पशुपति पारस का केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा, भाजपा पर नाइंसाफी का आरोप लगाया

नयी दिल्ली, 19 मई केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने मंगलवार को केंद्र सरकार से इस्तीफा दे दिया और आरोप लगाया कि भाजपा लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में सीट बंटवारे की बातचीत में शामिल नहीं करके उनकी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के साथ नाइंसाफी कर रही है। पारस ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। इससे एक दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने राज्य में अपने सीट-बंटवारा समझौते की घोषणा की थी और चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा (रामविलास) को पांच सीट देने का ऐलान किया था। पारस ने संवाददाता सम्मेलन में अपने इस्तीफे के बारे में संक्षिप्त बयान दिया, लेकिन अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में कुछ नहीं बताया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल भाजपा के किसी सहयोगी दल के एकमात्र नेता पारस ने सीट-बंटवारे को लेकर नाखुशी जताने से पहले प्रधानमंत्री को बड़ा नेता बताते हुए उनका आभार जताया। पारस ने कहा कि उन्होंने ईमानदारी और निष्ठा के साथ राजग की सेवा की लेकिन उनके साथ नाइंसाफी हुई। उन्होंने कहा, मेरी पार्टी और खासतौर से मेरे साथ नाइंसाफी हुई है। पारस की पार्टी के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि पार्टी नेता जल्द मिलकर आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय लेंगे। उन्होंने साफ किया कि पारस चुनाव लड़ेंगे। लोकसभा में लोक जनशक्ति पार्टी के छह सांसदों में से कुछ समय पहले तक पारस को पांच सांसदों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन प्रेस वार्ता में उनके साथ इनमें से कोई नहीं था। सूत्रों के मुताबिक कुछ सांसद अन्य दलों के साथ चुनाव लड़ने की संभावना तलाश रहे हैं जिनमें पारस से अलग राजनीति कर रहे उनके भतीजे चिराग पासवान की लोजपा (राम विलास) भी शामिल है। पारस बिहार में राष्ट्रीय जनता दल की अगुवाई वाले विपक्षी गठबंधन के साथ हाथ मिलाने की संभावना पर विचार कर सकते हैं और हाजीपुर सीट से अपने भतीजे चिराग के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं। निवर्तमान लोकसभा में वह हाजीपुर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। चिराग पासवान ने भी आगामी चुनाव में इस सीट से लड़ने का संकेत दिया है जिसे उनके दिवंगत पिता राम विलास पासवान के प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है।(भाषा)

पशुपति पारस का केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा, भाजपा पर नाइंसाफी का आरोप लगाया
नयी दिल्ली, 19 मई केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने मंगलवार को केंद्र सरकार से इस्तीफा दे दिया और आरोप लगाया कि भाजपा लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में सीट बंटवारे की बातचीत में शामिल नहीं करके उनकी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के साथ नाइंसाफी कर रही है। पारस ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। इससे एक दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने राज्य में अपने सीट-बंटवारा समझौते की घोषणा की थी और चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा (रामविलास) को पांच सीट देने का ऐलान किया था। पारस ने संवाददाता सम्मेलन में अपने इस्तीफे के बारे में संक्षिप्त बयान दिया, लेकिन अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में कुछ नहीं बताया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल भाजपा के किसी सहयोगी दल के एकमात्र नेता पारस ने सीट-बंटवारे को लेकर नाखुशी जताने से पहले प्रधानमंत्री को बड़ा नेता बताते हुए उनका आभार जताया। पारस ने कहा कि उन्होंने ईमानदारी और निष्ठा के साथ राजग की सेवा की लेकिन उनके साथ नाइंसाफी हुई। उन्होंने कहा, मेरी पार्टी और खासतौर से मेरे साथ नाइंसाफी हुई है। पारस की पार्टी के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि पार्टी नेता जल्द मिलकर आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय लेंगे। उन्होंने साफ किया कि पारस चुनाव लड़ेंगे। लोकसभा में लोक जनशक्ति पार्टी के छह सांसदों में से कुछ समय पहले तक पारस को पांच सांसदों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन प्रेस वार्ता में उनके साथ इनमें से कोई नहीं था। सूत्रों के मुताबिक कुछ सांसद अन्य दलों के साथ चुनाव लड़ने की संभावना तलाश रहे हैं जिनमें पारस से अलग राजनीति कर रहे उनके भतीजे चिराग पासवान की लोजपा (राम विलास) भी शामिल है। पारस बिहार में राष्ट्रीय जनता दल की अगुवाई वाले विपक्षी गठबंधन के साथ हाथ मिलाने की संभावना पर विचार कर सकते हैं और हाजीपुर सीट से अपने भतीजे चिराग के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं। निवर्तमान लोकसभा में वह हाजीपुर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। चिराग पासवान ने भी आगामी चुनाव में इस सीट से लड़ने का संकेत दिया है जिसे उनके दिवंगत पिता राम विलास पासवान के प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है।(भाषा)