के विमानन विभाग के आयुक्त द्वारा इसको लेकर जारी निर्देशों में कहा गया है कि एयरबस ईसी 155 बी 1 हेलिकॉप्टर (वीटी-एमपीआर) का बीमा किया जाना है। इस एयरक्राफ्ट के बीमा के लिए इच्छुक बीमा कम्पनियां 11 अक्टूबर को दोपहर बाद एक बजे तक अपने ऑफर दे सकेंगी। इसमें एयरक्राफ्ट की खरीदी के समय कीमत एक करोड़ पांच लाख यूरो (भारतीय मुद्रा में 70 करोड़ 61 लाख 25 हजार रुपए) बताई गई है। इसमें हेलिकॉप्टर की प्रीवियस इंश्योरेंस डिटेल निल बताई गई है। साथ ही वर्तमान में किए जाने वाले बीमा में हल आल रिस्क, हल वार रिस्क, थर्ड पार्टी लायबिलिटी, पैसेंजर लायबिलिटी, क्रयू लायबिलिटी एज पर डीजीसीए नार्म्स तय किया गया है। 70 करोड़ रखी डैमेज होने की प्रपोज्ड वैल्यू ऐसा है बीमा कराए जाने वाले हेलिकॉप्टर का स्टेटस विभाग ने कहा है कि ईसी 155 बी 1 हेलिकॉप्टर का रजिस्ट्रेशन मार्क वीडी एमपीआर है जो 2011 का मैन्युफैक्चरिंग है। इसकी पैसेंजर कैपिसिटी 2 प्लस 6 यानी आठ है। इसका वेट 4690 किलोग्राम है। इसका लास्ट इंश्योरेंस 18 अक्टूबर 2023 का है। यह पैसेंजर उड़ान के रूप में इस्तेमाल होता है और भोपाल में इसका पार्किंग है। केके मिश्रा ने लगाए थे आरोप, अफसरों की साजिस थी ग्वालियर में डैमेज एयरक्राफ्ट का बीमा न कराना पिछले माह कांग्रेस के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा ने राज्य सरकार के अफसरों पर यह आरोप लगाया था कि ग्वालियर में 2021 से डैमेज हालत में खड़ा विमान बगैर बीमा के संचालित था। यह पूर्व मुख्यमंत्री समेत उसमें सफर करने वालों के लिए अफसरों की साजिस का हिस्सा था कि उसका बीमा नहीं कराया गया था। बीमा होता तो सरकार को उस एयरक्राफ्ट के नुकसान की भरपाई हो जाती।