खंडवा कांग्रेस में शहर और ग्रामीण अध्यक्ष नहीं:कार्यकारिणी भंग हुए एक महीना हुआ, प्रभारी बोले- प्रदेश भर में होना है नियुक्तियां
खंडवा कांग्रेस में शहर और ग्रामीण अध्यक्ष नहीं:कार्यकारिणी भंग हुए एक महीना हुआ, प्रभारी बोले- प्रदेश भर में होना है नियुक्तियां
खंडवा कांग्रेस के पास पिछले एक महीने से ग्रामीण और शहर अध्यक्ष नहीं हैं। जिला कार्यालय गांधी भवन के परिसर में बतौर पार्किंग सैकड़ों वाहन खड़े है लेकिन भीतर सन्नाटा पसरा है। हालांकि, नये शहर और ग्रामीण अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस में कोई जिज्ञासा भी नहीं है। कार्यकर्ता है नहीं और नेता गुटों में बंटे हुए हैं। दरअसल, गांधी भवन ट्रस्ट की जमीन को लेकर विवाद सामने आया था। शहर अध्यक्ष और उनके समर्थकों ने ग्रामीण अध्यक्ष पर ट्रस्ट की जमीन बेचने का आरोप लगाया था। प्रदेश संगठन तक शिकायत पहुंची। वहां मामले को गुटीय राजनीति से जोड़कर देखा गया। प्रदेश प्रभारी रहे भंवर जितेंद्रसिंह ने जिला कार्यकारिणी भंग कर दी। सिंगल आदेश में ग्रामीण अध्यक्ष अजय ओझा और शहर अध्यक्ष डॉ. मुनिश मिश्रा को हटा दिया गया। एक महीने से पद रिक्त, कोई दावेदारी भी नहीं कर रहा जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष और शहर कांग्रेस अध्यक्ष का पद 29 जनवरी से रिक्त है। जिसे एक महीना हो गया है। फिलहाल राजनीतिक गलियारों में कोई चर्चा भी नहीं है। ना कोई अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी जता रहा है। बता दें कि खंडवा में गांधी भवन ट्रस्ट करोड़ों की संपत्ति हैं। जो आगे आकर दावेदारी करेगा, उस पर कीचड़ उछलेगा। इसलिए सब लोग साइलेंट हैं। प्रभारी बोले- प्रदेश में एक साथ होना है नियुक्तियां कांग्रेस के जिला प्रभारी और आगर के पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े का कहना है कि, खंडवा की कार्यकारिणी को भंग किए जाने की जानकारी प्रदेश संगठन के संज्ञान में है। कुछ दिन पहले ही नये प्रभारी ने ज्वाइन किया है। इस मामले में निर्णय प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ही लेंगे। जहां तक है कि पूरे प्रदेश में जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां होना है। उसी सूची में खंडवा को शामिल किया जाएगा। इसलिए थोड़ा समय लग रहा है। ये भी पढ़ें... खंडवा कांग्रेस की कार्यकारिणी भंग:गांधी भवन ट्रस्ट विवाद को लेकर प्रदेश प्रभारी ने शहर-ग्रामीण अध्यक्ष को हटाया
खंडवा कांग्रेस के पास पिछले एक महीने से ग्रामीण और शहर अध्यक्ष नहीं हैं। जिला कार्यालय गांधी भवन के परिसर में बतौर पार्किंग सैकड़ों वाहन खड़े है लेकिन भीतर सन्नाटा पसरा है। हालांकि, नये शहर और ग्रामीण अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस में कोई जिज्ञासा भी नहीं है। कार्यकर्ता है नहीं और नेता गुटों में बंटे हुए हैं। दरअसल, गांधी भवन ट्रस्ट की जमीन को लेकर विवाद सामने आया था। शहर अध्यक्ष और उनके समर्थकों ने ग्रामीण अध्यक्ष पर ट्रस्ट की जमीन बेचने का आरोप लगाया था। प्रदेश संगठन तक शिकायत पहुंची। वहां मामले को गुटीय राजनीति से जोड़कर देखा गया। प्रदेश प्रभारी रहे भंवर जितेंद्रसिंह ने जिला कार्यकारिणी भंग कर दी। सिंगल आदेश में ग्रामीण अध्यक्ष अजय ओझा और शहर अध्यक्ष डॉ. मुनिश मिश्रा को हटा दिया गया। एक महीने से पद रिक्त, कोई दावेदारी भी नहीं कर रहा जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष और शहर कांग्रेस अध्यक्ष का पद 29 जनवरी से रिक्त है। जिसे एक महीना हो गया है। फिलहाल राजनीतिक गलियारों में कोई चर्चा भी नहीं है। ना कोई अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी जता रहा है। बता दें कि खंडवा में गांधी भवन ट्रस्ट करोड़ों की संपत्ति हैं। जो आगे आकर दावेदारी करेगा, उस पर कीचड़ उछलेगा। इसलिए सब लोग साइलेंट हैं। प्रभारी बोले- प्रदेश में एक साथ होना है नियुक्तियां कांग्रेस के जिला प्रभारी और आगर के पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े का कहना है कि, खंडवा की कार्यकारिणी को भंग किए जाने की जानकारी प्रदेश संगठन के संज्ञान में है। कुछ दिन पहले ही नये प्रभारी ने ज्वाइन किया है। इस मामले में निर्णय प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ही लेंगे। जहां तक है कि पूरे प्रदेश में जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां होना है। उसी सूची में खंडवा को शामिल किया जाएगा। इसलिए थोड़ा समय लग रहा है। ये भी पढ़ें... खंडवा कांग्रेस की कार्यकारिणी भंग:गांधी भवन ट्रस्ट विवाद को लेकर प्रदेश प्रभारी ने शहर-ग्रामीण अध्यक्ष को हटाया