डॉ. जमुना बीनी को मिला ठाकुर पूरन सिंह स्मृति सूत्र सम्मान

राष्ट्रीय सूत्र सम्मान समारोह में मनेन्द्रगढ़ संबोधन की भागीदारी छत्तीसगढ़ संवाददाता मनेन्द्रगढ़, 21 फरवरी। छत्तीसगढ़ के महासमुंद में आयोजित राष्ट्रीय सूत्र सम्मान समारोह रचनात्मक साहित्य उत्सव की एक ऐतिहासिक तारीख बन गई। देश भर के बहुचर्चित साहित्यकारों की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम में बागबहरा से रजत कृष्ण, रायपुर से चर्चित उपन्यासकार एवं समीक्षक सुखनंदन सिंह धुर्वे नंदन, अशोक शर्मा, भागवत जगत, डी. बसंत साव, शरद काकोश, सूत्र सम्मान के प्रणेता और समकालीन सूत्र पत्रिका के संपादक विजय सिंह, नासिर अहमद सिकंदर, सरिता सिंह, रायपुर से नंदन, रायपुर के संभागायुक्त संजय अलंग सहित संबोधन मनेन्द्रगढ़ के साहित्यकार बीरेन्द्र श्रीवास्तव, गौरव अग्रवाल एवं बिलासपुर से सरदार दलजीत सिह कालरा की सम्मिलित भागीदारी ने अरुणाचल प्रदेश की लेखिका डॉ. जमुना बीनी को दिए जाने वाले इस सूत्र सम्मान आयोजन को ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया। बहुचर्चित साहित्यकार एवं संभागायुक्त रायपुर संजय अलंग के मुख्य आतिथ्य एवं दुर्ग विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. भूपेन्द्र कुलदीप की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ महासमुंद जिले की संस्था काव्यांश साहित्य एवं कला पथक संस्थान एवं समकालीन सूत्र परिवार के संयुक्त आयोजन का यह रचनात्मक साहित्य उत्सव एक ऐतिहासिक दस्तावेज बन गया। साहित्य समागम के इस बृहद कार्यक्रम में छग प्रशासन सचिव एवं वरिष्ठ साहित्यकार त्रिलोक महावर एवं ईश्वर शर्मा की विशिष्ठ उपस्थिति ने इसे गौरवान्वित किया। अरुणाचल प्रदेश के राजीव गांधी वि.वि. में शिक्षा जगत से जुड़ी सहायक प्रो. डॉ. जमुना बीनी को वर्ष 2023 का स्व. ठाकुर पूरन सिंह स्मृति सूत्र सम्मान उनके आंचलिक जनपदीय कविता, कहानी लेखन की पुस्तक के लिए दिया गया है, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र के जमीनी जनजातीयों की सांस्कृतिक पहचान को परिभाषित करने में सफल रही हैं। इस अवसर पर डॉ. जमुना बीनी को छग के सरगुजा आदिवासी अंचल के रचनात्मक तेवर से परिचित कराने हेतु संबोधन संस्थान सदस्यों द्वारा आज का एकलव्य काव्य- संग्रह की एक प्रति भेंट की गई एवं सरगुजा के आदिवासी जनजीवन को नजदीक से जानने हेतु संबोधन संस्था की ओर से संस्थापक सदस्य बीरेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा उन्हें मनेन्द्रगढ़ आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में आयोजित विशिष्ठ कवि परिचय एवं काव्य पाठ में मनेन्द्रगढ़ के साहित्यिक पहचान बन चुके गौरव अग्रवाल, बीरेन्द्र श्रीवास्तव, एवं बिलासपुर से शामिल साहित्यकार सरदार दलजीत सिह कालरा ने अपनी रचना प्रस्तुति से संबोधन के साहित्यक उँचाईयों का परिचय दिया, जिसकी उपस्थित श्रोताओं एवं रचनाकारों द्वारा सराहना की गई।

डॉ. जमुना बीनी को मिला ठाकुर पूरन सिंह स्मृति सूत्र सम्मान
राष्ट्रीय सूत्र सम्मान समारोह में मनेन्द्रगढ़ संबोधन की भागीदारी छत्तीसगढ़ संवाददाता मनेन्द्रगढ़, 21 फरवरी। छत्तीसगढ़ के महासमुंद में आयोजित राष्ट्रीय सूत्र सम्मान समारोह रचनात्मक साहित्य उत्सव की एक ऐतिहासिक तारीख बन गई। देश भर के बहुचर्चित साहित्यकारों की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम में बागबहरा से रजत कृष्ण, रायपुर से चर्चित उपन्यासकार एवं समीक्षक सुखनंदन सिंह धुर्वे नंदन, अशोक शर्मा, भागवत जगत, डी. बसंत साव, शरद काकोश, सूत्र सम्मान के प्रणेता और समकालीन सूत्र पत्रिका के संपादक विजय सिंह, नासिर अहमद सिकंदर, सरिता सिंह, रायपुर से नंदन, रायपुर के संभागायुक्त संजय अलंग सहित संबोधन मनेन्द्रगढ़ के साहित्यकार बीरेन्द्र श्रीवास्तव, गौरव अग्रवाल एवं बिलासपुर से सरदार दलजीत सिह कालरा की सम्मिलित भागीदारी ने अरुणाचल प्रदेश की लेखिका डॉ. जमुना बीनी को दिए जाने वाले इस सूत्र सम्मान आयोजन को ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया। बहुचर्चित साहित्यकार एवं संभागायुक्त रायपुर संजय अलंग के मुख्य आतिथ्य एवं दुर्ग विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. भूपेन्द्र कुलदीप की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ महासमुंद जिले की संस्था काव्यांश साहित्य एवं कला पथक संस्थान एवं समकालीन सूत्र परिवार के संयुक्त आयोजन का यह रचनात्मक साहित्य उत्सव एक ऐतिहासिक दस्तावेज बन गया। साहित्य समागम के इस बृहद कार्यक्रम में छग प्रशासन सचिव एवं वरिष्ठ साहित्यकार त्रिलोक महावर एवं ईश्वर शर्मा की विशिष्ठ उपस्थिति ने इसे गौरवान्वित किया। अरुणाचल प्रदेश के राजीव गांधी वि.वि. में शिक्षा जगत से जुड़ी सहायक प्रो. डॉ. जमुना बीनी को वर्ष 2023 का स्व. ठाकुर पूरन सिंह स्मृति सूत्र सम्मान उनके आंचलिक जनपदीय कविता, कहानी लेखन की पुस्तक के लिए दिया गया है, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र के जमीनी जनजातीयों की सांस्कृतिक पहचान को परिभाषित करने में सफल रही हैं। इस अवसर पर डॉ. जमुना बीनी को छग के सरगुजा आदिवासी अंचल के रचनात्मक तेवर से परिचित कराने हेतु संबोधन संस्थान सदस्यों द्वारा आज का एकलव्य काव्य- संग्रह की एक प्रति भेंट की गई एवं सरगुजा के आदिवासी जनजीवन को नजदीक से जानने हेतु संबोधन संस्था की ओर से संस्थापक सदस्य बीरेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा उन्हें मनेन्द्रगढ़ आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में आयोजित विशिष्ठ कवि परिचय एवं काव्य पाठ में मनेन्द्रगढ़ के साहित्यिक पहचान बन चुके गौरव अग्रवाल, बीरेन्द्र श्रीवास्तव, एवं बिलासपुर से शामिल साहित्यकार सरदार दलजीत सिह कालरा ने अपनी रचना प्रस्तुति से संबोधन के साहित्यक उँचाईयों का परिचय दिया, जिसकी उपस्थित श्रोताओं एवं रचनाकारों द्वारा सराहना की गई।