दिल्ली शतरंज एसोसिएशन के प्रतिनिधि एआईसीएफ चुनाव में मतदान करने के पात्र नहीं
दिल्ली शतरंज एसोसिएशन के प्रतिनिधि एआईसीएफ चुनाव में मतदान करने के पात्र नहीं
चेन्नई, 25 फरवरी । दिल्ली शतरंज एसोसिएशन (डीसीए) उस निर्वाचक मंडल में शामिल नहीं है, जो 10 मार्च को अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के नए पदाधिकारियों का चुनाव करेगा।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए डीसीए के अध्यक्ष भरत सिंह चौहान ने आईएएनएस को बताया, हम सोमवार को अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। हमने एआईसीएफ चुनाव कराने के लिए नियुक्त दो रिटर्निंग अधिकारियों को भी पत्र लिखा है।
एआईसीएफ के 33 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोगियों में से फेडरेशन के अध्यक्ष संजय कपूर ने 24 फरवरी को डीसीए और मध्य प्रदेश को छोड़कर निर्वाचक मंडल प्रकाशित किया। चूंकि मध्य प्रदेश शतरंज मामलों की देखरेख करने वाली केवल एक तदर्थ संस्था है, इसलिए उसके पास मतदान का अधिकार नहीं है।
चौहान के मुताबिक डीसीए को निर्वाचक मंडल से बाहर करना गलत है। दो चुनाव रिटर्निंग अधिकारियों न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जीएस सिस्तानी, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंग नाथ पांडे और एआईसीएफ को लिखे पत्र में चौहान ने कहा, राष्ट्रीय खेल विकास संहिता 2011 के अनुसार और एआईसीएफ चुनाव अधिसूचना 11 फरवरी के संदर्भ में डीसीए ने आगामी चुनावों में मतदान करने के लिए प्रतिनिधियों के नाम विधिवत प्रस्तुत किए।
चौहान ने अपने पत्र में कहा, एआईसीएफ के साथ डीसीए की संबद्धता स्थिति का कोई निलंबन/समाप्ति नहीं हुई है, और अभी तक फॉर्म-1 के लिए हमारे एसोसिएशन के सबमिशन को शामिल नहीं किया गया है।
डीसीए ने अपने उपाध्यक्ष राम प्रताप सिंह और संयुक्त सचिव धर्मेंद्र को 10 मार्च को दिल्ली में होने वाली एआईसीएफ की आम सभा की बैठक में भाग लेने और मतदान करने के लिए नामित किया था।
एक इंटरनेशनल मास्टर (आईएम) ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, डीसीए को मतदान के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है क्योंकि उसने पिछले कई वर्षों से चुनाव नहीं कराए हैं, जो राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 का उल्लंघन है।
दिलचस्प बात यह है कि सितंबर 2023 में एआईसीएफ ने केंद्र सरकार को सूचित किया था कि केवल कुछ राज्य संघ ही राष्ट्रीय खेल विकास संहिता 2011 का पालन करते हैं।
यह देखना होगा कि दोनों रिटर्निंग अधिकारी खुद को कैसे संतुष्ट करते हैं कि एआईसीएफ के अन्य राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सहयोगी राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के तहत कैसे अर्हता प्राप्त करते हैं और 10 मार्च को आम सभा में भाग लेने और मतदान करने के लिए उनके नामांकन की वैधता क्या है।
एआईसीएफ ने देवभूमि शतरंज एसोसिएशन के दो प्रतिनिधियों को अपने निर्वाचन मंडल में इस शर्त के साथ शामिल किया है कि उनका मतदान दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के अधीन है। जो भी हो, एआईसीएफ के निर्वाचक मंडल में अच्छी संख्या में नए चेहरे हैं, और एआईसीएफ के पदाधिकारियों को उनमें से ही चुना जाना है।
(आईएएनएस)
चेन्नई, 25 फरवरी । दिल्ली शतरंज एसोसिएशन (डीसीए) उस निर्वाचक मंडल में शामिल नहीं है, जो 10 मार्च को अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के नए पदाधिकारियों का चुनाव करेगा।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए डीसीए के अध्यक्ष भरत सिंह चौहान ने आईएएनएस को बताया, हम सोमवार को अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। हमने एआईसीएफ चुनाव कराने के लिए नियुक्त दो रिटर्निंग अधिकारियों को भी पत्र लिखा है।
एआईसीएफ के 33 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोगियों में से फेडरेशन के अध्यक्ष संजय कपूर ने 24 फरवरी को डीसीए और मध्य प्रदेश को छोड़कर निर्वाचक मंडल प्रकाशित किया। चूंकि मध्य प्रदेश शतरंज मामलों की देखरेख करने वाली केवल एक तदर्थ संस्था है, इसलिए उसके पास मतदान का अधिकार नहीं है।
चौहान के मुताबिक डीसीए को निर्वाचक मंडल से बाहर करना गलत है। दो चुनाव रिटर्निंग अधिकारियों न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जीएस सिस्तानी, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंग नाथ पांडे और एआईसीएफ को लिखे पत्र में चौहान ने कहा, राष्ट्रीय खेल विकास संहिता 2011 के अनुसार और एआईसीएफ चुनाव अधिसूचना 11 फरवरी के संदर्भ में डीसीए ने आगामी चुनावों में मतदान करने के लिए प्रतिनिधियों के नाम विधिवत प्रस्तुत किए।
चौहान ने अपने पत्र में कहा, एआईसीएफ के साथ डीसीए की संबद्धता स्थिति का कोई निलंबन/समाप्ति नहीं हुई है, और अभी तक फॉर्म-1 के लिए हमारे एसोसिएशन के सबमिशन को शामिल नहीं किया गया है।
डीसीए ने अपने उपाध्यक्ष राम प्रताप सिंह और संयुक्त सचिव धर्मेंद्र को 10 मार्च को दिल्ली में होने वाली एआईसीएफ की आम सभा की बैठक में भाग लेने और मतदान करने के लिए नामित किया था।
एक इंटरनेशनल मास्टर (आईएम) ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, डीसीए को मतदान के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है क्योंकि उसने पिछले कई वर्षों से चुनाव नहीं कराए हैं, जो राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 का उल्लंघन है।
दिलचस्प बात यह है कि सितंबर 2023 में एआईसीएफ ने केंद्र सरकार को सूचित किया था कि केवल कुछ राज्य संघ ही राष्ट्रीय खेल विकास संहिता 2011 का पालन करते हैं।
यह देखना होगा कि दोनों रिटर्निंग अधिकारी खुद को कैसे संतुष्ट करते हैं कि एआईसीएफ के अन्य राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सहयोगी राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के तहत कैसे अर्हता प्राप्त करते हैं और 10 मार्च को आम सभा में भाग लेने और मतदान करने के लिए उनके नामांकन की वैधता क्या है।
एआईसीएफ ने देवभूमि शतरंज एसोसिएशन के दो प्रतिनिधियों को अपने निर्वाचन मंडल में इस शर्त के साथ शामिल किया है कि उनका मतदान दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के अधीन है। जो भी हो, एआईसीएफ के निर्वाचक मंडल में अच्छी संख्या में नए चेहरे हैं, और एआईसीएफ के पदाधिकारियों को उनमें से ही चुना जाना है।
(आईएएनएस)