खराबी कांग्रेस पार्टी में है EVM में नहीं : मंत्री टंकराम वर्मा

रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बैलेट पेपर से चुनाव लड़वाने की मांग पर मंत्री टंकराम वर्मा ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नई-नई टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है. जब वे चुनाव जीते थे तब भी ईवीएम था. ईवीएम पर दोष देना उचित नहीं वे अपनी कमियों को समझें. इसके साथ ही नितीन नबीन को प्रभारी बनाए जाने पर कांग्रेस के बलि का बकरा बनाए जाने के बयान पर मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि पहले ओम माथुर प्रभारी थे, उनके नेतृत्व में भाजपा को बहुमत मिला. बलि का बकरा बनाने वाली कोई बात ही नहीं है. नितिन नबीन को प्रमोट किया गया है. उनके नेतृत्व में हम 11 की 11 सीटे जीतेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बैलेट पेपर से चुनाव लड़वाने की मांग पर मंत्री टंकराम वर्मा ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नई-नई टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है. जमाना कहां से कहां पहुंच गया, देश दुनिया की खबरों को हम मोबाइल पर देख रहे हैं. खराबी ईवीएम में नहीं, उनकी पार्टी में है. 2018 में जब उनकी सरकार बनी तब भी तो ईवीएम ही था. दूसरे राज्यों में जब दूसरी पार्टी की सरकार बनती है तो वहां भी ईवीएम से ही चुनाव होते हैं. ईवीएम पर दोष देना उचित नहीं वे अपनी कमजोरी, अपनी कमियों को समझें.

खराबी कांग्रेस पार्टी में है EVM में नहीं : मंत्री टंकराम वर्मा
रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बैलेट पेपर से चुनाव लड़वाने की मांग पर मंत्री टंकराम वर्मा ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नई-नई टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है. जब वे चुनाव जीते थे तब भी ईवीएम था. ईवीएम पर दोष देना उचित नहीं वे अपनी कमियों को समझें. इसके साथ ही नितीन नबीन को प्रभारी बनाए जाने पर कांग्रेस के बलि का बकरा बनाए जाने के बयान पर मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि पहले ओम माथुर प्रभारी थे, उनके नेतृत्व में भाजपा को बहुमत मिला. बलि का बकरा बनाने वाली कोई बात ही नहीं है. नितिन नबीन को प्रमोट किया गया है. उनके नेतृत्व में हम 11 की 11 सीटे जीतेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बैलेट पेपर से चुनाव लड़वाने की मांग पर मंत्री टंकराम वर्मा ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नई-नई टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है. जमाना कहां से कहां पहुंच गया, देश दुनिया की खबरों को हम मोबाइल पर देख रहे हैं. खराबी ईवीएम में नहीं, उनकी पार्टी में है. 2018 में जब उनकी सरकार बनी तब भी तो ईवीएम ही था. दूसरे राज्यों में जब दूसरी पार्टी की सरकार बनती है तो वहां भी ईवीएम से ही चुनाव होते हैं. ईवीएम पर दोष देना उचित नहीं वे अपनी कमजोरी, अपनी कमियों को समझें.