सरकार के पास नक्सलवाद को खत्म करने के लिए नीति नहीं-चंद्रदीप

छत्तीसगढ़ संवाददाता सूरजपुर,19 मई। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के सूरजपुर जिला महासचिव चंद्रदीप कोर्चो ने बीजापुर के पीडिय़ा जंगलों पर हुए नक्सली मुठभेड़ को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार के पास नक्सलवाद को खत्म करने के लिए कोई विशेष ठोस नीति नहीं है। कोर्चो ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार बने सिर्फ पांच महीने होने जा रहा है लेकिन नक्सली हिंसा खत्म नहीं हो रही है, वहीं स्थानीय ग्रामीण तेंदूपत्ता तोडऩे जा रहे हैं तो उन्हें नक्सली समझकर मारा जा रहा है। मुठभेड़ में कई निर्दोष स्थानीय ग्रामीण आदिवासियों की जाने गई हैं। बस्तर संभाग के कई जिलों में नक्सली हमले प्रतिदिन हो रही है, लेकिन सरकार के पास नक्सली हिंसा को रोकने के लिए कोई योजना नहीं है। मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बना, तब कांग्रेस सरकार आई, उसके बाद लगातार 15 वर्ष तक भाजपा सरकार रही, फिर पांच वर्ष कांग्रेस सरकार थी। वर्तमान में केंद्र व प्रदेश में भाजपा सरकार है, लेकिन आज तक नक्सवाद उन्मूलन को रोकने के लिए कोई ठोस नीति नहीं बन पाई है। हर बार दोनों राष्ट्रीय दल नक्सली समस्या को लेकर कई बड़े वादे करते हैं, परन्तु पूर्ण बहुमत की सरकार बनते ही सारे वादे भूल जाते हैं। छत्तीसगढ़ में हमेशा नक्सली हमले होते रहते हैं, जिसमें कभी पुलिस फोर्स की जान जाती है तो कभी नक्सलियों की जान जाती है, परन्तु जान पुलिस की हो या नक्सलियों की, जान ही होती है। वहीं सैकड़ों जानें गई, पुलिस को मेडल मिला और जो नक्सली सरेंडर हुए उसे सहायता राशि प्राप्त हुई है। नक्सली हमला क्यों होता है इसका कारण जानने का प्रयास कभी नहीं किए? गोंगपा प्रदेश सरकार से अपील करता है कि उच्च स्तरीय समिति गठन करें और जितने निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर एनकाउंटर किया गया है, उनके परिवार वाले को सरकारी नौकरी व एक करोड़ मुआवजा दिया जाए। वहीं बीजापुर के पीडिय़ा जंगलों में मुठभेड़ पर निर्दोष आदिवासियों की जान गई है, उसका उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो सकें।

सरकार के पास नक्सलवाद को खत्म करने के लिए नीति नहीं-चंद्रदीप
छत्तीसगढ़ संवाददाता सूरजपुर,19 मई। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के सूरजपुर जिला महासचिव चंद्रदीप कोर्चो ने बीजापुर के पीडिय़ा जंगलों पर हुए नक्सली मुठभेड़ को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार के पास नक्सलवाद को खत्म करने के लिए कोई विशेष ठोस नीति नहीं है। कोर्चो ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार बने सिर्फ पांच महीने होने जा रहा है लेकिन नक्सली हिंसा खत्म नहीं हो रही है, वहीं स्थानीय ग्रामीण तेंदूपत्ता तोडऩे जा रहे हैं तो उन्हें नक्सली समझकर मारा जा रहा है। मुठभेड़ में कई निर्दोष स्थानीय ग्रामीण आदिवासियों की जाने गई हैं। बस्तर संभाग के कई जिलों में नक्सली हमले प्रतिदिन हो रही है, लेकिन सरकार के पास नक्सली हिंसा को रोकने के लिए कोई योजना नहीं है। मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बना, तब कांग्रेस सरकार आई, उसके बाद लगातार 15 वर्ष तक भाजपा सरकार रही, फिर पांच वर्ष कांग्रेस सरकार थी। वर्तमान में केंद्र व प्रदेश में भाजपा सरकार है, लेकिन आज तक नक्सवाद उन्मूलन को रोकने के लिए कोई ठोस नीति नहीं बन पाई है। हर बार दोनों राष्ट्रीय दल नक्सली समस्या को लेकर कई बड़े वादे करते हैं, परन्तु पूर्ण बहुमत की सरकार बनते ही सारे वादे भूल जाते हैं। छत्तीसगढ़ में हमेशा नक्सली हमले होते रहते हैं, जिसमें कभी पुलिस फोर्स की जान जाती है तो कभी नक्सलियों की जान जाती है, परन्तु जान पुलिस की हो या नक्सलियों की, जान ही होती है। वहीं सैकड़ों जानें गई, पुलिस को मेडल मिला और जो नक्सली सरेंडर हुए उसे सहायता राशि प्राप्त हुई है। नक्सली हमला क्यों होता है इसका कारण जानने का प्रयास कभी नहीं किए? गोंगपा प्रदेश सरकार से अपील करता है कि उच्च स्तरीय समिति गठन करें और जितने निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर एनकाउंटर किया गया है, उनके परिवार वाले को सरकारी नौकरी व एक करोड़ मुआवजा दिया जाए। वहीं बीजापुर के पीडिय़ा जंगलों में मुठभेड़ पर निर्दोष आदिवासियों की जान गई है, उसका उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो सकें।