अंबेडकर जयंती पर परिचर्चा

छत्तीसगढ़ संवाददाता महासमुंद,16 अप्रैल। डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 133वीं जयंती पर आस्था साहित्य समिति महासमुंद ने पूर्व प्राचार्य एवं शिक्षाविद केआर चंद्राकर के निवास पर परिचर्चा का आयोजन किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुये साहित्यकार एस चंद्रसेन ने कहा कि डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक समानता के पक्षधर थे। उन्होंने कहा कि सामाजिक समानता के बिना आर्थिक, राजनीतिक, बौद्घिक समानता नहीं आयेगी। आस्था साहित्य समिति अध्यक्ष साहित्यकार आनंद तिवारी पौराणिक ने कहा कि समता स्वतंत्रता बंधुत्व व न्याय के स्तंभों पर आधारित हमारा संविधान सबसे बड़ा धर्मग्रंथ है। साहित्यकार एस आर बंजारे, बंधु राजेश्वर खरे, उमेश भारती गोस्वामी, टेकराम सेन, कमलेश पांडेय, केआर चंद्राकर, राधेश्याम सोनी ने विचार रखा। परिचर्चा के दौरान तिलक चंद्राकर, प्रभा चंद्राकर, भूपेन्द्र चंद्राकर सहित साहित्य प्रेमी उपस्थित थे। आयोजन के लिये शिक्षाविद के आर चंद्राकर ने साहित्यकारों के लिये आभार प्रदर्शित किया।

अंबेडकर जयंती पर परिचर्चा
छत्तीसगढ़ संवाददाता महासमुंद,16 अप्रैल। डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 133वीं जयंती पर आस्था साहित्य समिति महासमुंद ने पूर्व प्राचार्य एवं शिक्षाविद केआर चंद्राकर के निवास पर परिचर्चा का आयोजन किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुये साहित्यकार एस चंद्रसेन ने कहा कि डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक समानता के पक्षधर थे। उन्होंने कहा कि सामाजिक समानता के बिना आर्थिक, राजनीतिक, बौद्घिक समानता नहीं आयेगी। आस्था साहित्य समिति अध्यक्ष साहित्यकार आनंद तिवारी पौराणिक ने कहा कि समता स्वतंत्रता बंधुत्व व न्याय के स्तंभों पर आधारित हमारा संविधान सबसे बड़ा धर्मग्रंथ है। साहित्यकार एस आर बंजारे, बंधु राजेश्वर खरे, उमेश भारती गोस्वामी, टेकराम सेन, कमलेश पांडेय, केआर चंद्राकर, राधेश्याम सोनी ने विचार रखा। परिचर्चा के दौरान तिलक चंद्राकर, प्रभा चंद्राकर, भूपेन्द्र चंद्राकर सहित साहित्य प्रेमी उपस्थित थे। आयोजन के लिये शिक्षाविद के आर चंद्राकर ने साहित्यकारों के लिये आभार प्रदर्शित किया।