किसानों ने किया उप तहसील का घेराव, समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर प्रदर्शन
किसानों ने किया उप तहसील का घेराव, समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ संवाददाता
प्रतापपुर, 22 नवंबर। डांडक़रवां उप तहसील के अंतर्गत आने वाले किसानों ने अपनी समस्याओं को लेकर शुक्रवार को धरना प्रदर्शन और आक्रोश रैली निकाली। किसानों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपते हुए तीन दिनों के भीतर समस्याओं का समाधान न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। इस प्रदर्शन का नेतृत्व आदिवासी प्रदेश कांग्रेस महामंत्री शिवभजन सिंह मरावी ने किया।
किसानों ने अपनी शिकायत में कहा कि उनकी भूमि का रकबा कम कर दिया गया है, जिससे उन्हें अपनी उपज का समर्थन मूल्य और उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा है।किसानों ने आरोप लगाया कि प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का दावा किया गया था, लेकिन रकबा कम होने के कारण उनका धान नहीं खरीदा जा रहा। पटवारी और राजस्व विभाग पर किसानों ने आरोप लगाया कि खेतों का निरीक्षण किए बिना ही गिरदावरी की गई। इससे कई किसानों को अपनी फसल बेचने का मौका नहीं मिला।
समर्थन मूल्य: 3100 रुपये प्रति क्विंटल धान की खरीदी की घोषणा के बावजूद किसानों को 23 रुपये प्रति किलो का समर्थन मूल्य और 8 रुपये बोनस का आश्वासन दिया गया। लेकिन बोनस की तिथि तय न होने से किसान असमंजस में हैं।
किसानों ने कहा कि यदि तीन दिनों में समस्याओं का समाधान नहीं होता, तो वे धान खरीदी प्रक्रिया को बाधित करने और चक्का जाम करने पर विवश होंगे। किसानों ने चेतावनी दी कि इसका सीधा जिम्मेदार छत्तीसगढ़ शासन होगा।
आदिवासी प्रदेश कांग्रेस महामंत्री शिवभजन सिंह मरावी ने बीजेपी सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए। जमीन का रकबा कम करके बीजेपी सरकार ने अन्नदाता को ठगा है। कांग्रेस शासनकाल में किसानों को उनकी उपज का पूरा मूल्य मिलता था, लेकिन वर्तमान सरकार उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रही है।
भारत गुप्ता ने कहा कि पटवारियों द्वारा बिना निरीक्षण के गिरदावरी में मनमानी की गई है। किसानों को अपनी उपज बेचने से वंचित रखा जा रहा है। यदि समस्याएं तुरंत हल नहीं हुईं, तो किसान और भी बड़ा आंदोलन करेंगे।
नायब तहसीलदार ने ज्ञापन लेते हुए किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान 10 दिनों के भीतर किया जाएगा। उन्होंने कहा, मैं स्वयं पटवारी, आरआई और अन्य कर्मचारियों को निर्देशित कर तत्काल कार्रवाई करूंगा।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
प्रतापपुर, 22 नवंबर। डांडक़रवां उप तहसील के अंतर्गत आने वाले किसानों ने अपनी समस्याओं को लेकर शुक्रवार को धरना प्रदर्शन और आक्रोश रैली निकाली। किसानों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपते हुए तीन दिनों के भीतर समस्याओं का समाधान न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। इस प्रदर्शन का नेतृत्व आदिवासी प्रदेश कांग्रेस महामंत्री शिवभजन सिंह मरावी ने किया।
किसानों ने अपनी शिकायत में कहा कि उनकी भूमि का रकबा कम कर दिया गया है, जिससे उन्हें अपनी उपज का समर्थन मूल्य और उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा है।किसानों ने आरोप लगाया कि प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का दावा किया गया था, लेकिन रकबा कम होने के कारण उनका धान नहीं खरीदा जा रहा। पटवारी और राजस्व विभाग पर किसानों ने आरोप लगाया कि खेतों का निरीक्षण किए बिना ही गिरदावरी की गई। इससे कई किसानों को अपनी फसल बेचने का मौका नहीं मिला।
समर्थन मूल्य: 3100 रुपये प्रति क्विंटल धान की खरीदी की घोषणा के बावजूद किसानों को 23 रुपये प्रति किलो का समर्थन मूल्य और 8 रुपये बोनस का आश्वासन दिया गया। लेकिन बोनस की तिथि तय न होने से किसान असमंजस में हैं।
किसानों ने कहा कि यदि तीन दिनों में समस्याओं का समाधान नहीं होता, तो वे धान खरीदी प्रक्रिया को बाधित करने और चक्का जाम करने पर विवश होंगे। किसानों ने चेतावनी दी कि इसका सीधा जिम्मेदार छत्तीसगढ़ शासन होगा।
आदिवासी प्रदेश कांग्रेस महामंत्री शिवभजन सिंह मरावी ने बीजेपी सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए। जमीन का रकबा कम करके बीजेपी सरकार ने अन्नदाता को ठगा है। कांग्रेस शासनकाल में किसानों को उनकी उपज का पूरा मूल्य मिलता था, लेकिन वर्तमान सरकार उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रही है।
भारत गुप्ता ने कहा कि पटवारियों द्वारा बिना निरीक्षण के गिरदावरी में मनमानी की गई है। किसानों को अपनी उपज बेचने से वंचित रखा जा रहा है। यदि समस्याएं तुरंत हल नहीं हुईं, तो किसान और भी बड़ा आंदोलन करेंगे।
नायब तहसीलदार ने ज्ञापन लेते हुए किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान 10 दिनों के भीतर किया जाएगा। उन्होंने कहा, मैं स्वयं पटवारी, आरआई और अन्य कर्मचारियों को निर्देशित कर तत्काल कार्रवाई करूंगा।