क्या महामारी बन सकता है बर्ड फ्लू, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता
क्या महामारी बन सकता है बर्ड फ्लू, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता
पिछले साल 23 देशों से सामने आए 882 केस
नई दिल्ली। सरकार और वैज्ञानिकों एक नई महामारी से लड़ने के लिए तैयार हो रहे हैं। इस नई बीमारी को बर्ड फ्लू या H5N1 के नाम से जाना जाता है। इसे देखते हुए वैज्ञानिकों ने एक नई महामारी के आगमन की चेतावनी दी है। ईस्ट एंगलिया यूनिवर्सिटी की जीव विज्ञान की प्रोफेसर डॉ. डायना बेल ने बताया कि 2020 से ही बर्ड फ्लू तेजी से बढ़ रहा है।
1997 में चीन से शुरुआत होने के बाद धीरे-धीरे लगभग सभी महाद्वीपों में यह फैल चुका है। पक्षियों के अलावा गैर-एवियन प्रजातियां भी इससे प्रभावित हो रही हैं। प्रोफेसर डायना बेल के हालिया शोध के अनुसार, 2020 के बाद 26 देशों ने स्तनपायी प्रजातियों के वायरस का शिकार होने की सूचना दी है। इस वायरस से पोलर बियर और डॉल्फिन भी प्रभावित हुए हैं।
पिछले साल 23 देशों से बर्ड फ्लू के 882 मामलों के साथ मानव मामले भी सामने आए हैं, जिससे मृत्यु दर 52 फीसदी हो गई है। हालांकि, अभी तक कोविड-19 की उत्पत्ति अनिश्चित बनी हुई है। इसे बर्ड फ्लू के जैसा बताया जा रहा है, क्योंकि दोनों की उत्पत्ति जूनोटिक स्पिलओवर से हुई है, जहां वायरस पशुओं से मनुष्य में फैलता है। हालांकि, बर्ड फ्लू का मानव से मानव संचरण नहीं हुआ है, लेकिन फिर भी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बर्ड फ्लू को खतरा बताया है।
क्यों होता है H5N1 का संक्रमण-
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, प्रभावित क्षेत्र में H5N1 का संक्रमण तेजी से बढ़ने का खतरा हो सकता है। घरेलू मुर्गीपालन वाले स्थानों पर ये आसानी से फैल सकता है। यह रोग संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव या मुंह या आंखों से निकलने वाले स्राव के संपर्क से मनुष्यों में फैलता है। इसके अलावा अधपके मांस खाने से भी बीमारी का खतरा हो सकता है, पर इसके मामले कम देखे जाते रहे हैं।
अगर आप संक्रमण प्रभावित इलाकों में रहते हैं तो बचाव के उपायों को लेकर गंभीरता से ध्यान देते रहना जरूरी है।
पिछले साल 23 देशों से सामने आए 882 केस
नई दिल्ली। सरकार और वैज्ञानिकों एक नई महामारी से लड़ने के लिए तैयार हो रहे हैं। इस नई बीमारी को बर्ड फ्लू या H5N1 के नाम से जाना जाता है। इसे देखते हुए वैज्ञानिकों ने एक नई महामारी के आगमन की चेतावनी दी है। ईस्ट एंगलिया यूनिवर्सिटी की जीव विज्ञान की प्रोफेसर डॉ. डायना बेल ने बताया कि 2020 से ही बर्ड फ्लू तेजी से बढ़ रहा है।
1997 में चीन से शुरुआत होने के बाद धीरे-धीरे लगभग सभी महाद्वीपों में यह फैल चुका है। पक्षियों के अलावा गैर-एवियन प्रजातियां भी इससे प्रभावित हो रही हैं। प्रोफेसर डायना बेल के हालिया शोध के अनुसार, 2020 के बाद 26 देशों ने स्तनपायी प्रजातियों के वायरस का शिकार होने की सूचना दी है। इस वायरस से पोलर बियर और डॉल्फिन भी प्रभावित हुए हैं।
पिछले साल 23 देशों से बर्ड फ्लू के 882 मामलों के साथ मानव मामले भी सामने आए हैं, जिससे मृत्यु दर 52 फीसदी हो गई है। हालांकि, अभी तक कोविड-19 की उत्पत्ति अनिश्चित बनी हुई है। इसे बर्ड फ्लू के जैसा बताया जा रहा है, क्योंकि दोनों की उत्पत्ति जूनोटिक स्पिलओवर से हुई है, जहां वायरस पशुओं से मनुष्य में फैलता है। हालांकि, बर्ड फ्लू का मानव से मानव संचरण नहीं हुआ है, लेकिन फिर भी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बर्ड फ्लू को खतरा बताया है।
क्यों होता है H5N1 का संक्रमण-
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, प्रभावित क्षेत्र में H5N1 का संक्रमण तेजी से बढ़ने का खतरा हो सकता है। घरेलू मुर्गीपालन वाले स्थानों पर ये आसानी से फैल सकता है। यह रोग संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव या मुंह या आंखों से निकलने वाले स्राव के संपर्क से मनुष्यों में फैलता है। इसके अलावा अधपके मांस खाने से भी बीमारी का खतरा हो सकता है, पर इसके मामले कम देखे जाते रहे हैं।
अगर आप संक्रमण प्रभावित इलाकों में रहते हैं तो बचाव के उपायों को लेकर गंभीरता से ध्यान देते रहना जरूरी है।