गठबंधन मजबूत, झारखंड में सरकार को कोई खतरा नहीं : मुख्यमंत्री चंपई सोरेन
गठबंधन मजबूत, झारखंड में सरकार को कोई खतरा नहीं : मुख्यमंत्री चंपई सोरेन
नयी दिल्ली, 18 फरवरीकांग्रेस के चार विधायकों को मंत्री के रूप में शामिल करने पर पार्टी विधायकों के एक वर्ग में नाराजगी की खबरों के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने रविवार को कहा कि प्रदेश में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाला गठबंधन मजबूत है और राज्य में गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से नयी दिल्ली में मुलाकात से पहले सोरेन ने यह टिप्पणी की।
खरगे से मुलाकात के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष से यह शिष्टाचार मुलाकात थी।
हालिया मंत्रिमंडल गठन को लेकर कांग्रेस विधायकों के एक वर्ग के असंतुष्ट होने पर सोरेन ने कहा कि यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है।
इससे पहले सुबह सोरेन ने कहा, (यह) कोई मुद्दा ही नहीं है, हमारा गठबंधन मजबूत है।
असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों के दिल्ली में होने के बारे पूछे जाने पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है, वे इसे सुलझा लेंगे। मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है। झामुमो और कांग्रेस के बीच कोई विवाद नहीं है और सब कुछ बिल्कुल ठीक है।
कांग्रेस के कम से कम 12 विधायकों ने 23 फरवरी से शुरू हो रहे आगामी राज्य विधानसभा सत्र का बहिष्कार करने और मंत्रियों को नहीं बदलने पर जयपुर जाने की धमकी दी है।
झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास 81-सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक (झामुमो के 29, कांग्रेस के 17 और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का एक) हैं।
आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को फिर से मंत्री पद देने के कांग्रेस के फैसले से नाखुश विधायक पहले रांची के एक होटल में एकत्र हुए। उन्हें मनाने के लिए झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे और मंत्री बसंत सोरेन पहुंचे।
विधायकों के साथ बैठक के बाद बसंत सोरेन ने कहा, कोई भ्रम नहीं है...हम सभी एकजुट हैं।(भाषा)
नयी दिल्ली, 18 फरवरीकांग्रेस के चार विधायकों को मंत्री के रूप में शामिल करने पर पार्टी विधायकों के एक वर्ग में नाराजगी की खबरों के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने रविवार को कहा कि प्रदेश में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाला गठबंधन मजबूत है और राज्य में गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से नयी दिल्ली में मुलाकात से पहले सोरेन ने यह टिप्पणी की।
खरगे से मुलाकात के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष से यह शिष्टाचार मुलाकात थी।
हालिया मंत्रिमंडल गठन को लेकर कांग्रेस विधायकों के एक वर्ग के असंतुष्ट होने पर सोरेन ने कहा कि यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है।
इससे पहले सुबह सोरेन ने कहा, (यह) कोई मुद्दा ही नहीं है, हमारा गठबंधन मजबूत है।
असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों के दिल्ली में होने के बारे पूछे जाने पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है, वे इसे सुलझा लेंगे। मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है। झामुमो और कांग्रेस के बीच कोई विवाद नहीं है और सब कुछ बिल्कुल ठीक है।
कांग्रेस के कम से कम 12 विधायकों ने 23 फरवरी से शुरू हो रहे आगामी राज्य विधानसभा सत्र का बहिष्कार करने और मंत्रियों को नहीं बदलने पर जयपुर जाने की धमकी दी है।
झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास 81-सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक (झामुमो के 29, कांग्रेस के 17 और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का एक) हैं।
आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को फिर से मंत्री पद देने के कांग्रेस के फैसले से नाखुश विधायक पहले रांची के एक होटल में एकत्र हुए। उन्हें मनाने के लिए झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे और मंत्री बसंत सोरेन पहुंचे।
विधायकों के साथ बैठक के बाद बसंत सोरेन ने कहा, कोई भ्रम नहीं है...हम सभी एकजुट हैं।(भाषा)