चुनाव से पहले भाजपा नेताओं को जेल भेजा, सरकार बनी तो कलेक्टर ही नप गए

आज-कल में जॉइनिंग कर सकते हैं नए कलेक्टर छत्तीसगढ़ संवाददाता बलौदाबाजार, 28 फरवरी। राज्य सरकार ने बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करते हुए बलौदाबाजार कलेक्टर बदल दिया गया है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हुई इस फेरबदल की वजह विधानसभा चुनाव से पहले की एक घटना को माना जा रहा है। जिसमें तत्कालीन कलेक्टर चंदन कुमार ने भाजपा नेताओं को आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में जेल भिजवा दिया था। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा की नाराजगी आईएएस चंदन कुमार को भारी पड़ गई है। दरअसल घटना विधानसभा चुनाव के मतदान से 5 दिन पहले की है। 11 नवंबर को जिला प्रशासन ने दो भाजपा नेताओं के खिलाफ धारा 151 के तहत केस दर्ज कर उन्हें जेल भिजवा दिया। भाजपा ने कलेक्टर पर कांग्रेस के समर्थन में एकतरफा कार्यवाही करने का आरोप लगाया। तहसील कार्यालय के सामने प्रदर्शन हुआ। यह पहला मौका था जब जिले में कोई प्रदर्शन रात 1.30 से 2 बजे तक चला हो। आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा। देर रात दोनों नेताओं की रिहाई के आदेश जारी हुए अगली सुबह उन्हें छोड़ दिया गया। लेकिन कलेक्टर इस घटना के बाद से ही टारगेट में थे। मतदान के बाद रिजल्ट आया तो बलौदाबाजार से भाजपा के टंकराम वर्मा विधायक बन गए। उनके कैबिनेट में शामिल होने के बाद स्थानीय भाजपा नेताओं कार्यकर्ताओं की शाख और भी मजबूत हुई। भाजपा चूंकि कांग्रेस के समर्थन करने को लेकर कलेक्टर से नाखुश थी। कार्यकर्ताओं में इसका विरोध था। ऐसे में कलेक्टर का तबादला तय माना जा रहा था। सोमवार देर शाम आई ट्रांसफर लिस्ट ने इसकी पुष्टि भी कर दी। चंदन लगातार तीसरे कलेक्टर जो 8-9 महीने से ज्यादा नहीं टिके चंदन कुमार ने बलौदाबाजार भाटापारा में बतौर कलेक्टर चंद महीने की सेवा दी और तबादला हो गया। वे लगातार तीसरे कलेक्टर हैं, जिसका जिले में कार्यकाल 8 9 महीने से ज्यादा का नहीं रहा। इससे पहले इस रजत बंसल भी सात आठ महीने ही कलेक्टर रहे। इससे पहले की आईएएस डोमन सिंह ने भी महज 7 महीने ही कलेक्टर के तौर पर सेवा दी। कलेक्टर के तौर पर लंबी पारी खेलने वाले की बात करें तो इस मामले में सबसे आगे इस राजेश सुकुमार टोप्पो है। उन्होंने 3 साल 4 महीने तक जिले के कलेक्टर बने रहे। उनके बाद आईएएस डॉ. बसवराजू एस ने यहां सबसे ज्यादा 2 साल तक कलेक्टर के तौर पर सेवाएं दी। यह बड़ी चुनौती राजस्व के लंबित मामलों में टॉप 3 में इन्हें निपटाना लंबित राजस्व के प्रकरणों के मामले में बलौदाबाजार भाटापारा जिला प्रदेश में टॉप 3 में शामिल है। यह इलाका चूंकि राजस्व मंत्री का ही क्षेत्र है। ऐसे में नए कलेक्टर के लिए पेंडिंग राजस्व प्रकरणों का जल्द से जल्द निपटारा करना बड़ी चुनौती होगा। अंबेडकर चौक के पास स्टेडियम तैयार है। जल्द से जल्द इसे आम लोगों के लिए खोलने की जरूरत है। क्षेत्र के लोग सालों से लाइब्रेरी की मांग कर रहे हैं, इससे भी बनवाना होगा। मंत्री ने विधानसभा में स्टेडियम बनाने के लिए 5 करोड़ देने की घोषणा की है। इसका निर्माण शुरू करवाना होगा ताकि लोगों को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके। डीएमऐफ मद से होने वाली निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुधारना भी कलेक्टर के लिए बड़ी चुनौती रहेगी। 14 साल बाद कलेक्टर बन लौट रहे चौहान, आज-कल में जॉइनिंग आईएएस चौहान को बलौदाबाजार भाटापारा जिले के नए कलेक्टर हैं। 14 साल पहले 2010 में हुए बलौदाबाजार में काम कर चुके हैं। तब वे यहां यहां बतौर अपर कलेक्टर सेवा दे रहे थे। उस दौरान में बलौदाबाजार तहसील मुख्यालय था। मौजूदा तहसील दफ्तर में चौहान का केबिन था। आज बलौदाबाजार जिला मुख्यालय है। चौहान के मातहत रहे कर्मचारी उनकी वापसी से खुश हैं। यहां पर कलेक्टर रहते चौहान आम जनों से मातहतों के बीच काफी लोकप्रिय थे। सरल स्वभाव और आम जनों से सीधे संवाद को चौहान की कार्यशैली का बड़ा गुण माना जाता है।

चुनाव से पहले भाजपा नेताओं को जेल भेजा, सरकार बनी तो कलेक्टर ही नप गए
आज-कल में जॉइनिंग कर सकते हैं नए कलेक्टर छत्तीसगढ़ संवाददाता बलौदाबाजार, 28 फरवरी। राज्य सरकार ने बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करते हुए बलौदाबाजार कलेक्टर बदल दिया गया है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हुई इस फेरबदल की वजह विधानसभा चुनाव से पहले की एक घटना को माना जा रहा है। जिसमें तत्कालीन कलेक्टर चंदन कुमार ने भाजपा नेताओं को आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में जेल भिजवा दिया था। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा की नाराजगी आईएएस चंदन कुमार को भारी पड़ गई है। दरअसल घटना विधानसभा चुनाव के मतदान से 5 दिन पहले की है। 11 नवंबर को जिला प्रशासन ने दो भाजपा नेताओं के खिलाफ धारा 151 के तहत केस दर्ज कर उन्हें जेल भिजवा दिया। भाजपा ने कलेक्टर पर कांग्रेस के समर्थन में एकतरफा कार्यवाही करने का आरोप लगाया। तहसील कार्यालय के सामने प्रदर्शन हुआ। यह पहला मौका था जब जिले में कोई प्रदर्शन रात 1.30 से 2 बजे तक चला हो। आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा। देर रात दोनों नेताओं की रिहाई के आदेश जारी हुए अगली सुबह उन्हें छोड़ दिया गया। लेकिन कलेक्टर इस घटना के बाद से ही टारगेट में थे। मतदान के बाद रिजल्ट आया तो बलौदाबाजार से भाजपा के टंकराम वर्मा विधायक बन गए। उनके कैबिनेट में शामिल होने के बाद स्थानीय भाजपा नेताओं कार्यकर्ताओं की शाख और भी मजबूत हुई। भाजपा चूंकि कांग्रेस के समर्थन करने को लेकर कलेक्टर से नाखुश थी। कार्यकर्ताओं में इसका विरोध था। ऐसे में कलेक्टर का तबादला तय माना जा रहा था। सोमवार देर शाम आई ट्रांसफर लिस्ट ने इसकी पुष्टि भी कर दी। चंदन लगातार तीसरे कलेक्टर जो 8-9 महीने से ज्यादा नहीं टिके चंदन कुमार ने बलौदाबाजार भाटापारा में बतौर कलेक्टर चंद महीने की सेवा दी और तबादला हो गया। वे लगातार तीसरे कलेक्टर हैं, जिसका जिले में कार्यकाल 8 9 महीने से ज्यादा का नहीं रहा। इससे पहले इस रजत बंसल भी सात आठ महीने ही कलेक्टर रहे। इससे पहले की आईएएस डोमन सिंह ने भी महज 7 महीने ही कलेक्टर के तौर पर सेवा दी। कलेक्टर के तौर पर लंबी पारी खेलने वाले की बात करें तो इस मामले में सबसे आगे इस राजेश सुकुमार टोप्पो है। उन्होंने 3 साल 4 महीने तक जिले के कलेक्टर बने रहे। उनके बाद आईएएस डॉ. बसवराजू एस ने यहां सबसे ज्यादा 2 साल तक कलेक्टर के तौर पर सेवाएं दी। यह बड़ी चुनौती राजस्व के लंबित मामलों में टॉप 3 में इन्हें निपटाना लंबित राजस्व के प्रकरणों के मामले में बलौदाबाजार भाटापारा जिला प्रदेश में टॉप 3 में शामिल है। यह इलाका चूंकि राजस्व मंत्री का ही क्षेत्र है। ऐसे में नए कलेक्टर के लिए पेंडिंग राजस्व प्रकरणों का जल्द से जल्द निपटारा करना बड़ी चुनौती होगा। अंबेडकर चौक के पास स्टेडियम तैयार है। जल्द से जल्द इसे आम लोगों के लिए खोलने की जरूरत है। क्षेत्र के लोग सालों से लाइब्रेरी की मांग कर रहे हैं, इससे भी बनवाना होगा। मंत्री ने विधानसभा में स्टेडियम बनाने के लिए 5 करोड़ देने की घोषणा की है। इसका निर्माण शुरू करवाना होगा ताकि लोगों को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके। डीएमऐफ मद से होने वाली निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुधारना भी कलेक्टर के लिए बड़ी चुनौती रहेगी। 14 साल बाद कलेक्टर बन लौट रहे चौहान, आज-कल में जॉइनिंग आईएएस चौहान को बलौदाबाजार भाटापारा जिले के नए कलेक्टर हैं। 14 साल पहले 2010 में हुए बलौदाबाजार में काम कर चुके हैं। तब वे यहां यहां बतौर अपर कलेक्टर सेवा दे रहे थे। उस दौरान में बलौदाबाजार तहसील मुख्यालय था। मौजूदा तहसील दफ्तर में चौहान का केबिन था। आज बलौदाबाजार जिला मुख्यालय है। चौहान के मातहत रहे कर्मचारी उनकी वापसी से खुश हैं। यहां पर कलेक्टर रहते चौहान आम जनों से मातहतों के बीच काफी लोकप्रिय थे। सरल स्वभाव और आम जनों से सीधे संवाद को चौहान की कार्यशैली का बड़ा गुण माना जाता है।