PM नरेन्द्र मोदी आज विश्व की पहली वैदिक घड़ी का करेंगे लोकार्पण

उज्जैन। धर्मधानी के जीवाजी वेधशाला परिसर में स्थापित विश्व की पहली वैदिक घड़ी का लोकार्पण आज शाम चार बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअल रूप से करेंगे। वे यहां 6265 करोड़ रुपये के 688 निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन करेंगे। मुख्य कार्यक्रम भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर होगा। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जाएगा। इस कार्यक्रम को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक जगह लाइव देखने और सुनने की व्यवस्था की जाएगी। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी को बेहद खास माना जा रहा है। घड़ी को 85 फीट उचांई पर टॉवर पर लगाया गया है। इस कार्यक्रम में MP के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी मौजूद रहेंगे। 22 मार्च 2022 को इस घड़ी की नींव रखी गई थी। वैदिक घड़ी की खासियत- इस घड़ी में वैदिक समय, IST, GMT के साथ भारतीय काल की गणना विक्रम संवत् की जानकारी के साथ विक्रम संवत् पंचांग (भारतीय प्राचीन कैलेंडर) शामिल रहेगा। सूर्योदय से सूर्यास्त के साथ ग्रह, योग, नक्षत्र, चौघड़िया, भद्रा, चंद्र स्थिति, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण की जानकारी इस घड़ी से मिलेगी। ब्रह्म मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त, अमृत काल और मौसम से जुड़ी सभी जानकारी मिलेगी। आपको बता दें, कि वैदिक घड़ी में हर घंटे बाद बैकग्राउंड में नई तस्वीर दिखेगी। इसके साथ ही 12 ज्योतिर्लिंग मंदिर, नवग्रह, राशि चक्र के साथ दूसरे धार्मिक स्थल भी दिखाई देंगे। इतना ही नहीं देश-दुनिया के खूबसूरत सूर्यास्त, सूर्य ग्रहण के नजारे भी देखने को मिलेंगे। घड़ी इंटरनेट और ग्लोबल पॉजिशिनिंग सिस्टम (GPS) से जुड़ी रहेगी। वैदिक घड़ी से जुड़ा एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाएगा। इस घड़ी में जो बदलाव होंगे, वो एप में भी शो होंगे। इसे मैन्युअल भी ऑपरेट किया जा सकता है । इस ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। यह घड़ी में 24 घंटे नहीं बल्कि 30 घंटे का समय बताएगी। घड़ी के लिए उज्जैन ही क्यों चुना?- वैदिक घड़ी लगाने के लिए उज्जैन में जीवाजी वेधशाला के पास 85 फीट ऊंचा टावर बनाया गया है। जिस पर इस वैदिक घड़ी को लगाया गया है। विक्रम शोध पीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी के अनुसार, यह घड़ी दुनिया की पहली ऐसी घड़ी है, जिसमें भारतीय काल की गणना को दर्शाया जाएगा। उज्जैन को काल गणना (टाइम कैलकुलेशन) का केंद्र माना जाता रहा है। साथ ही उज्जैन से कर्क रेखा गुजरी है। इसी लिए वैदिक घड़ी के लिए उज्जैन उत्तम जगह है।

PM नरेन्द्र मोदी आज विश्व की पहली वैदिक घड़ी का करेंगे लोकार्पण
उज्जैन। धर्मधानी के जीवाजी वेधशाला परिसर में स्थापित विश्व की पहली वैदिक घड़ी का लोकार्पण आज शाम चार बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअल रूप से करेंगे। वे यहां 6265 करोड़ रुपये के 688 निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन करेंगे। मुख्य कार्यक्रम भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर होगा। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जाएगा। इस कार्यक्रम को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक जगह लाइव देखने और सुनने की व्यवस्था की जाएगी। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी को बेहद खास माना जा रहा है। घड़ी को 85 फीट उचांई पर टॉवर पर लगाया गया है। इस कार्यक्रम में MP के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी मौजूद रहेंगे। 22 मार्च 2022 को इस घड़ी की नींव रखी गई थी। वैदिक घड़ी की खासियत- इस घड़ी में वैदिक समय, IST, GMT के साथ भारतीय काल की गणना विक्रम संवत् की जानकारी के साथ विक्रम संवत् पंचांग (भारतीय प्राचीन कैलेंडर) शामिल रहेगा। सूर्योदय से सूर्यास्त के साथ ग्रह, योग, नक्षत्र, चौघड़िया, भद्रा, चंद्र स्थिति, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण की जानकारी इस घड़ी से मिलेगी। ब्रह्म मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त, अमृत काल और मौसम से जुड़ी सभी जानकारी मिलेगी। आपको बता दें, कि वैदिक घड़ी में हर घंटे बाद बैकग्राउंड में नई तस्वीर दिखेगी। इसके साथ ही 12 ज्योतिर्लिंग मंदिर, नवग्रह, राशि चक्र के साथ दूसरे धार्मिक स्थल भी दिखाई देंगे। इतना ही नहीं देश-दुनिया के खूबसूरत सूर्यास्त, सूर्य ग्रहण के नजारे भी देखने को मिलेंगे। घड़ी इंटरनेट और ग्लोबल पॉजिशिनिंग सिस्टम (GPS) से जुड़ी रहेगी। वैदिक घड़ी से जुड़ा एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाएगा। इस घड़ी में जो बदलाव होंगे, वो एप में भी शो होंगे। इसे मैन्युअल भी ऑपरेट किया जा सकता है । इस ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। यह घड़ी में 24 घंटे नहीं बल्कि 30 घंटे का समय बताएगी। घड़ी के लिए उज्जैन ही क्यों चुना?- वैदिक घड़ी लगाने के लिए उज्जैन में जीवाजी वेधशाला के पास 85 फीट ऊंचा टावर बनाया गया है। जिस पर इस वैदिक घड़ी को लगाया गया है। विक्रम शोध पीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी के अनुसार, यह घड़ी दुनिया की पहली ऐसी घड़ी है, जिसमें भारतीय काल की गणना को दर्शाया जाएगा। उज्जैन को काल गणना (टाइम कैलकुलेशन) का केंद्र माना जाता रहा है। साथ ही उज्जैन से कर्क रेखा गुजरी है। इसी लिए वैदिक घड़ी के लिए उज्जैन उत्तम जगह है।