इनसैट-3 डीएस मौसम उपग्रह के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती सुचारू रूप से जारी: इसरो

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 17 फरवरीभारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को कहा कि जियोसिन्क्रोनस लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) रॉकेट से इनसैट-3डीएस मौसम उपग्रह के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती सुचारू रूप से जारी है। मिशन का उद्देश्य मौजूदा उपग्रहों इनसैट-3डी और इनसैट-3डीआर को उन्नत मौसम संबंधी जानकारियों के लिए निरंतर सेवाएं प्रदान करना, मौसम पूर्वानुमान, भूमि व महासागर सतहों की निगरानी कर आपदा संबंधी चेतावनियां देना, उपग्रह सहायता प्राप्त अनुसंधान और बचाव सेवाएं प्रदान करना है। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से शनिवार को पूर्व-निर्धारित समय शाम 5:35 बजे उपग्रह का प्रक्षेपण होना है। इससे पहले शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे इसकी उलटी गिनती शुरू हो गई थी। लगभग 20 मिनट की उड़ान के बाद, 2,274 किलोग्राम वजन वाले उपग्रह भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली (इनसैट) को जीएसएलवी रॉकेट से अलग किए जाने की उम्मीद है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के विभिन्न विभाग जैसे भारत मौसम विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र और विभिन्न एजेंसियों और संस्थानों को बेहतर मौसम पूर्वानुमान और मौसम संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए इनसैट-3डीएस द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा से लाभ मिलेगा। सूत्रों ने कहा कि इनसैट-3डीएस का जीवन काल लगभग 10 वर्ष होने की उम्मीद है।(भाषा)

इनसैट-3 डीएस मौसम उपग्रह के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती सुचारू रूप से जारी: इसरो
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 17 फरवरीभारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को कहा कि जियोसिन्क्रोनस लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) रॉकेट से इनसैट-3डीएस मौसम उपग्रह के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती सुचारू रूप से जारी है। मिशन का उद्देश्य मौजूदा उपग्रहों इनसैट-3डी और इनसैट-3डीआर को उन्नत मौसम संबंधी जानकारियों के लिए निरंतर सेवाएं प्रदान करना, मौसम पूर्वानुमान, भूमि व महासागर सतहों की निगरानी कर आपदा संबंधी चेतावनियां देना, उपग्रह सहायता प्राप्त अनुसंधान और बचाव सेवाएं प्रदान करना है। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से शनिवार को पूर्व-निर्धारित समय शाम 5:35 बजे उपग्रह का प्रक्षेपण होना है। इससे पहले शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे इसकी उलटी गिनती शुरू हो गई थी। लगभग 20 मिनट की उड़ान के बाद, 2,274 किलोग्राम वजन वाले उपग्रह भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली (इनसैट) को जीएसएलवी रॉकेट से अलग किए जाने की उम्मीद है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के विभिन्न विभाग जैसे भारत मौसम विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र और विभिन्न एजेंसियों और संस्थानों को बेहतर मौसम पूर्वानुमान और मौसम संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए इनसैट-3डीएस द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा से लाभ मिलेगा। सूत्रों ने कहा कि इनसैट-3डीएस का जीवन काल लगभग 10 वर्ष होने की उम्मीद है।(भाषा)