मैनपाट महोत्सव : भोजपुरी गायक खेसारी व आरु साहू के गीतों पर थिरका सरगुजा

छत्तीसगढ़ संवाददाता अंबिकापुर, 25 फरवरी। मैनपाट महोत्सव के दूसरे दिन लोगों में और अधिक उत्साह देखने को मिला। बड़ी संख्या में लोग महोत्सव का आनंद लेने पहुंचे। मंच पर थिरकते बच्चों और कलाकारों के साथ आम जन ने भी सुर से सुर और कदम से कदम मिलाए। मशहूर भोजपुरी कलाकार खेसारी लाल के भोजपुरी गीतों पर दर्शक जमकर झूमे, खेसारी लाल के स्टेज पर पहुंचते साथ लोगों ने जमकर तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। प्रसिद्ध गजल गायक कुमार सत्यम के गजलों तुम्हारी दौलत नई-नई है... याद याद याद, बस याद रह जाती है, से समा सुरमई हुआ। छत्तीसगढ़ी गायिका आरु साहू के गीतों ने लोगों को थिरकने पर मजबूर किया। ख्यात कलाकार अमन अक्षर ने रामभक्ति से भरा काव्य पाठ किया। स्थानीय कलाकारों में आयुष नामदेव, हर्ष पुरी तथा जसमीत कौर के गीतों ने लोगों को आयोजन स्थल में बांधे रखा। वहीं गीत-संगीत के साथ विभिन्न पारम्परिक नृत्यों पर लोग थिरके। कठपुतली नृत्य, सम्बलपुर के दुलदुली डांस ग्रुप द्वारा दुलदुली नृत्य, बुधमन सन्यासी की टीम द्वारा नगपुरिहा गीत एवं नृत्य मुख्य आकर्षण का केन्द्र रही। स्कूली बच्चों और स्थानीय कलाकारों ने भी एक से बढक़र एक गीत और नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी।

मैनपाट महोत्सव : भोजपुरी गायक खेसारी  व आरु साहू के गीतों पर थिरका सरगुजा
छत्तीसगढ़ संवाददाता अंबिकापुर, 25 फरवरी। मैनपाट महोत्सव के दूसरे दिन लोगों में और अधिक उत्साह देखने को मिला। बड़ी संख्या में लोग महोत्सव का आनंद लेने पहुंचे। मंच पर थिरकते बच्चों और कलाकारों के साथ आम जन ने भी सुर से सुर और कदम से कदम मिलाए। मशहूर भोजपुरी कलाकार खेसारी लाल के भोजपुरी गीतों पर दर्शक जमकर झूमे, खेसारी लाल के स्टेज पर पहुंचते साथ लोगों ने जमकर तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। प्रसिद्ध गजल गायक कुमार सत्यम के गजलों तुम्हारी दौलत नई-नई है... याद याद याद, बस याद रह जाती है, से समा सुरमई हुआ। छत्तीसगढ़ी गायिका आरु साहू के गीतों ने लोगों को थिरकने पर मजबूर किया। ख्यात कलाकार अमन अक्षर ने रामभक्ति से भरा काव्य पाठ किया। स्थानीय कलाकारों में आयुष नामदेव, हर्ष पुरी तथा जसमीत कौर के गीतों ने लोगों को आयोजन स्थल में बांधे रखा। वहीं गीत-संगीत के साथ विभिन्न पारम्परिक नृत्यों पर लोग थिरके। कठपुतली नृत्य, सम्बलपुर के दुलदुली डांस ग्रुप द्वारा दुलदुली नृत्य, बुधमन सन्यासी की टीम द्वारा नगपुरिहा गीत एवं नृत्य मुख्य आकर्षण का केन्द्र रही। स्कूली बच्चों और स्थानीय कलाकारों ने भी एक से बढक़र एक गीत और नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी।