उप मुख्यमंत्री से मिला शासकीय शिक्षक संगठन का प्रतिनिधिमंडल:विज्ञान विषय के अतिशेष शिक्षकों के समायोजन को लेकर 7 सुझाव दिए

अतिशेष शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया से नाराज चल रहे शिक्षकों ने रविवार को शासकीय शिक्षक संगठन के नेतृत्व में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला से भेंट की और विज्ञान विषय के अतिशेष शिक्षकों के समायोजन को लेकर 7 सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि विज्ञान विषय के शिक्षकों के समायोजन में कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। उप मुख्यमंत्री शुक्ला से मिलने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संगठन के रीवा जिला अध्यक्ष चन्द्रोदय मिश्रा ने किया। संगठन ने कहा कि स्कूल में विज्ञान विषय के शिक्षक अतिशेष हैं और संस्था में अन्य विषय के पद रिक्त हैं, तो उस पद के विरुद्ध समायोजित कर अतिशेष से अलग किया जाना उचित होगा। 31 मार्च 2025 तक पद रिक्तता की स्थिति में विज्ञान विषय के अतिशेष शिक्षकों को समायोजित करें या विज्ञान के अतिशेष शिक्षकों को 31 मार्च 2025 तक यथावत रखा जाए। उन्होंने बताया कि विज्ञान विषय की पद संरचना संस्कृत के स्थान पर 4 पद मानकर पद संरचना की गणना की जाए। यदि किसी शिक्षक के पास विज्ञान विषय के अतिरिक्त स्नातकोत्तर डिग्री है तो हायर सेकंडरी में रिक्त वर्ग-1 के पद विरुद्ध समायोजित किया जाए। माध्यमिक स्कूल में 3 के स्थान पर शिक्षकों के न्यूनतम 5 पद मान्य किए जाएं। शिक्षक और माध्यमिक शिक्षक का पद जिला कैडर का माना जाए और पहले की तरह काउंसिलिंग में महिलाओं को स्कूल चयन में प्राथमिकता दें।

अतिशेष शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया से नाराज चल रहे शिक्षकों ने रविवार को शासकीय शिक्षक संगठन के नेतृत्व में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला से भेंट की और विज्ञान विषय के अतिशेष शिक्षकों के समायोजन को लेकर 7 सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि विज्ञान विषय के शिक्षकों के समायोजन में कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। उप मुख्यमंत्री शुक्ला से मिलने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संगठन के रीवा जिला अध्यक्ष चन्द्रोदय मिश्रा ने किया। संगठन ने कहा कि स्कूल में विज्ञान विषय के शिक्षक अतिशेष हैं और संस्था में अन्य विषय के पद रिक्त हैं, तो उस पद के विरुद्ध समायोजित कर अतिशेष से अलग किया जाना उचित होगा। 31 मार्च 2025 तक पद रिक्तता की स्थिति में विज्ञान विषय के अतिशेष शिक्षकों को समायोजित करें या विज्ञान के अतिशेष शिक्षकों को 31 मार्च 2025 तक यथावत रखा जाए। उन्होंने बताया कि विज्ञान विषय की पद संरचना संस्कृत के स्थान पर 4 पद मानकर पद संरचना की गणना की जाए। यदि किसी शिक्षक के पास विज्ञान विषय के अतिरिक्त स्नातकोत्तर डिग्री है तो हायर सेकंडरी में रिक्त वर्ग-1 के पद विरुद्ध समायोजित किया जाए। माध्यमिक स्कूल में 3 के स्थान पर शिक्षकों के न्यूनतम 5 पद मान्य किए जाएं। शिक्षक और माध्यमिक शिक्षक का पद जिला कैडर का माना जाए और पहले की तरह काउंसिलिंग में महिलाओं को स्कूल चयन में प्राथमिकता दें।