चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से, जानिए...कलश स्थापना का मुहूर्त

सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन हिंदू नव वर्ष के आरंभ में नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है जो कि वर्ष के प्रथम माह में पड़ता है और यह पूरे नौ दिनों तक चलता है नवरात्रि के ​शुभ दिनों में मां दुर्गा के नौ अगल अगल स्वरूपों की पूजा की जाती है और व्रत आदि भी रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तक नवरात्रि का व्रत किया जाता है चैत्र माह में पड़ने के कारण ही इसे चैत्र नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान मां दुर्गा की आराधना करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा चैत्र नवरात्रि की तारीख और मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल की रात 11 बजकर 50 मिनट से अगले दिन यानी की 9 अप्रैल की रात 8 बजकर 31 मिनद्यट तक रहेगी। चैत्र प्रतिपदा तिथि का सूर्योदय 9 अप्रैल दिन मंगलवार को हो रहा है ऐसे में चैत्र नवरात्रि का आरंभ भी इस दिन से हो जाएगा। इस बार चैत्र नवरात्रि का आरंभ 9 अप्रैल से हो रहा है जो कि 17 अप्रैल को समाप्त हो जाएगी। यह पर्व पूरे नौ दिनों तक मनाया जाएगा। इस बार नवरात्रि में एक भी दिन क्षय नहीं हो रहा है। पूरे नौ दिनों तक चैत्र नवरात्रि का होना शुभ माना जा रहा है। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त- नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना की जाती है ये काम शुभ मुहूर्त देखकर ही करना उचित माना जाता है इस दिन कलश स्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त मिल रहे है। जिसमें पहला शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 2 मिनट से 10 बजकर 16 मिनट तक मिल रहा है। इसकी कुल अवधि चार घंटे 14 मिनट तक रहेगी। इसके अलावा दूसरा शुभ मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। जिसका समय 51 मिनट तक है। इस मुहूर्त में कलश स्थापना करना लाभकारी होगा।

चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से, जानिए...कलश स्थापना का मुहूर्त
सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन हिंदू नव वर्ष के आरंभ में नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है जो कि वर्ष के प्रथम माह में पड़ता है और यह पूरे नौ दिनों तक चलता है नवरात्रि के ​शुभ दिनों में मां दुर्गा के नौ अगल अगल स्वरूपों की पूजा की जाती है और व्रत आदि भी रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तक नवरात्रि का व्रत किया जाता है चैत्र माह में पड़ने के कारण ही इसे चैत्र नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान मां दुर्गा की आराधना करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा चैत्र नवरात्रि की तारीख और मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल की रात 11 बजकर 50 मिनट से अगले दिन यानी की 9 अप्रैल की रात 8 बजकर 31 मिनद्यट तक रहेगी। चैत्र प्रतिपदा तिथि का सूर्योदय 9 अप्रैल दिन मंगलवार को हो रहा है ऐसे में चैत्र नवरात्रि का आरंभ भी इस दिन से हो जाएगा। इस बार चैत्र नवरात्रि का आरंभ 9 अप्रैल से हो रहा है जो कि 17 अप्रैल को समाप्त हो जाएगी। यह पर्व पूरे नौ दिनों तक मनाया जाएगा। इस बार नवरात्रि में एक भी दिन क्षय नहीं हो रहा है। पूरे नौ दिनों तक चैत्र नवरात्रि का होना शुभ माना जा रहा है। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त- नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना की जाती है ये काम शुभ मुहूर्त देखकर ही करना उचित माना जाता है इस दिन कलश स्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त मिल रहे है। जिसमें पहला शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 2 मिनट से 10 बजकर 16 मिनट तक मिल रहा है। इसकी कुल अवधि चार घंटे 14 मिनट तक रहेगी। इसके अलावा दूसरा शुभ मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। जिसका समय 51 मिनट तक है। इस मुहूर्त में कलश स्थापना करना लाभकारी होगा।