सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन संकष्टी चतुर्थी को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में पड़ती है लेकिन फाल्गुन मास में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी बेहद ही खास मानी जाती है इस शुभ दिन पर भगवान शिव के पुत्र गणेश की विधिवत पूजा की जाती है और व्रत आदि भी रखा जाता है।
मान्यता है कि इस दिन गणपति की आराधना करने से जीवन के सारे कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूजन किया जाता है जो कि गणेश भगवान की आराधना को समर्पित होता है। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा संकष्टी चतुर्थी की तारीख, मुहूर्त और उपाय बता रहे हैं।
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त-
पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है इस बार संकष्टी चतुर्थी 28 फरवरी दिन बुधवार यानी कल सुबह 1 बजकर 53 मिनट से शुरू हो जाएगा और इसका समापन 29 फरवरी को सुबह 4 बजकर 18 मिनट पर होगा। ऐसे में 28 फरवरी को संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूजन किया जाएगा।
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के आसान उपाय-
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें साथ ही गणपति के समक्ष दो सुपारी और दो इलायची रखकर उसकी पूजा करें ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा करते हैं और जीवन में आने वाली बाधाएं भी दूर हो जाती हैं। धन दौलत की प्राप्ति के लिए इस दिन लाल रंग के वस्त्र में श्री यंत्र और सुपारी रख दें। इसके बाद गणेश जी की पूजा करें। पूजा करने के बाद लाल वस्त्र में रखी इन चीजों को तिजोरी में रख दें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से धन में वृद्धि होती है।
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी की शाम को चंद्रदेव की विधिवत पूजा करें और उन्हें जल अर्पित करें माना जाता है कि ऐसा करने से चंद्र देव का आशीर्वाद मिलता है और परिवार में सुख समृद्धि व शांति आती है।
सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन संकष्टी चतुर्थी को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में पड़ती है लेकिन फाल्गुन मास में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी बेहद ही खास मानी जाती है इस शुभ दिन पर भगवान शिव के पुत्र गणेश की विधिवत पूजा की जाती है और व्रत आदि भी रखा जाता है।
मान्यता है कि इस दिन गणपति की आराधना करने से जीवन के सारे कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूजन किया जाता है जो कि गणेश भगवान की आराधना को समर्पित होता है। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा संकष्टी चतुर्थी की तारीख, मुहूर्त और उपाय बता रहे हैं।
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त-
पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है इस बार संकष्टी चतुर्थी 28 फरवरी दिन बुधवार यानी कल सुबह 1 बजकर 53 मिनट से शुरू हो जाएगा और इसका समापन 29 फरवरी को सुबह 4 बजकर 18 मिनट पर होगा। ऐसे में 28 फरवरी को संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूजन किया जाएगा।
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के आसान उपाय-
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें साथ ही गणपति के समक्ष दो सुपारी और दो इलायची रखकर उसकी पूजा करें ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा करते हैं और जीवन में आने वाली बाधाएं भी दूर हो जाती हैं। धन दौलत की प्राप्ति के लिए इस दिन लाल रंग के वस्त्र में श्री यंत्र और सुपारी रख दें। इसके बाद गणेश जी की पूजा करें। पूजा करने के बाद लाल वस्त्र में रखी इन चीजों को तिजोरी में रख दें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से धन में वृद्धि होती है।
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी की शाम को चंद्रदेव की विधिवत पूजा करें और उन्हें जल अर्पित करें माना जाता है कि ऐसा करने से चंद्र देव का आशीर्वाद मिलता है और परिवार में सुख समृद्धि व शांति आती है।