ग्वालियर जानलेवा रफ्तार में डेंगू:इस सीजन में 551 डेंगू पॉजिटिव, 341 शहर से आए, DSP को भी हुआ डेंगू

ग्वालियर में डेंगू की रफ्तार अब जानलेवा होती जा रही है। 21 सितंबर को एक 35 वर्षीय युवक की डेंगू से मौत हो चुकी है, जबकि इसी सीजन में अब तक 551 डेंगू के पेशेंट मिल चुके हैं, जिनमें से 341 सिर्फ ग्वालियर शहर से हैं। इतना ही नहीं अब पुलिस और प्रशासन भी डेंगू की चपेट में आए हैं। दो दिन पहले हुए डेंगू टेस्ट में SDOP बेहट संतोष पटेल को भी डेंगू होने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा देहात के कई थानों के पुलिसकर्मी डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। एसडीओपी संतोष पटेल को शहर के शिवपुरी लिंक रोड स्थित लिंक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। लगातार पांच दिन से डीएसपी पटेल को फीवर आ रहा था, लेकिन उसके बाद भी वह अपने स्वास्थ्य को दरकिनार करते हुए पुलिसिंग करते रहे। डेंगू और मलेरिया को रोकने के लिए मलेरिया विभाग और नगर निगम द्वारा की जाने वाली फॉगिंग और कीटनाशक के छिड़काव के दावे के बीच डेंगू के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। साल 2023 में जनवरी से सितंबर तक तक डेंगू के 210 मरीज मिले थे, जबकि इस वर्ष 2024 में डेंगू के 341 मरीज अभी तक मिल चुके हैं जबकि सितंबर माह खत्म होने में 7 दिन शेष है। पिछले साल की तुलना में 62 फीसदी बढ़े डेंगू केस बीते वर्ष की तुलना में इस साल डेंगू के केस 62% ज्यादा हो चुके हैं। इसका कारण कागजों में फॉगिंग और कीटनाशक का छिड़काव बढ़ रहा है, जबकि सरकारी विभागों द्वारा की जा रही फॉगिंग और कीटनाशक का छिड़काव शहर के लोगों को कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। हाल ही में हरीशंकरपुरम में डेंगू से हुई एक मौत ने मलेरिया विभाग और निगम के दावों को हकीकत का आइना भी दिखा दिया है। शहर के लोग कह रहे हैं कि फॉगिंग की टीम एक साल में भी कॉलोनी-मोहल्ले में नहीं आई। शहर के वार्डों में फॉगिंग मैनेजमेंट प्लान बनाया था, लेकिन उस पर भी अमल नहीं हो रहा है। हेल्पलाइन का जो मोबाइल नंबर जारी गया। वह भी मनमर्जी से उठता है। 211 बच्चे अभी तक डेंगू की चपेट में आ चुके वैसे तो डेंगू हर उम्र के लोगों के लिए खतरा है, लेकिन अभी ताजा रिपोर्ट की बात करें तो बच्चों के लिए यह बेहद खतरनाक हैं। इस सीजन में अभी तक आए कुल 551 डेंगू पॉजिटिव केस आए हैं, उनमे से 211 बच्चे हैं जिनकी उम्र 5 साल से 14 साल है। बच्चों में डेंगू के लक्षण ज्यादा नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि बच्चों की ज्यादा देखभाल रखने की जरुरत है। 111 सैंपल की जांच में 11 बच्चों सहित डेंगू के 24 मरीज मिले जीआरएमसी के माइक्रो बायोलाॅजी विभाग और जिला अस्पताल मुरार में रविवार को डेंगू के 111 मरीजों के सैंपल की जांच की गई। जांच में 24 मरीजों को डेंगू होने की पुष्टि हुई। इनमें ग्वालियर के 18 तथा 6 मरीज दूसरे जिलों के हैं। 211 बच्चे अब तक डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। 25 फॉगिंग मशीन, एक व्यक्ति के हवाले तीन निगम के पास फॉगिंग मशीन को चलाने के लिए चालक भी नहीं हैं। निगम के पास 25 फॉगिंग मशीन है। इनको चलाने के लिए 10 चालक है। मतलब 1 चालक 3 मशीन चला रहा है। इसी से अंदाजा लगता है कि नगर निगम फॉगिंग को लेकर कितना गंभीर है।

ग्वालियर जानलेवा रफ्तार में डेंगू:इस सीजन में 551 डेंगू पॉजिटिव, 341 शहर से आए, DSP को भी हुआ डेंगू
ग्वालियर में डेंगू की रफ्तार अब जानलेवा होती जा रही है। 21 सितंबर को एक 35 वर्षीय युवक की डेंगू से मौत हो चुकी है, जबकि इसी सीजन में अब तक 551 डेंगू के पेशेंट मिल चुके हैं, जिनमें से 341 सिर्फ ग्वालियर शहर से हैं। इतना ही नहीं अब पुलिस और प्रशासन भी डेंगू की चपेट में आए हैं। दो दिन पहले हुए डेंगू टेस्ट में SDOP बेहट संतोष पटेल को भी डेंगू होने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा देहात के कई थानों के पुलिसकर्मी डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। एसडीओपी संतोष पटेल को शहर के शिवपुरी लिंक रोड स्थित लिंक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। लगातार पांच दिन से डीएसपी पटेल को फीवर आ रहा था, लेकिन उसके बाद भी वह अपने स्वास्थ्य को दरकिनार करते हुए पुलिसिंग करते रहे। डेंगू और मलेरिया को रोकने के लिए मलेरिया विभाग और नगर निगम द्वारा की जाने वाली फॉगिंग और कीटनाशक के छिड़काव के दावे के बीच डेंगू के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। साल 2023 में जनवरी से सितंबर तक तक डेंगू के 210 मरीज मिले थे, जबकि इस वर्ष 2024 में डेंगू के 341 मरीज अभी तक मिल चुके हैं जबकि सितंबर माह खत्म होने में 7 दिन शेष है। पिछले साल की तुलना में 62 फीसदी बढ़े डेंगू केस बीते वर्ष की तुलना में इस साल डेंगू के केस 62% ज्यादा हो चुके हैं। इसका कारण कागजों में फॉगिंग और कीटनाशक का छिड़काव बढ़ रहा है, जबकि सरकारी विभागों द्वारा की जा रही फॉगिंग और कीटनाशक का छिड़काव शहर के लोगों को कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। हाल ही में हरीशंकरपुरम में डेंगू से हुई एक मौत ने मलेरिया विभाग और निगम के दावों को हकीकत का आइना भी दिखा दिया है। शहर के लोग कह रहे हैं कि फॉगिंग की टीम एक साल में भी कॉलोनी-मोहल्ले में नहीं आई। शहर के वार्डों में फॉगिंग मैनेजमेंट प्लान बनाया था, लेकिन उस पर भी अमल नहीं हो रहा है। हेल्पलाइन का जो मोबाइल नंबर जारी गया। वह भी मनमर्जी से उठता है। 211 बच्चे अभी तक डेंगू की चपेट में आ चुके वैसे तो डेंगू हर उम्र के लोगों के लिए खतरा है, लेकिन अभी ताजा रिपोर्ट की बात करें तो बच्चों के लिए यह बेहद खतरनाक हैं। इस सीजन में अभी तक आए कुल 551 डेंगू पॉजिटिव केस आए हैं, उनमे से 211 बच्चे हैं जिनकी उम्र 5 साल से 14 साल है। बच्चों में डेंगू के लक्षण ज्यादा नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि बच्चों की ज्यादा देखभाल रखने की जरुरत है। 111 सैंपल की जांच में 11 बच्चों सहित डेंगू के 24 मरीज मिले जीआरएमसी के माइक्रो बायोलाॅजी विभाग और जिला अस्पताल मुरार में रविवार को डेंगू के 111 मरीजों के सैंपल की जांच की गई। जांच में 24 मरीजों को डेंगू होने की पुष्टि हुई। इनमें ग्वालियर के 18 तथा 6 मरीज दूसरे जिलों के हैं। 211 बच्चे अब तक डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। 25 फॉगिंग मशीन, एक व्यक्ति के हवाले तीन निगम के पास फॉगिंग मशीन को चलाने के लिए चालक भी नहीं हैं। निगम के पास 25 फॉगिंग मशीन है। इनको चलाने के लिए 10 चालक है। मतलब 1 चालक 3 मशीन चला रहा है। इसी से अंदाजा लगता है कि नगर निगम फॉगिंग को लेकर कितना गंभीर है।