नाकेदार की पहल पर कमरे में चल रहा स्कूल:आदिवासी गांव सुक्ता मोटी बारी फाल्या में आदिवासी बच्चे सीख रहे अक्षर ज्ञान

बुरहानपुर जिले के आदिवासी गांव सुक्ता मोटी बारी फाल्या में आदिवासी बच्चे अक्टूबर 2023 से अक्षर ज्ञान सीख रहे हैं। आदिवासियों के यह बच्चे कभी केवल बकरी चराते थे, लेकिन क्षेत्र में पदस्थ वन विभाग के नाकेदार कमलेश रघुवंशी ने आदिवासियों को मोटिवेट किया और गांव में ही एक छोटे से कमरे में स्कूल खोला। जहां गांव के ही एक आदिवासी पढ़े लिखे युवा को शिक्षा देने के लिए रहा। अब यहां के बच्चे बकरी चराने की बजाय स्कूल आ रहे हैं। नाकेदार कमलेश रघुवंशी ने बताया शिक्षा से वंचित मवेशी चराने वाले सुदुर आदिवासी फलिया में बच्चों को अक्षर ज्ञान मिल रहा है। गांव के लोगों को किया जागरूक नाकेदार ने गांव के लोगां को जागरूक कियां इसके बाद वह अपने बच्चो को स्कूल भेजने को राजी हुए। खुद नाकेदार भी यहां बच्चों को प्रेरित भी करने पहुंचते हैं। नाकेदार की पदस्थापना इसी क्षेत्र में है इसलिए वह समय समय पर पहुंचकर शिक्षा के लिए प्रयासरत हैं।

नाकेदार की पहल पर कमरे में चल रहा स्कूल:आदिवासी गांव सुक्ता मोटी बारी फाल्या में आदिवासी बच्चे सीख रहे अक्षर ज्ञान
बुरहानपुर जिले के आदिवासी गांव सुक्ता मोटी बारी फाल्या में आदिवासी बच्चे अक्टूबर 2023 से अक्षर ज्ञान सीख रहे हैं। आदिवासियों के यह बच्चे कभी केवल बकरी चराते थे, लेकिन क्षेत्र में पदस्थ वन विभाग के नाकेदार कमलेश रघुवंशी ने आदिवासियों को मोटिवेट किया और गांव में ही एक छोटे से कमरे में स्कूल खोला। जहां गांव के ही एक आदिवासी पढ़े लिखे युवा को शिक्षा देने के लिए रहा। अब यहां के बच्चे बकरी चराने की बजाय स्कूल आ रहे हैं। नाकेदार कमलेश रघुवंशी ने बताया शिक्षा से वंचित मवेशी चराने वाले सुदुर आदिवासी फलिया में बच्चों को अक्षर ज्ञान मिल रहा है। गांव के लोगों को किया जागरूक नाकेदार ने गांव के लोगां को जागरूक कियां इसके बाद वह अपने बच्चो को स्कूल भेजने को राजी हुए। खुद नाकेदार भी यहां बच्चों को प्रेरित भी करने पहुंचते हैं। नाकेदार की पदस्थापना इसी क्षेत्र में है इसलिए वह समय समय पर पहुंचकर शिक्षा के लिए प्रयासरत हैं।