विकास कार्यों का लाभ नागरिकों को मिले, यह भी सुनिश्चित हो : मंत्री विजयवर्गीय

विकास कार्यों का लाभ नागरिकों को मिले, यह भी सुनिश्चित हो : मंत्री विजयवर्गीय नगरीय...

विकास कार्यों का लाभ नागरिकों को मिले, यह भी सुनिश्चित हो : मंत्री विजयवर्गीय

विकास कार्यों का लाभ नागरिकों को मिले, यह भी सुनिश्चित हो : मंत्री विजयवर्गीय

नगरीय क्षेत्रों में नागरिक सुविधा से जुड़े विकास कार्य तय समय में पूरे हों  : मंत्री विजयवर्गीय
मंत्रालय में हुई बैठक में भोपाल-इंदौर मेट्रो ट्रेन और अमृत मिशन की हुई समीक्षा

भोपाल
नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अमृत मिशन 1.0 में जल आपूर्ति, सीवरेज, शहरी परिवहन, पार्क और स्ट्रॉम वॉटर के तहत हुए विकास कार्यों का लाभ शहरी क्षेत्र के नागरिकों तक पहुँचा है। इसका अध्ययन मैदानी अमले से कराया जाये। उस रिपोर्ट की आगामी बैठक में समीक्षा की जायेगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र से मिलने वाली राशि का शत-प्रतिशत उपयोग किया जाये। मंत्री विजयवर्गीय आज मंत्रालय में हुई बैठक में विभागीय अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। बैठक में प्रमुख सचिव नगरीय विकास नीरज मण्डलोई और आयुक्त नगरीय विकास भरत यादव भी मौजूद थे।

मंत्री विजयवर्गीय ने अधिकारियों से कहा कि नगरीय क्षेत्र में पेयजल से संबंधित कार्य आगामी गर्मी के मौसम को देखते हुए तय समय-सीमा में पूरी गुणवत्ता के साथ समय पर पूरे किये जायें। बैठक में बताया गया कि अमृत-1.0 में 215 परियोजनाओं पर करीब 6,801 करोड़ रुपये की राशि मंजूर हुई थी। इसमें से 199 परियोजनाओं पर करीब 4,353 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है। जल आपूर्ति की योजनाएँ इंदौर और डबरा में संचालित हो रही हैं। सीवरेज की योजना सागर, गुना, दतिया, कटनी, उज्जैन, जबलपुर, रीवा, सतना, सिंगरौली और रतलाम में चल रही हैं। शहरी परिवहन के अंतर्गत 20 कम्पनियों का गठन कर 1525 बसों का संचालन किया जा रहा है। बैठक में बताया गया कि अमृत-2.0 मिशन एक अक्टूबर, 2021 से 413 नगरीय निकाय में शुरू किया जा चुका है। मिशन के तहत मार्च-2027 तक कार्य किये जायेंगे। मिशन में करीब 12 हजार 860 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा रही है। मंत्री विजयवर्गीय ने निर्देश दिये कि मिशन में केन्द्र से मिलने वाली राशि को प्राप्त करने के ठोस प्रयास हों। मिशन अमृत-2.0 में सीवरेज, पेयजल, जल संरचना उन्नयन और पार्क विकास के कार्य किये जा रहे हैं।

मेट्रो प्राथमिक कॉरिडोर सितम्बर-2024 तक होगा शुरू

नगरीय प्रशासन मंत्री विजयवर्गीय ने आज भोपाल-इंदौर परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मेट्रो परियोजना का कार्य टाइम फ्रेम बनाकर किया जाये। बैठक में बताया गया कि भोपाल-इंदौर मेट्रो में प्राथमिक कॉरिडोर में नागरिकों को सेवा सितम्बर-2024 से मिलना शुरू हो जायेगी। उन्होंने कहा कि इंदौर और भोपाल महानगरों में आबादी का घनत्व कम हो, इसे ध्यान में रखते हुए मेट्रो सेवा विस्तार की योजना तैयार की जाये। भोपाल में 27.87 किलोमीटर लम्बाई की मेट्रो पर करीब 7 हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। इंदौर मेट्रो का कॉरिडोर 31.55 किलोमीटर का तैयार किया जा रहा है। इस पर 7501 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह दोनों परियोजनाएँ दिसम्बर-2026 तक पूरी की जायेंगी।

मंत्री राजपूत ने आचार्यके चरणों में विनयांजलि समर्पित की

मैने ईश्वर को नहीं देखा, देखा है आचार्यविद्यासागर जी को : मंत्री गोविंद सिंह राजपूत

भोपाल

परम पूज्य आचार्यविद्यासागर जी महाराज की मुझे सेवा करने का उस समय अवसर मिला जब परम पूज्य आचार्यविद्यासागर जी महाराज का सुरखी विधानसभा क्षेत्र में विहार हो रहा था। आचार्यके विहार में मुझे भी कुछ किलोमीटर साथ चलने का सौभाग्य मिला। यह बात खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने आचार्यके साथ विहार के समय बिताई हुई स्मृतियों को ताजा करते हुए कही।

मंत्री राजपूत ने कहा कि आचार्यके साथ विहार के दौरान निवेदन किया था कि आचार्यआप इस सुविधाजनक स्थान पर विश्राम कर लें, लेकिन उन्होंने उस स्थान को छोड़कर ऐसे स्थान पर विश्राम किया, जहां आम इंसान भी रूकने में कठिनाई महसूस करेगा। ऐसे विषम परिस्थिति वाले स्थान पर आचार्यने विश्राम किया। राजपूत ने कहा कि मैने ईश्वर को नहीं देखा, देखा है आचार्यविद्यासागर जी को। ईश्वर रूपी संत शिरोमणि आचार्यविद्यासागर जी महाराज की रात्रि 2:35 बजे चंद्रागिरी तीर्थ डोंगरगढ़ में समाधि हो गई है। उन्होंने आचार्यविद्यासागर जी महाराज के स्वधाम प्रस्थान पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी।

मंत्री राजपूत ने कहा कि आचार्यने मानवता की जो सेवा की है, वह सदियों तक याद की जायेगी। आचार्यने अनेकों विषयों पर जीवन पर्यंत कार्य किया। गौ-संरक्षण, विद्यादान, कैदियों को स्वावलंबन शिक्षा, मांस निर्यात पर पाबंदी, जैन तीर्थ संरक्षण, इंडिया नहीं भारत कहो, ऐसे अनेक आयाम उनके साथ जुड़े थे। ऐसे देवतुल्य संत को उन्होंने अपनी और अपने क्षेत्रवासियों की तरफ से उनके चरणों में विनयांजलि समर्पित की है।