मणिपुर के आदिवासी विधायकों ने की ‘पक्षपातपूर्ण’ प्रस्ताव की निंदा

चुराचांदपुर, 1 मार्च मणिपुर के दस आदिवासी विधायकों ने राज्य विधानसभा की ओर से पारित पक्षपातपूर्ण प्रस्ताव की निंदा की है और केन्द्र से सभी भूमिगत कुकी-जो समूहों के साथ किए गए अभियान निलंबन (सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन- एसओओ) समझौते को समाप्त करने की अपील की है। एसओओ समझौता केन्द्र, मणिपुर सरकार और कुकी उग्रवादी संगठनों के दो समूह - कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ)- के बीच हुआ था। समझौते पर हस्ताक्षर 2008 में किए गए थे और उसके बाद समय-समय पर इसे बढ़ाया गया। कुकी जोमी हमार समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दस विधायकों की ओर से एक बयान जारी किया गया। बयान में कहा गया, यह हमारे समुदाय के प्रति पूर्वाग्रह, पक्षपात और घृणा से उपजा एकपक्षीय प्रस्ताव है जो मुद्दे पर संकीर्ण दृष्टिकोण पेश करता है। विधायकों में से सात सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से, दो कुकी पीपुल्स अलायंस (केपीए) से और एक निर्दलीय है। जब प्रस्ताव पारित हुआ था वे विधानसभा में मौजूद नहीं थे। बयान में कहा गया, हम जानन चाहते हैं कि क्या सदन द्वारा अपनाया गया प्रस्ताव जेएमजी की किसी रिपोर्ट या कथन पर आधारित है...।(भाषा)

मणिपुर के आदिवासी विधायकों ने की ‘पक्षपातपूर्ण’ प्रस्ताव की निंदा
चुराचांदपुर, 1 मार्च मणिपुर के दस आदिवासी विधायकों ने राज्य विधानसभा की ओर से पारित पक्षपातपूर्ण प्रस्ताव की निंदा की है और केन्द्र से सभी भूमिगत कुकी-जो समूहों के साथ किए गए अभियान निलंबन (सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन- एसओओ) समझौते को समाप्त करने की अपील की है। एसओओ समझौता केन्द्र, मणिपुर सरकार और कुकी उग्रवादी संगठनों के दो समूह - कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ)- के बीच हुआ था। समझौते पर हस्ताक्षर 2008 में किए गए थे और उसके बाद समय-समय पर इसे बढ़ाया गया। कुकी जोमी हमार समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दस विधायकों की ओर से एक बयान जारी किया गया। बयान में कहा गया, यह हमारे समुदाय के प्रति पूर्वाग्रह, पक्षपात और घृणा से उपजा एकपक्षीय प्रस्ताव है जो मुद्दे पर संकीर्ण दृष्टिकोण पेश करता है। विधायकों में से सात सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से, दो कुकी पीपुल्स अलायंस (केपीए) से और एक निर्दलीय है। जब प्रस्ताव पारित हुआ था वे विधानसभा में मौजूद नहीं थे। बयान में कहा गया, हम जानन चाहते हैं कि क्या सदन द्वारा अपनाया गया प्रस्ताव जेएमजी की किसी रिपोर्ट या कथन पर आधारित है...।(भाषा)