शासकीय कार्य कराने महीनों से छूट रहे उद्योग संस्थाओं के पसीने

शासकीय कार्य कराने महीनों से छूट रहे उद्योग संस्थाओं के पसीने पहले आचार संहिता फिर...

शासकीय कार्य कराने महीनों से छूट रहे उद्योग संस्थाओं के पसीने

शासकीय कार्य कराने महीनों से छूट रहे उद्योग संस्थाओं के पसीने

पहले आचार संहिता फिर प्रशासनिक फेरबदल और अब अधिकारी व्यस्त विधानसभा के प्रश्नो को सुलझाने में

*रायपुर* 22-02-2024 :- पिछले अक्टूबर से अब तक शासकीय अनुमतियों को लेकर प्रदेश का उद्योग परेशान हो गया है। जहा विधानसभा चुनाव,एवं विधानसभा आचारसंहिता के कारण राजकीय कार्य पूरी तरह से ठप था वही नयी सरकार आने के बाद अधिकारियो के लगातार तबादले,नए मंत्रियो के पद एवं नई सरकार को समझने का हवाला देते अधिकारियो ने कोई भी फाइल आगे बढाने का जिम्मा नहीं लिया.नयी सरकार के आने से सभी की फाइल को ये बोल रोक देना की नयी सरकार नए अधिकारी हैं उन्हें समझने के बाद फाइल को आगे बढ़ाया जायेगा । नयी सरकार आने के बाद अधिकारियो के लगातार तबादले की वजह से उलझने और बढ़ गयीं हैं ,वही विधानसभा सत्र शुरू होते ही सभी अधिकारी विधान सभा के प्रश्नो के तैयारियों में जुटे हुए हैं जिससे की विधानसभा के दौरान सभी अधिकारियो की व्यस्तता और विधान सभा में रोज़ उपस्थिति दर्ज करना उन्हें और कुछ नहीं करने के प्रोत्साहित कर रही है ।दफ़्तरों के चक्कर लगा लगा कर उद्योग के प्रतिनिधि बेहाल हो रहे हैं, और इस विलंभ से उद्योगों को करोडो का नुक्सान भी झेलना पड़ रहा हैं
इसके साथ ही विधानसभा खत्म होते ही लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो जाएगी इस दौरान मार्च से आचारसंहिता लगने से फिर से शासकीय काम काज पूरी तरह से रोक दिए जायेंगे और यदि देखा जाये तो पिछले ६ महीनो से सरकारी कार्य एवं सरकारी फ़ाइल सरकारी दफ्तरों में केवल संख्या को बढ़ा रही हैं जबकि जनता सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा लगा कर थक जाती हैं ,अंततः उसके पास सिवाय इंतज़ार के कुछ नहीं रहता .कुल मिलाकर फ़ाइल महिनो मंत्रालय एवं अन्य दफ्तरों में घूमती रहती हैं .

इस बात का संज्ञान इलेक्शन कमीशन को भी लेना होगा की वह सभी परमिशन और अनुमतियों पर से बैन उठा लें या इसकी वैकल्पिक व्यवस्था करे जिससे की चुनाव दौरान उद्योगों के नुकसान को बचाया जा सके.