भारत में टैंक के परखच्चे उड़ाने वाले गोले बना रहा रूस, मोदी के दौरे से पहले पुतिन ने दी बड़ी सौगात, जानें ‘मैंगो’ प्‍लान

मॉस्को/ नईदिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते रूस का दौरा करने वाले हैं। इससे पहले...

भारत में टैंक के परखच्चे उड़ाने वाले गोले बना रहा रूस, मोदी के दौरे से पहले पुतिन ने दी बड़ी सौगात, जानें ‘मैंगो’ प्‍लान

मॉस्को/ नईदिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते रूस का दौरा करने वाले हैं। इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत को बड़ा तोहफा दिया है। दरअसल, पीएम मोदी की यात्रा से पहले रूस ने ऐलान किया है कि वह भारत में टैंकों के मजबूत कवच को फाड़ने वाले गोलों का निर्माण शुरू कर दिया है। इसे खास तौर पर भारतीय सेना के लिए बनाया जा रहा है। ये गोले किसी भी बख्तरबंद को पलक झपकते फाड़ सकते हैं। इसे भारत रूस के रक्षा संबंधों में मील का पत्थर माना जा रहा है। भारत रूस के बीच रक्षा संबंधों का एक लंबा और ठोस इतिहास है। इसमें भारत में हथियारों और गोला-बारूद का संयुक्त और लाइसेंस के जरिए उत्पादन भी शामिल है।

भारत में 'मैगो शेल' बना रहा रूस

रूसी राज्य के स्वामित्व वाली रक्षा निगम रोस्टेक का हिस्सा रोसोबोरोनएक्सपोर्ट हथियार निर्यातक ने भारत में मैंगो आर्मर-पियर्सिंग टैंक राउंड्स का निर्माण शुरू कर दिया है। निगम ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि यह सहयोग भारत के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान पहलों के साथ एलाइन किया गया है, जिसमें भारतीय रक्षा उद्योग के सहयोग से रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने कई फैसिलिटी स्थापित की है।

आत्मनिर्भर भारत में मदद कर रहा रूस

रोस्टेक ने रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के महानिदेशक अलेक्जेंडर मिखेव के हवाले से कहा, "मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल के साथ तालमेल बिठाते हुए रूसी-भारतीय सहयोग एक नए मील के पत्थर पर पहुंच गया है। भारतीय रक्षा ढांचे के आधार पर, रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने मैंगो टैंक राउंड के निर्माण के लिए आवश्यक उत्पादन सुविधाएं स्थापित की हैं। यह विकास भारत को प्रौद्योगिकी आत्मसात और उत्पादन संगठन की प्रक्रिया शुरू करने में सक्षम बनाता है।" भारत में रोसोबोरोनएक्सपोर्ट का काम "व्यापक औद्योगिक साझेदारी का एक शानदार उदाहरण" है।

संयुक्त हथियार उत्पादन पर रूस का जोर

रूस ने कहा है कि इस सहयोगी ढांचे के भीतर, विभिन्न प्रकार के हथियारों से जुड़ी संयुक्त परियोजनाओं को विकसित किया गया है, जो दो अलग-अलग देशों की कंपनियों के बीच सहयोग के एक असाधारण स्तर को प्रदर्शित करता है। इस बीच, रोस्टेक के प्रमुख सर्गेई चेमेजaव ने उसी बयान में कहा कि भारत में रूसी गोला-बारूद के उत्पादन का स्थानीयकरण भविष्य में आगे बढ़ता रहेगा।

भारत के साथ रक्षा क्षेत्र में सहयोह बढ़ा रहा रूस

चेमेजोव ने कहा, "रोस्टेक के पास मित्र देशों के साथ औद्योगिक साझेदारी का काफी अनुभव है। कई परियोजनाओं में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और विशेषज्ञता साझा करना शामिल है। इस तरह की साझेदारी आयात करने वाले देश को अपना उत्पादन विकसित करने में सक्षम बनाती है, जो एक प्रमुख रक्षा समाधान आपूर्तिकर्ता के रूप में रोस्टेक के लिए एक प्रतिस्पर्धात्मक लाभ है। हम भारत के साथ ऐसी कई परियोजनाओं को लागू करने का इरादा रखते हैं।" इन परियोजनाओं में टी-90 टैंकों, कवच-भेदी सब-कैलिबर प्रोजेक्टाइल से लैस मैंगो शेल और अन्य उन्नत हथियार प्रणालियों का लाइसेंस प्राप्त उत्पादन शामिल है।

टैंक भेदी गोले क्या होते हैं?

3VBM17 मैंगो शेल में 3BM42 फिन-स्टेबलाइज्ड आर्मर-पियर्सिंग सब-कैलिबर प्रोजेक्टाइल है, जो समग्र कवच से लैस आधुनिक टैंकों को प्रभावी ढंग से निशाना बनाता है। चेमेज़ोव ने कहा कि भविष्य में, मैंगो राउंड के स्थानीय उत्पादन को सुविधाजनक बनाने के लिए, कंपनी भारत में बारूद निर्माण शुरू करने की योजना बना रही है, जिसे वाहनों को संयुक्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके अलावा, रूसी कंपनी भारत की रक्षा होल्डिंग के आधार पर भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है।