हाथरस की घटना से सबक लेकर बिहार के श्रावणी मेले में भीड़ नियंत्रण प्रबंधन पर खास जोर

पटना  भगवान महादेव को अति प्रिय माने जाने वाले श्रावण महीने की शुरुआत 22 जुलाई से होने वाली है। इस महीने की शुरुआत के साथ ही प्रदेश के 14 स्थानों पर श्रावणी मेला शुरू हो जाएगा। इसी बीच हाथरस की घटना से सबक लेते हुए सरकार ने भीड़ नियंत्रण प्रबंधन पर खास ध्यान देने के लिए अधिकारियों को आदेश दिए हैं। भागलपुर के सुल्तानगंज से प्रतिदिन हजारों कावड़िया पवित्र गंगा से जल लेकर देवघर बाबा बैद्यनाथ धाम जाते हैं। यहां भीड़ नियंत्रण प्रबंधन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। भागलपुर के जिलाधिकारी नवल किशोर चौधरी ने बताया कि इस साल भीड़ के मद्देनजर कांवड़ियों के आने-जाने के रास्ते की अलग-अलग रखने की व्यवस्था की जा रही है। प्रवेश और निकास अलग-अलग होगा। उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र में किसी नाले का ढक्कन खुला न रहे, इसको लेकर भी निर्देश दिए गए हैं। अगर स्लैब में कोई दिक्कत है, तो लोहे की मजबूत सीट ही ऊपर डाल दी जाए, ताकि कोई दुर्घटना न हो सके। बिहार में सुल्तानगंज, मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ और दूधनाथ मंदिर, सोनपुर के पहलेजा घाट समेत 14 स्थानों पर श्रावणी मेला लगता है। इसकी तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने शुक्रवार को बैठक भी की थी। बैठक में भगदड़ की स्थिति नहीं बनने देने को लेकर खास ताकीद की गई है। संबंधित जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि कहीं भी आपाधापी की स्थिति नहीं बने। जिन सड़कों से कांवड़ियों को गुजरना है, उस पर भी विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा मेला क्षेत्र में बिना बाधा के बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने को भी कहा गया है।  

हाथरस की घटना से सबक लेकर बिहार के श्रावणी मेले में भीड़ नियंत्रण प्रबंधन पर खास जोर
पटना  भगवान महादेव को अति प्रिय माने जाने वाले श्रावण महीने की शुरुआत 22 जुलाई से होने वाली है। इस महीने की शुरुआत के साथ ही प्रदेश के 14 स्थानों पर श्रावणी मेला शुरू हो जाएगा। इसी बीच हाथरस की घटना से सबक लेते हुए सरकार ने भीड़ नियंत्रण प्रबंधन पर खास ध्यान देने के लिए अधिकारियों को आदेश दिए हैं। भागलपुर के सुल्तानगंज से प्रतिदिन हजारों कावड़िया पवित्र गंगा से जल लेकर देवघर बाबा बैद्यनाथ धाम जाते हैं। यहां भीड़ नियंत्रण प्रबंधन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। भागलपुर के जिलाधिकारी नवल किशोर चौधरी ने बताया कि इस साल भीड़ के मद्देनजर कांवड़ियों के आने-जाने के रास्ते की अलग-अलग रखने की व्यवस्था की जा रही है। प्रवेश और निकास अलग-अलग होगा। उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र में किसी नाले का ढक्कन खुला न रहे, इसको लेकर भी निर्देश दिए गए हैं। अगर स्लैब में कोई दिक्कत है, तो लोहे की मजबूत सीट ही ऊपर डाल दी जाए, ताकि कोई दुर्घटना न हो सके। बिहार में सुल्तानगंज, मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ और दूधनाथ मंदिर, सोनपुर के पहलेजा घाट समेत 14 स्थानों पर श्रावणी मेला लगता है। इसकी तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने शुक्रवार को बैठक भी की थी। बैठक में भगदड़ की स्थिति नहीं बनने देने को लेकर खास ताकीद की गई है। संबंधित जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि कहीं भी आपाधापी की स्थिति नहीं बने। जिन सड़कों से कांवड़ियों को गुजरना है, उस पर भी विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा मेला क्षेत्र में बिना बाधा के बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने को भी कहा गया है।