भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर इस मुहूर्त में करें गणपति पूजा

सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन संकष्टी चतुर्थी को बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर माह में दो बार आती है एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर संकष्टी चतुर्थी की एक अलग कथा है इस बार भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी मनाई जा रही है जो कि चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर पड़ती है। भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का व्रत आज यानी 28 मार्च दिन गुरुवार को किया जा रहा है यह तिथि गणपति साधना को समर्पित होती है इस दिन भक्त भगवान श्री गणेश की विधि विधान से पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और कष्ट दूर हो जाते हैं ऐसे में अगर आप भी श्री गणेश का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो आज गणपति की पूजा शुभ मुहूर्त में ही करें ऐसा करने से सुख समृद्धि में वृद्धि होती है और दुख परेशानियां दूर हो जाती हैं। भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी तिथि और मुहूर्त- हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी का आरंभ 28 मार्च को शाम 6 बजकर 56 मिनट से हो चुका है वही इस तिथि का समापन 29 मार्च को रात्रि 8 बजकर 20 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में इस दिन चंद्रमा की पूजा के बाद ही व्रत पूर्ण होता है इस दिन आप अपने व्रत का पारण चंद्रमा को जल अर्पित कर उनकी विधिवत पूजा करें इसके बाद ही व्रत खोले। माना जाता है कि इस दिन भक्ति भाव से भगवान की पूजा करने से वे प्रसन्न हो जाते हैं और सुख समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर इस मुहूर्त में करें गणपति पूजा
सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन संकष्टी चतुर्थी को बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर माह में दो बार आती है एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर संकष्टी चतुर्थी की एक अलग कथा है इस बार भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी मनाई जा रही है जो कि चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर पड़ती है। भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का व्रत आज यानी 28 मार्च दिन गुरुवार को किया जा रहा है यह तिथि गणपति साधना को समर्पित होती है इस दिन भक्त भगवान श्री गणेश की विधि विधान से पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और कष्ट दूर हो जाते हैं ऐसे में अगर आप भी श्री गणेश का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो आज गणपति की पूजा शुभ मुहूर्त में ही करें ऐसा करने से सुख समृद्धि में वृद्धि होती है और दुख परेशानियां दूर हो जाती हैं। भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी तिथि और मुहूर्त- हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी का आरंभ 28 मार्च को शाम 6 बजकर 56 मिनट से हो चुका है वही इस तिथि का समापन 29 मार्च को रात्रि 8 बजकर 20 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में इस दिन चंद्रमा की पूजा के बाद ही व्रत पूर्ण होता है इस दिन आप अपने व्रत का पारण चंद्रमा को जल अर्पित कर उनकी विधिवत पूजा करें इसके बाद ही व्रत खोले। माना जाता है कि इस दिन भक्ति भाव से भगवान की पूजा करने से वे प्रसन्न हो जाते हैं और सुख समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।