झारखंड में सिविल सर्विस परीक्षा के पेपर लीक व नकल के आरोपों पर चतरा व जामताड़ा में बवाल, सरकार पर विपक्ष का हमला

राची, 17 मार्च । झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की संयुक्त सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा का पेपर कथित रूप से लीक होने और कई परीक्षार्थियों को नकल की छूट देने के आरोपों पर चतरा और जामताड़ा में हंगामा हुआ। आरोप है कि जामताड़ा में एक परीक्षा केंद्र के बाहर उत्तर पुस्तिकाएं भरवाई गई हैं। उत्तर पुस्तिकाएं भरने के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि वीडियो आज का है या पहले का। जेपीएससी ने आधिकारिक तौर पर इस बारे में अब तक अपना पक्ष नहीं रखा है। यह परीक्षा रविवार को झारखंड के सभी 24 जिलों के विभिन्न शहरों में बनाए गए 834 परीक्षा केंद्रों पर दो पालियों में आयोजित की जा रही है। इस परीक्षा में साढ़े तीन लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। चतरा के उपेंद्र नाथ वर्मा इंटर कॉलेज स्थित परीक्षा केंद्र पर पहली पाली की परीक्षा शुरू होने के ठीक पहले अभ्यर्थियों ने पेपर लीक का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। उनका आरोप है कि प्रश्नपत्र के बंडल को प्रिंसिपल के चैंबर में पहले ही खोला गया। नियम है कि प्रश्न पत्र का सील परीक्षा हॉल में दो अभ्यर्थियों की मौजूदगी में खोला जाता है, लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। प्रश्न पत्र का सील पहले से ही खुला हुआ था। दूसरी तरफ प्रिंसिपल का कहना है कि पूरे मामले की वीडियोग्राफी कराई गई है। कोई अनियमितता नहीं हुई है। हंगामे के बीच यहां परीक्षा कराई गई। हंगामा कर रहे करीब दो दर्जन छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए। इधर, जामताड़ा जिले के मिहिजाम थाना क्षेत्र में जेजेएस कॉलेज मिहिजाम सेंटर पर हंगामे की सूचना है। यहां भी दो दर्जन से ज्यादा छात्रों ने नारेबाजी की है। एक वीडियो वायरल हो रहा है, इसमें स्कूल के बरामदे में कुछ छात्रों को मोबाइल लेकर प्रश्न पत्र हल करते हुए देखा गया है। यह स्पष्ट नहीं है कि यह वीडियो आज का है या पुराना। वीडियो की आधिकारिक पुष्टि भी नहीं हुई है। इस मामले को लेकर विपक्ष के नेता सरकार पर हमलावर हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि चंपई सरकार परीक्षा करवाने में फेल हो गई है। बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर लिखा है, "जेएसएसी-सीजीएल परीक्षा में हुई गड़बड़ी की आग अब तक बुझी नहीं, इधर जेपीएससी परीक्षा के दौरान भी पेपर लीक होने की बात सामने आने लगी है। कुछ परीक्षा केंद्रों से सूचना मिल रही है कि प्रश्न पत्र क्लासरूम में खोलने की बजाय प्रिंसिपल के चैम्बर से खोल कर लाए गए हैं। यानी छात्रों को सील खुला हुआ प्रश्न पत्र दिया गया है। इससे पेपर लीक की संभावना प्रबल हो गई है। विरोध करने पर छात्र-छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार भी किया गया है।” उन्होंने लिखा है कि "जेएसएससी की तर्ज पर जेपीएससी में भी चंपई सरकार ने युवाओं की नौकरी बेचने का प्रबंध कर लिया है। राज्य सरकार की भ्रष्टाचार से त्रस्त छात्रों के पास अब एक ही विकल्प है - झामुमो-कांग्रेस हटाओ, नौकरी पाओ।“ नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “युवा विरोधी यह सरकार राज्य पर एक कलंक है। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाली झारखंड की निकम्मी सरकार से और उम्मीद ही क्या की जा सकती है। मैं सरकार से मांग करता हूं कि मामले की निष्पक्ष जांच कराएं और सच्चाई सामने लाएं। जो दोषी हो, उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाए।” --(आईएएनएस)

झारखंड में सिविल सर्विस परीक्षा के पेपर लीक व नकल के आरोपों पर चतरा व जामताड़ा में बवाल, सरकार पर विपक्ष का हमला
राची, 17 मार्च । झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की संयुक्त सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा का पेपर कथित रूप से लीक होने और कई परीक्षार्थियों को नकल की छूट देने के आरोपों पर चतरा और जामताड़ा में हंगामा हुआ। आरोप है कि जामताड़ा में एक परीक्षा केंद्र के बाहर उत्तर पुस्तिकाएं भरवाई गई हैं। उत्तर पुस्तिकाएं भरने के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि वीडियो आज का है या पहले का। जेपीएससी ने आधिकारिक तौर पर इस बारे में अब तक अपना पक्ष नहीं रखा है। यह परीक्षा रविवार को झारखंड के सभी 24 जिलों के विभिन्न शहरों में बनाए गए 834 परीक्षा केंद्रों पर दो पालियों में आयोजित की जा रही है। इस परीक्षा में साढ़े तीन लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। चतरा के उपेंद्र नाथ वर्मा इंटर कॉलेज स्थित परीक्षा केंद्र पर पहली पाली की परीक्षा शुरू होने के ठीक पहले अभ्यर्थियों ने पेपर लीक का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। उनका आरोप है कि प्रश्नपत्र के बंडल को प्रिंसिपल के चैंबर में पहले ही खोला गया। नियम है कि प्रश्न पत्र का सील परीक्षा हॉल में दो अभ्यर्थियों की मौजूदगी में खोला जाता है, लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। प्रश्न पत्र का सील पहले से ही खुला हुआ था। दूसरी तरफ प्रिंसिपल का कहना है कि पूरे मामले की वीडियोग्राफी कराई गई है। कोई अनियमितता नहीं हुई है। हंगामे के बीच यहां परीक्षा कराई गई। हंगामा कर रहे करीब दो दर्जन छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए। इधर, जामताड़ा जिले के मिहिजाम थाना क्षेत्र में जेजेएस कॉलेज मिहिजाम सेंटर पर हंगामे की सूचना है। यहां भी दो दर्जन से ज्यादा छात्रों ने नारेबाजी की है। एक वीडियो वायरल हो रहा है, इसमें स्कूल के बरामदे में कुछ छात्रों को मोबाइल लेकर प्रश्न पत्र हल करते हुए देखा गया है। यह स्पष्ट नहीं है कि यह वीडियो आज का है या पुराना। वीडियो की आधिकारिक पुष्टि भी नहीं हुई है। इस मामले को लेकर विपक्ष के नेता सरकार पर हमलावर हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि चंपई सरकार परीक्षा करवाने में फेल हो गई है। बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर लिखा है, "जेएसएसी-सीजीएल परीक्षा में हुई गड़बड़ी की आग अब तक बुझी नहीं, इधर जेपीएससी परीक्षा के दौरान भी पेपर लीक होने की बात सामने आने लगी है। कुछ परीक्षा केंद्रों से सूचना मिल रही है कि प्रश्न पत्र क्लासरूम में खोलने की बजाय प्रिंसिपल के चैम्बर से खोल कर लाए गए हैं। यानी छात्रों को सील खुला हुआ प्रश्न पत्र दिया गया है। इससे पेपर लीक की संभावना प्रबल हो गई है। विरोध करने पर छात्र-छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार भी किया गया है।” उन्होंने लिखा है कि "जेएसएससी की तर्ज पर जेपीएससी में भी चंपई सरकार ने युवाओं की नौकरी बेचने का प्रबंध कर लिया है। राज्य सरकार की भ्रष्टाचार से त्रस्त छात्रों के पास अब एक ही विकल्प है - झामुमो-कांग्रेस हटाओ, नौकरी पाओ।“ नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “युवा विरोधी यह सरकार राज्य पर एक कलंक है। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाली झारखंड की निकम्मी सरकार से और उम्मीद ही क्या की जा सकती है। मैं सरकार से मांग करता हूं कि मामले की निष्पक्ष जांच कराएं और सच्चाई सामने लाएं। जो दोषी हो, उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाए।” --(आईएएनएस)