इजरायली बंधकों के परिजनों ने कहा, हमारी उम्मीद अभी खत्म नहीं हुई

तेल अवीव, 14 मई । हमास के पास अभी भी 100 से ज्यादा इजरायली बंधक हैं। बंधकों की याद में इजरायल के स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर तेल अवीव में लगभग एक लाख लोगों ने एक रैली में हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारी सोमवार शाम को हमारी उम्मीद अभी खत्म नहीं हुई है नारे के तहत एकत्र हुए। रैली में बंधकों और पूर्व बंधकों के परिजनों के साथ-साथ 7 अक्टूबर 2023 के आतंकवादी हमले से प्रभावित कस्बों और समुदायों के लोगों ने हिस्सा लिया। सोमवार इजरायल के शहीद सैनिकों और आतंकी हमलों में मारे गए लोगों की याद का वार्षिक दिन था। आयोजकों ने रैली में पूर्व बंधक एला बेन अमी के हवाले से कहा, हम एकजुट समुदाय से टूटे हुए और शोक संतप्त समुदाय में बदल गए हैं। बेन अमी के पिता अभी भी हमास के कब्जे में हैं। एक अन्य ने इजरायली सरकार पर आतंकवादी हमले को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, जिस सरकार ने अपने नागरिकों को अपहरण, हत्या और बलात्कार के लिए छोड़ दिया, उस सरकार को उनकी वापसी के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है। बंधकों की जान की कोई कीमत नहीं है। रैली में हिस्सा लेने वाले कई लोग पीले रिबन से छपे इजरायली झंडे लिए हुए थे, जो उन बंधकों का प्रतीक है जिनके परिजन और दोस्त उनकी वापसी के लिए सात महीने से अधिक समय से इंतजार कर रहे हैं। (आईएएनएस/डीपीए)

इजरायली बंधकों के परिजनों ने कहा, हमारी उम्मीद अभी खत्म नहीं हुई
तेल अवीव, 14 मई । हमास के पास अभी भी 100 से ज्यादा इजरायली बंधक हैं। बंधकों की याद में इजरायल के स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर तेल अवीव में लगभग एक लाख लोगों ने एक रैली में हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारी सोमवार शाम को हमारी उम्मीद अभी खत्म नहीं हुई है नारे के तहत एकत्र हुए। रैली में बंधकों और पूर्व बंधकों के परिजनों के साथ-साथ 7 अक्टूबर 2023 के आतंकवादी हमले से प्रभावित कस्बों और समुदायों के लोगों ने हिस्सा लिया। सोमवार इजरायल के शहीद सैनिकों और आतंकी हमलों में मारे गए लोगों की याद का वार्षिक दिन था। आयोजकों ने रैली में पूर्व बंधक एला बेन अमी के हवाले से कहा, हम एकजुट समुदाय से टूटे हुए और शोक संतप्त समुदाय में बदल गए हैं। बेन अमी के पिता अभी भी हमास के कब्जे में हैं। एक अन्य ने इजरायली सरकार पर आतंकवादी हमले को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, जिस सरकार ने अपने नागरिकों को अपहरण, हत्या और बलात्कार के लिए छोड़ दिया, उस सरकार को उनकी वापसी के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है। बंधकों की जान की कोई कीमत नहीं है। रैली में हिस्सा लेने वाले कई लोग पीले रिबन से छपे इजरायली झंडे लिए हुए थे, जो उन बंधकों का प्रतीक है जिनके परिजन और दोस्त उनकी वापसी के लिए सात महीने से अधिक समय से इंतजार कर रहे हैं। (आईएएनएस/डीपीए)