राजस्व प्रकरणों में केवल ऑनलाइन ही आवेदन लिया जाए : हाईकोर्ट

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने राजस्व मामलों के निराकरण और डायवर्सन में भ्रष्टाचार को लेकर महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा व जस्टिस रजनी दुबे की बेंच ने स्पष्ट किया है कि अब राजस्व प्रकरणों में केवल ऑनलाइन ही आवेदन लिया जाए। दरअसल, विधि-विधायी विभाग ने इस संबंध में 2022 में सर्कुलर जारी किया था, जिसमें ऑनलाइन आवेदन लेने के निर्देश दिए थे, जिसका पालन नहीं हो रहा था। इस मामले की पिछली सुनवाई के दौरान बिलासपुर तहसील में डायवर्सन सहित अन्य कार्यों में भ्रष्टाचार और पैसे दिए बिना काम नहीं करने पर हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाई थी। डिवीजन बेंच ने सख्ती दिखाते हुए बिलासपुर कलेक्टर को उपस्थित होकर शपथपत्र के साथ जवाब देने के लिए कहा था। यह भी जानकारी मांगी थी कि जमीन और डायवर्सन के कितने केस दर्ज हैं और कितने लंबित हैं। इस दौरान डिवीजन बेंच ने राजस्व विभाग के अफसरों को भी निर्देश जारी किया था और प्रदेश भर के तहसील कार्यालयों में लंबित प्रकरणों की जानकारी मांगी थी। जिसके बाद पेंडेंसी को देखकर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी भी जताई थी। साथ ही इस संबंध में राज्य शासन को पहल करने के निर्देश भी दिए थे।

राजस्व प्रकरणों में केवल ऑनलाइन ही आवेदन लिया जाए : हाईकोर्ट
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने राजस्व मामलों के निराकरण और डायवर्सन में भ्रष्टाचार को लेकर महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा व जस्टिस रजनी दुबे की बेंच ने स्पष्ट किया है कि अब राजस्व प्रकरणों में केवल ऑनलाइन ही आवेदन लिया जाए। दरअसल, विधि-विधायी विभाग ने इस संबंध में 2022 में सर्कुलर जारी किया था, जिसमें ऑनलाइन आवेदन लेने के निर्देश दिए थे, जिसका पालन नहीं हो रहा था। इस मामले की पिछली सुनवाई के दौरान बिलासपुर तहसील में डायवर्सन सहित अन्य कार्यों में भ्रष्टाचार और पैसे दिए बिना काम नहीं करने पर हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाई थी। डिवीजन बेंच ने सख्ती दिखाते हुए बिलासपुर कलेक्टर को उपस्थित होकर शपथपत्र के साथ जवाब देने के लिए कहा था। यह भी जानकारी मांगी थी कि जमीन और डायवर्सन के कितने केस दर्ज हैं और कितने लंबित हैं। इस दौरान डिवीजन बेंच ने राजस्व विभाग के अफसरों को भी निर्देश जारी किया था और प्रदेश भर के तहसील कार्यालयों में लंबित प्रकरणों की जानकारी मांगी थी। जिसके बाद पेंडेंसी को देखकर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी भी जताई थी। साथ ही इस संबंध में राज्य शासन को पहल करने के निर्देश भी दिए थे।