छात्र की आत्महत्या को परिजनों ने संदिग्ध माना, उठाई न्यायिक जांच की मांग - कुडिय़म

जांच समिति पीसीसी को भेजेगी रिपोर्ट छत्तीसगढ़ संवाददाता बीजापुर, 28 फरवरी। पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज के निर्देश पर जिला पंचायत बीजापुर अध्यक्ष शंकर कुडियम के नेतृत्व में मंगलवार को उसूर ब्लॉक के चेरामंगी छात्रावास में कक्षा सातवीं के छात्र द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या किये जाने की घटना की जाँच की गई। समिति जांच रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजेगी। जांच से लौटने के बाद जांच समिति के सदस्यों ने बुधवार को बीजापुर में पत्रवार्ता आयोजित की। समिति के सदस्यों ने पीडि़त परिवार, छात्रवास अधीक्षक व छात्रवास के छात्रों के बताये अनुसार घटना की वस्तुस्थिति से अवगत हुए। पांच सदस्य जांच टीम के संयोजक जि़ला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडियम ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मृतक छात्र के परिजनों का कहना है कि यह आत्महत्या संदेहास्पद है.? बच्चा स्वयं फांसी नहीं लगा सकता,फांसी लगाया गया स्थल जमीन से काफी ऊपर है, बिस्तर से भी पहुंच नहीं सकता है। परिजनों ने बताया कि बगल में एक टेबल था, उस पर बहुत सारे पैरों के निशान थे। पुलिस ने परिजनों को घटनास्थल के फोटो भी खिंचने नहीं दिये। परिजनों के सामने घटनास्थल की पूरी तलाशी ली गई, घण्टो तलाशी के दौरान कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, शव को ट्रैक्टर में रखते समय सुसाईड नोट का मिलना संदेहास्पद है। जांच कमेटी को परिजनों ने आगे बताया कि सुसाइड नोट में अपने पिता का जिक्र करना जबकि मृतक छात्र अपने पिता को जानता तक नहीं है। सुसाइड नोट को बड़ी ही समझदारी पूर्वक लिखा गया है। जबकि बच्चा पढ़ाई में कमजोर था, वह इस प्रकार का सुसाइड नोट नहीं लिख सकता। वह छुट्टी का आवेदन पत्र भी ठीक से नहीं लिख पाता था। पत्रकारों को संबोधित करते हुए शंकर कुडियम ने आगे कहा कि परिजनों ने जाँच कमेटी को बताया कि पुलिस उनकी कोई बात नहीं सुन रही है, जाँच से पहले ही घटनास्थल के कमरे को साफ कर दिया गया था,परिजनों ने कहा कि ये आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है..? जाँच समिति के समक्ष आश्रम अधीक्षक छात्रावास के छात्रों ने भी बच्चे का बिलकुल सामान्य होना बताया, अधीक्षक व छात्रों के अनुसार बच्चे को भी कोई परेशानी नहीं थी। शंकर कुडियम ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि बीजापुर जैसे आदिवासी क्षेत्र में सातवीं कक्षा में अध्ययनरत आदिवासी छात्र जो पूरी तरह स्वस्थ था, उस बच्चे का इस तरह अचानक आत्महत्या कर लेना यह सीधा सीधा सरकार व प्रशासन में बैठे लोगों की लापरवाही है। इतने संसाधन होने के बावजूद भी यदि बच्चा आत्महत्या कर रहा है तो यह दुर्भाग्यजनक व चिंतनीय है। शंकर कुडियम ने आगे कहा कि इस घटना की गम्भीरता को देखते हुए परिजनों के माँग के अनुरूप प्रदेश सरकार घटना की न्यायिक जाँच करे। ताकि पूरे घटना की सच्चाई सामने आये और दोषियों को सजा मिले व भविष्य में ऐसे घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। इस पूरे घटना में कांग्रेस पार्टी पूरी तरह पीडि़त परिवार के साथ है। प्रेसवार्ता के दौरान जांच समिति के सदस्य जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम, जनपद अध्यक्ष सुश्री अनिता तेलम, सदस्य श्रीनिवास बिराबोइना, विधायक प्रतिनिधि मनोज अवलम, महामन्त्री सुखदेव नाग, कोषाध्यक्ष पुरुषोत्तम खत्री समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।

छात्र की आत्महत्या को परिजनों ने संदिग्ध माना, उठाई न्यायिक जांच की मांग -  कुडिय़म
जांच समिति पीसीसी को भेजेगी रिपोर्ट छत्तीसगढ़ संवाददाता बीजापुर, 28 फरवरी। पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज के निर्देश पर जिला पंचायत बीजापुर अध्यक्ष शंकर कुडियम के नेतृत्व में मंगलवार को उसूर ब्लॉक के चेरामंगी छात्रावास में कक्षा सातवीं के छात्र द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या किये जाने की घटना की जाँच की गई। समिति जांच रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजेगी। जांच से लौटने के बाद जांच समिति के सदस्यों ने बुधवार को बीजापुर में पत्रवार्ता आयोजित की। समिति के सदस्यों ने पीडि़त परिवार, छात्रवास अधीक्षक व छात्रवास के छात्रों के बताये अनुसार घटना की वस्तुस्थिति से अवगत हुए। पांच सदस्य जांच टीम के संयोजक जि़ला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडियम ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मृतक छात्र के परिजनों का कहना है कि यह आत्महत्या संदेहास्पद है.? बच्चा स्वयं फांसी नहीं लगा सकता,फांसी लगाया गया स्थल जमीन से काफी ऊपर है, बिस्तर से भी पहुंच नहीं सकता है। परिजनों ने बताया कि बगल में एक टेबल था, उस पर बहुत सारे पैरों के निशान थे। पुलिस ने परिजनों को घटनास्थल के फोटो भी खिंचने नहीं दिये। परिजनों के सामने घटनास्थल की पूरी तलाशी ली गई, घण्टो तलाशी के दौरान कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, शव को ट्रैक्टर में रखते समय सुसाईड नोट का मिलना संदेहास्पद है। जांच कमेटी को परिजनों ने आगे बताया कि सुसाइड नोट में अपने पिता का जिक्र करना जबकि मृतक छात्र अपने पिता को जानता तक नहीं है। सुसाइड नोट को बड़ी ही समझदारी पूर्वक लिखा गया है। जबकि बच्चा पढ़ाई में कमजोर था, वह इस प्रकार का सुसाइड नोट नहीं लिख सकता। वह छुट्टी का आवेदन पत्र भी ठीक से नहीं लिख पाता था। पत्रकारों को संबोधित करते हुए शंकर कुडियम ने आगे कहा कि परिजनों ने जाँच कमेटी को बताया कि पुलिस उनकी कोई बात नहीं सुन रही है, जाँच से पहले ही घटनास्थल के कमरे को साफ कर दिया गया था,परिजनों ने कहा कि ये आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है..? जाँच समिति के समक्ष आश्रम अधीक्षक छात्रावास के छात्रों ने भी बच्चे का बिलकुल सामान्य होना बताया, अधीक्षक व छात्रों के अनुसार बच्चे को भी कोई परेशानी नहीं थी। शंकर कुडियम ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि बीजापुर जैसे आदिवासी क्षेत्र में सातवीं कक्षा में अध्ययनरत आदिवासी छात्र जो पूरी तरह स्वस्थ था, उस बच्चे का इस तरह अचानक आत्महत्या कर लेना यह सीधा सीधा सरकार व प्रशासन में बैठे लोगों की लापरवाही है। इतने संसाधन होने के बावजूद भी यदि बच्चा आत्महत्या कर रहा है तो यह दुर्भाग्यजनक व चिंतनीय है। शंकर कुडियम ने आगे कहा कि इस घटना की गम्भीरता को देखते हुए परिजनों के माँग के अनुरूप प्रदेश सरकार घटना की न्यायिक जाँच करे। ताकि पूरे घटना की सच्चाई सामने आये और दोषियों को सजा मिले व भविष्य में ऐसे घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। इस पूरे घटना में कांग्रेस पार्टी पूरी तरह पीडि़त परिवार के साथ है। प्रेसवार्ता के दौरान जांच समिति के सदस्य जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम, जनपद अध्यक्ष सुश्री अनिता तेलम, सदस्य श्रीनिवास बिराबोइना, विधायक प्रतिनिधि मनोज अवलम, महामन्त्री सुखदेव नाग, कोषाध्यक्ष पुरुषोत्तम खत्री समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।