इसराइल में नेतन्याहू सरकार के ख़िलाफ़ हज़ारों लोग सड़कों पर क्यों उतरे

इसराइल में एक बार फिर सरकार विरोधी हज़ारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर पड़े हैं. 7 अक्तूबर को हमास के हमले के बाद से इसराइल को सदमा लगा था और इसके बाद जनता के बीच एकता देखने को मिली थी. लेकिन छह महीने बाद इसराइल में एक बार फिर बिन्यामिन नेतन्याहू की सरकार के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं. हजारों लोग इसराइल में सड़कों पर उतरे हैं. रविवार की रात यरुशलम में हज़ारों प्रदर्शनकारियों ने उत्तर-दक्षिण में शहर के सबसे बड़े हाइवे को रोक दिया था. इस दौरान सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर वॉटर कैनन से बदबूदार पानी छोड़ा. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि नेतन्याहू तुरंत इस्तीफ़ा देकर हुए चुनाव कराएं. साथ ही कइयों की मांग थी कि ग़ज़ा में बंधक 130 इसराइलियों की रिहाई के लिए जल्द से जल्द डील की जाए. बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों और दोस्तों को डर है कि बिना सौदे के अगर युद्ध लंबा खिंचता है तो अधिक बंधक मारे जाएंगे. साल 2023 में इसराइल में ऐसे प्रदर्शन हुए थे जिसने सरकार को हिला दिया था. उस समय प्रदर्शन आयोजित करने वाले समूहों ने ही इस बार लोगों से देश की संसद के बाहर जुटने की अपील की. नेतन्याहू सरकार ग़ज़ा में युद्ध को लेकर बड़े पैमाने पर आलोचना झेल रही है. ग़ज़ा में चल रहे युद्ध में अब तक इसराइल के 600 सैनिक मारे जा चुके हैं. हमास के सात अक्टूबर 2023 को किए गए हमले में 1200 इसराइली मारे गए थे और 250 लोगों को बंधक बनाया गया था. इसके बाद से इसराइल के हमले में 32 हज़ार लोग मारे गए हैं और 75 हज़ार लोग घायल हुए हैं. ये आंकड़ा ग़ज़ा के हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का है.(bbc.com/hindi)

इसराइल में नेतन्याहू सरकार के ख़िलाफ़ हज़ारों लोग सड़कों पर क्यों उतरे
इसराइल में एक बार फिर सरकार विरोधी हज़ारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर पड़े हैं. 7 अक्तूबर को हमास के हमले के बाद से इसराइल को सदमा लगा था और इसके बाद जनता के बीच एकता देखने को मिली थी. लेकिन छह महीने बाद इसराइल में एक बार फिर बिन्यामिन नेतन्याहू की सरकार के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं. हजारों लोग इसराइल में सड़कों पर उतरे हैं. रविवार की रात यरुशलम में हज़ारों प्रदर्शनकारियों ने उत्तर-दक्षिण में शहर के सबसे बड़े हाइवे को रोक दिया था. इस दौरान सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर वॉटर कैनन से बदबूदार पानी छोड़ा. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि नेतन्याहू तुरंत इस्तीफ़ा देकर हुए चुनाव कराएं. साथ ही कइयों की मांग थी कि ग़ज़ा में बंधक 130 इसराइलियों की रिहाई के लिए जल्द से जल्द डील की जाए. बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों और दोस्तों को डर है कि बिना सौदे के अगर युद्ध लंबा खिंचता है तो अधिक बंधक मारे जाएंगे. साल 2023 में इसराइल में ऐसे प्रदर्शन हुए थे जिसने सरकार को हिला दिया था. उस समय प्रदर्शन आयोजित करने वाले समूहों ने ही इस बार लोगों से देश की संसद के बाहर जुटने की अपील की. नेतन्याहू सरकार ग़ज़ा में युद्ध को लेकर बड़े पैमाने पर आलोचना झेल रही है. ग़ज़ा में चल रहे युद्ध में अब तक इसराइल के 600 सैनिक मारे जा चुके हैं. हमास के सात अक्टूबर 2023 को किए गए हमले में 1200 इसराइली मारे गए थे और 250 लोगों को बंधक बनाया गया था. इसके बाद से इसराइल के हमले में 32 हज़ार लोग मारे गए हैं और 75 हज़ार लोग घायल हुए हैं. ये आंकड़ा ग़ज़ा के हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का है.(bbc.com/hindi)