भूमिगत कोयला गैसीकरण के लिए झारखंड में भारत की पहली पायलट परियोजना शुरू

नई दिल्ली,  कोयला मंत्रालय ने झारखंड में भूमिगत कोयला गैसीकरण के लिए भारत की पहली पायलट परियोजना का शुभारंभ कर दिया। 24 जून को कोयला मंत्रालय ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। कोयला मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक इस पहल का उद्देश्य कोयला गैसीकरण के उपयोग के माध्यम से इसे औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए मीथेन, हाइड्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी मूल्यवान गैसों में परिवर्तित करना है। कोयला मंत्रालय के रणनीतिक निर्देशन के अतर्गत ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) ने झारखंड के जामताड़ा जिले के कास्ता कोयला ब्लॉक में भूमिगत कोयला गैसीकरण (यूसीजी) के लिए एक अभिनव पायलट परियोजना की शुरूआत की है। दिसंबर 2015 में कोयला मंत्रालय ने कोयला और लिग्नाइट युक्त क्षेत्रों में यूसीजी के लिए एक व्यापक नीतिगत प्रारूप को स्वीकृति दी थी। इस नीति के अनुरूप कोल इंडिया ने भारतीय भू-खनन स्थितियों के अनुरूप यूसीजी प्रौद्योगिकी को लागू करने के लिए कस्ता कोयला ब्लॉक का चयन किया। ईसीएल द्वारा सीएमपीडीआई रांची और कनाडा की एर्गो एक्सर्जी टेक्नोलॉजीज इंक (ईईटीआई) के सहयोग से प्रबंधित यह परियोजना दो वर्ष तक संचालित की जाएगी और इसमें दो चरण शामिल हैं। 22 जून 2024 को प्रारंभ हुए प्रथम चरण में बोरहोल ड्रिलिंग और कोर टेस्टिंग के माध्यम से तकनीकी व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करना शामिल है। दूसरे चरण में कोयला गैसीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।    

भूमिगत कोयला गैसीकरण के लिए झारखंड में भारत की पहली पायलट परियोजना शुरू
नई दिल्ली,  कोयला मंत्रालय ने झारखंड में भूमिगत कोयला गैसीकरण के लिए भारत की पहली पायलट परियोजना का शुभारंभ कर दिया। 24 जून को कोयला मंत्रालय ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। कोयला मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक इस पहल का उद्देश्य कोयला गैसीकरण के उपयोग के माध्यम से इसे औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए मीथेन, हाइड्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी मूल्यवान गैसों में परिवर्तित करना है। कोयला मंत्रालय के रणनीतिक निर्देशन के अतर्गत ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) ने झारखंड के जामताड़ा जिले के कास्ता कोयला ब्लॉक में भूमिगत कोयला गैसीकरण (यूसीजी) के लिए एक अभिनव पायलट परियोजना की शुरूआत की है। दिसंबर 2015 में कोयला मंत्रालय ने कोयला और लिग्नाइट युक्त क्षेत्रों में यूसीजी के लिए एक व्यापक नीतिगत प्रारूप को स्वीकृति दी थी। इस नीति के अनुरूप कोल इंडिया ने भारतीय भू-खनन स्थितियों के अनुरूप यूसीजी प्रौद्योगिकी को लागू करने के लिए कस्ता कोयला ब्लॉक का चयन किया। ईसीएल द्वारा सीएमपीडीआई रांची और कनाडा की एर्गो एक्सर्जी टेक्नोलॉजीज इंक (ईईटीआई) के सहयोग से प्रबंधित यह परियोजना दो वर्ष तक संचालित की जाएगी और इसमें दो चरण शामिल हैं। 22 जून 2024 को प्रारंभ हुए प्रथम चरण में बोरहोल ड्रिलिंग और कोर टेस्टिंग के माध्यम से तकनीकी व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करना शामिल है। दूसरे चरण में कोयला गैसीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।