दिन भाषण संबोधन में गुजर गया 10 मिनट बैठी टाक्स फोर्स और हो गई शाम

महंगे होटल में उच्च शिक्षा विभाग की कार्यशाला छत्तीसगढ़ संवाददाता रायपुर, 7 मार्च। कहा तो गया था कि नई उच्च शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर गठित टास्क फोर्स की कार्यशाला होगी। लेकिन इसके लिए गठित 10 टास्क फोर्स के सदस्य आपस में 10 मिनट ही चर्चा कर पाए और शाम हो गई।दिन भर भाषण संबोधन में निकल गया। एनईपी के तहत चार वर्ष के स्नातक पाठ्यक्रम को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई। कल राजधानी के एक होटल में आयोजित टास्क फोर्स कमेटियों के वर्क शाप में बताया गया कि स्नातक को पहले तीन वर्ष में प्राप्तांक 7.5 सीजीपी (प्रतिशत की जगह) मिलने पर ही चौथे वर्ष में प्रवेश दिया जाएगा। इसे उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को तीन वर्ष में स्नातक चार वर्ष में आनर्स की उपाधि दी जाएगी। वर्कशाप में कहा गया कि एनईपी लागू करने के लिए सबसे पहली शर्त शैक्षणिक पदों पर रिक्तियों की पूर्ति आवश्यक है। इस पर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार अगले कुछ वर्ष में सहायक प्राध्यापकों के 2200 पदों पर भर्ती करेगी। ब्रेन ड्रेन रोकने शिक्षा पध्दति में बदलाव की जरूरत है।अभी कॉलेज शिक्षा में 4 करोड़ युवा, केंद्र ने इसे दो करोड़ और बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए कॉलेज, विवि में शैक्षणिक सुविधाओं में वृद्धि पर जोर दिया गया । परंपरागत पाठ्यक्रम के साथ रोजगार परक पाठ्यक्रम भी जोडऩे पर चर्चा हुई। अन्य राज्यों के राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विशेषज्ञ तथा सीमावर्ती राज्यों के अधिकारी, जिनके द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू किया गया है, उनके द्वारा अनुभव को साझा किया गया। इस कार्यशाला में स्वागत उद्बोधन उच्च शिक्षा विभाग के सचिव आर. प्रसन्ना द्वारा दिया गया। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल, महात्मा गांधी हार्टिकल्चर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर.एस. कुरील, उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव श्रीमती मोनिका एस. गर्ग, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी एवं छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम ने राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की संभावनाओं पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए। आज सर्किट हाउस सभागार में बैठक पहले दिन बुधवार की कॉंफ्रेस महंगे होटल में करने के बाद दूसरे दिन प्राचार्यों और विवि के कुलपतियों की कॉफ्रेंस सर्किट हाउस सभागार में आयोजित की गई। निजी विवि को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए निजी विवि को भी ऐसी चर्चाओं बैठकों में आमंत्रित किया जाना चाहिए। उनमें तो 2021 से एनईपी लागू, और वे साल दर साल खामियां दूर कर आगे बढ़ रहे हैं ।निजी विवि में हजारों बच्चे ग्लोबल क्लास रूम कांसेप्ट के तहत पढ़ रहे हैं ।जैसे कलिंगा विवि में ही 30 देशों के 9 जार बच्चे पढ़ रहे। सरकार बस आदेश निर्देश देकर लागू कराती है,उनके बेस्ट प्रैक्टिसेस पर चुप्पी साध लेती है।

दिन भाषण संबोधन में गुजर गया 10 मिनट बैठी टाक्स फोर्स और हो गई शाम
महंगे होटल में उच्च शिक्षा विभाग की कार्यशाला छत्तीसगढ़ संवाददाता रायपुर, 7 मार्च। कहा तो गया था कि नई उच्च शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर गठित टास्क फोर्स की कार्यशाला होगी। लेकिन इसके लिए गठित 10 टास्क फोर्स के सदस्य आपस में 10 मिनट ही चर्चा कर पाए और शाम हो गई।दिन भर भाषण संबोधन में निकल गया। एनईपी के तहत चार वर्ष के स्नातक पाठ्यक्रम को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई। कल राजधानी के एक होटल में आयोजित टास्क फोर्स कमेटियों के वर्क शाप में बताया गया कि स्नातक को पहले तीन वर्ष में प्राप्तांक 7.5 सीजीपी (प्रतिशत की जगह) मिलने पर ही चौथे वर्ष में प्रवेश दिया जाएगा। इसे उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को तीन वर्ष में स्नातक चार वर्ष में आनर्स की उपाधि दी जाएगी। वर्कशाप में कहा गया कि एनईपी लागू करने के लिए सबसे पहली शर्त शैक्षणिक पदों पर रिक्तियों की पूर्ति आवश्यक है। इस पर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार अगले कुछ वर्ष में सहायक प्राध्यापकों के 2200 पदों पर भर्ती करेगी। ब्रेन ड्रेन रोकने शिक्षा पध्दति में बदलाव की जरूरत है।अभी कॉलेज शिक्षा में 4 करोड़ युवा, केंद्र ने इसे दो करोड़ और बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए कॉलेज, विवि में शैक्षणिक सुविधाओं में वृद्धि पर जोर दिया गया । परंपरागत पाठ्यक्रम के साथ रोजगार परक पाठ्यक्रम भी जोडऩे पर चर्चा हुई। अन्य राज्यों के राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विशेषज्ञ तथा सीमावर्ती राज्यों के अधिकारी, जिनके द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू किया गया है, उनके द्वारा अनुभव को साझा किया गया। इस कार्यशाला में स्वागत उद्बोधन उच्च शिक्षा विभाग के सचिव आर. प्रसन्ना द्वारा दिया गया। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल, महात्मा गांधी हार्टिकल्चर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर.एस. कुरील, उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव श्रीमती मोनिका एस. गर्ग, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी एवं छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम ने राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की संभावनाओं पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए। आज सर्किट हाउस सभागार में बैठक पहले दिन बुधवार की कॉंफ्रेस महंगे होटल में करने के बाद दूसरे दिन प्राचार्यों और विवि के कुलपतियों की कॉफ्रेंस सर्किट हाउस सभागार में आयोजित की गई। निजी विवि को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए निजी विवि को भी ऐसी चर्चाओं बैठकों में आमंत्रित किया जाना चाहिए। उनमें तो 2021 से एनईपी लागू, और वे साल दर साल खामियां दूर कर आगे बढ़ रहे हैं ।निजी विवि में हजारों बच्चे ग्लोबल क्लास रूम कांसेप्ट के तहत पढ़ रहे हैं ।जैसे कलिंगा विवि में ही 30 देशों के 9 जार बच्चे पढ़ रहे। सरकार बस आदेश निर्देश देकर लागू कराती है,उनके बेस्ट प्रैक्टिसेस पर चुप्पी साध लेती है।