जब बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा था मालदीव, भारत नहीं होता तो मिट गया होता...

मालदीव में आए इस पेय जल संकट में रोजाना 100 टन पानी की जरूरत थी. शुरुआती 12 घंटे काफी क्रिटीकल थे. उस भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं और विदेश सचिव एस जयशंकर. मालदीव के विदेश मंत्री ने पेयजल संकट और देश में मचे त्राहीमाम के बारे में स्वराज को अवगत कराया. तब उन्होंने कहा चिंता न करें, जल्द ही मदद पहुंच जायेगी. और फिर शुरू हुआ भारत का 'ऑपरेशन नीर.'

जब बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा था मालदीव, भारत नहीं होता तो मिट गया होता...
मालदीव में आए इस पेय जल संकट में रोजाना 100 टन पानी की जरूरत थी. शुरुआती 12 घंटे काफी क्रिटीकल थे. उस भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं और विदेश सचिव एस जयशंकर. मालदीव के विदेश मंत्री ने पेयजल संकट और देश में मचे त्राहीमाम के बारे में स्वराज को अवगत कराया. तब उन्होंने कहा चिंता न करें, जल्द ही मदद पहुंच जायेगी. और फिर शुरू हुआ भारत का 'ऑपरेशन नीर.'