किरायेदारों को हटाने के लिए कोई प्लॉनिंग नहीं:तब ही वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद भी निर्माण कार्य रुका, मामला शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनने का

शहर के हटवाड़ा चौक में महात्मा गांधी उद्यान भूमि पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स निर्माण का नगर पालिका का कार्य रुक गया है। भूमि पर काबिज दुकानदार कॉम्प्लेक्स निर्माण के दौरान यहां से हटने के पहले अपने व्यापार के पुनर्वास को लेकर ठोस वादा चाहते है। साथ ही कॉम्लेक्स में ही दुकानें चाहते है। इन की समस्या का निराकरण नहीं होने से यह लोग कॉम्प्लेक्स की प्रस्तावित भूमि पर काबिज है। इसी कारण काम शुरू नही हो पा रहा है। इधर समस्या के निराकरण के पूर्व ही नगर पालिका ने शॉपिंग कॉम्प्लेक्स निर्माण के लिए टेंडर जारी करने के साथ स्वीकृत ठेकेदार को वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया है 6 माह के अंदर परिसर का निर्माण काम किया जाना है। हटाने को लेकर कोई प्लॉनिंग नहीं दरअसल 3 करोड़ के खर्चे से जी प्लस का शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाया जाना है। जिस स्थान पर कॉम्‍पलेक्‍स बनना हैं, वहां पर 30 से अधिक लोगों की पतरे की दुकाने उद्यान के आसपास कब्जा है। अनेक लोगो से निकाय विधिवत किराया भी लेती है। इन दुकानदारों से निकाय अधिकारियों की पूर्व की दो बैठके असफल रही है। दरअसल दुकानदार शहर विकास के हित में हटने को तैयार है किंतु कॉम्प्लेक्स निर्माण के बाद फिर अपनी जगह पर कॉम्प्लेक्स में दुकान चाहते है। निकाय नीलामी बोली में उन्हें शामिल होने की बात कह रही है। अनेक दुकानदार लागत मूल्य पर दुकान चाहते है। इधर दर्ज किरायेदारों के स्थान पर दूसरों के काबिज होने की स्थिति में उन्हें किराएदार माने या नहीं एवं किस प्रक्रिया के तहत दुकानें दी जाए। इसको लेकर हल नहीं निकल पा रहा है। इन स्थितियों में अनेक लोग कोर्ट की शरण में जाने की तैयारियों में है। ऑप्शनल स्थान नहीं काबिज दुकानदारों का हल निकालने के बाद ही कॉम्प्लेक्स निर्माण का काम प्रारंभ हो पाएगा। इधर काबिज लोगो के हटने के बाद निर्माण अवधि तक दुकानदारों को व्यापार के लिए वैकल्पिक स्थान देना भी चुनौती बना हुआ है। निकाय के पास इतनी बड़ी संख्या में इन्हें अन्यंत्र स्थान देने के लिए जमीन का अभाव है। कुल मिलाकर समस्या निराकरण के पहले टेंडर आमंत्रित कर ठेका देने में जल्दबाजी की गई है। अधिक विलंब होने पर निर्माण लागत भी प्रभावित होने की पूरी संभावना है।

किरायेदारों को हटाने के लिए कोई प्लॉनिंग नहीं:तब ही वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद भी निर्माण कार्य रुका, मामला शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनने का
शहर के हटवाड़ा चौक में महात्मा गांधी उद्यान भूमि पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स निर्माण का नगर पालिका का कार्य रुक गया है। भूमि पर काबिज दुकानदार कॉम्प्लेक्स निर्माण के दौरान यहां से हटने के पहले अपने व्यापार के पुनर्वास को लेकर ठोस वादा चाहते है। साथ ही कॉम्लेक्स में ही दुकानें चाहते है। इन की समस्या का निराकरण नहीं होने से यह लोग कॉम्प्लेक्स की प्रस्तावित भूमि पर काबिज है। इसी कारण काम शुरू नही हो पा रहा है। इधर समस्या के निराकरण के पूर्व ही नगर पालिका ने शॉपिंग कॉम्प्लेक्स निर्माण के लिए टेंडर जारी करने के साथ स्वीकृत ठेकेदार को वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया है 6 माह के अंदर परिसर का निर्माण काम किया जाना है। हटाने को लेकर कोई प्लॉनिंग नहीं दरअसल 3 करोड़ के खर्चे से जी प्लस का शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाया जाना है। जिस स्थान पर कॉम्‍पलेक्‍स बनना हैं, वहां पर 30 से अधिक लोगों की पतरे की दुकाने उद्यान के आसपास कब्जा है। अनेक लोगो से निकाय विधिवत किराया भी लेती है। इन दुकानदारों से निकाय अधिकारियों की पूर्व की दो बैठके असफल रही है। दरअसल दुकानदार शहर विकास के हित में हटने को तैयार है किंतु कॉम्प्लेक्स निर्माण के बाद फिर अपनी जगह पर कॉम्प्लेक्स में दुकान चाहते है। निकाय नीलामी बोली में उन्हें शामिल होने की बात कह रही है। अनेक दुकानदार लागत मूल्य पर दुकान चाहते है। इधर दर्ज किरायेदारों के स्थान पर दूसरों के काबिज होने की स्थिति में उन्हें किराएदार माने या नहीं एवं किस प्रक्रिया के तहत दुकानें दी जाए। इसको लेकर हल नहीं निकल पा रहा है। इन स्थितियों में अनेक लोग कोर्ट की शरण में जाने की तैयारियों में है। ऑप्शनल स्थान नहीं काबिज दुकानदारों का हल निकालने के बाद ही कॉम्प्लेक्स निर्माण का काम प्रारंभ हो पाएगा। इधर काबिज लोगो के हटने के बाद निर्माण अवधि तक दुकानदारों को व्यापार के लिए वैकल्पिक स्थान देना भी चुनौती बना हुआ है। निकाय के पास इतनी बड़ी संख्या में इन्हें अन्यंत्र स्थान देने के लिए जमीन का अभाव है। कुल मिलाकर समस्या निराकरण के पहले टेंडर आमंत्रित कर ठेका देने में जल्दबाजी की गई है। अधिक विलंब होने पर निर्माण लागत भी प्रभावित होने की पूरी संभावना है।