द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत 28 फरवरी को, जानें पूजा विधि
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत 28 फरवरी को, जानें पूजा विधि
धन प्राप्ति के लिए जरूर करें ये उपाय
हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की निमित्त व्रत रखा जाता है और उनकी पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा-भाव से करने किया जाए, तो भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही जीवन की हर समस्या खत्म हो जाती है। आइए, जानते हैं कि द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन किए जाने वाले उपाय कौन-से हैं, जिनसे व्यक्ति को धन लाभ होता है।
संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त-
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 28 फरवरी को सुबह 01 बजकर 53 मिनट पर होगा। यह 29 फरवरी को 04:18 बजे समाप्त होगी। ऐसे में द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत 28 फरवरी, बुधवार को रखा जाएगा।
संकष्टी चतुर्थी पूजा-
द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा करते समय लाल चंदन, लाल फूल, दूर्वा, मोदक, पान, सुपारी, धूप दीप आदि भगवान गणेश को चढ़ाएं। इसके साथ ही इस मंत्र का जाप करें।
श्री वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येषु सर्वदा
संकष्टी चतुर्थी पर करें ये उपाय-
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को 21 लड्डुओं का भोग जरूर लगाएं। इसके साथ ही ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः मंत्र का जाप करें। इस उपाय को करने से कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है। इसके अलावा बुध ग्रह की शांति के लिए द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी की पूजा करने के बाद हरे रंग की वस्तुएं जैसे इलायची, हरा वस्त्र आदि किन्नरों को दान कर सकते हैं।
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करते समय 5 दूर्वा में 11 गांठें लगाकर उन्हें लाल कपड़े में बांध लें और भगवान गणेश को अर्पित करें। इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करें। यदि आप इस उपाय को अपनाएंगे, तो आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
धन प्राप्ति के लिए जरूर करें ये उपाय
हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की निमित्त व्रत रखा जाता है और उनकी पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा-भाव से करने किया जाए, तो भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही जीवन की हर समस्या खत्म हो जाती है। आइए, जानते हैं कि द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन किए जाने वाले उपाय कौन-से हैं, जिनसे व्यक्ति को धन लाभ होता है।
संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त-
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 28 फरवरी को सुबह 01 बजकर 53 मिनट पर होगा। यह 29 फरवरी को 04:18 बजे समाप्त होगी। ऐसे में द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत 28 फरवरी, बुधवार को रखा जाएगा।
संकष्टी चतुर्थी पूजा-
द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा करते समय लाल चंदन, लाल फूल, दूर्वा, मोदक, पान, सुपारी, धूप दीप आदि भगवान गणेश को चढ़ाएं। इसके साथ ही इस मंत्र का जाप करें।
श्री वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येषु सर्वदा
संकष्टी चतुर्थी पर करें ये उपाय-
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को 21 लड्डुओं का भोग जरूर लगाएं। इसके साथ ही ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः मंत्र का जाप करें। इस उपाय को करने से कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है। इसके अलावा बुध ग्रह की शांति के लिए द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी की पूजा करने के बाद हरे रंग की वस्तुएं जैसे इलायची, हरा वस्त्र आदि किन्नरों को दान कर सकते हैं।
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करते समय 5 दूर्वा में 11 गांठें लगाकर उन्हें लाल कपड़े में बांध लें और भगवान गणेश को अर्पित करें। इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करें। यदि आप इस उपाय को अपनाएंगे, तो आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।