अमेरिकी विश्वविद्यालयों में हो रहे प्रदर्शनों पर पहली बार बोले राष्ट्रपति बाइडन

अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पिछले कई दिनों से फ़लस्तीन के समर्थन और ग़ज़ा में इसराइल की कार्रवाई के ख़िलाफ़ हो रहे प्रदर्शनों पर पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की प्रतिक्रिया आई है. बाइडन ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों को बोलने की आज़ादी का अधिकार है, लेकिन क़ानून का सम्मान करना होगा. बाइडन ने विरोध प्रदर्शन के तरीके की निंदा की है और कहा है कि प्रदर्शनकारियों ने क़ानून की धज्जियां उड़ाई हैं. उन्होंने कहा, शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को समर्थन मिल सकता है, हिंसक प्रदर्शनों को नहीं. जब हिंसा होती है तो ये क़ानून के दायरे के बाहर चली जाती है. संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना कहीं से भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दायरे में नहीं आता. बाइडन की ये टिप्पणी ऐसे वक़्त में आई है जब लॉस एंजिल्स में पुलिस ने देर रात तनावपूर्ण गतिरोध के बाद कैलिफॉर्निया विश्वविद्यालय के एलए परिसर में फ़लस्तीन के समर्थन में लगे प्रदर्शन शिविर को हटा दिया है. मामला क्या है? - सात अक्तूबर, 2023 को हमास ने इसराइल पर हमला किया था. हमास के हमले में क़रीब 1200 लोग मारे गए थे. - इसके बाद इसराइल ने ग़ज़ा और वेस्ट बैंक पर सैन्य कार्रवाई शुरू की. इस सैन्य कार्रवाई में अब तक 33 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं. मरने वालों में बड़ी संख्या बच्चों और महिलाओं की है. - इसराइल के इन हमलों के विरोध में छात्रों ने रैलियां की हैं, हड़तालें बुलाई हैं. हाल ही में छात्रों ने ग़ज़ा में युद्ध के ख़िलाफ़ घेराबंदी शुरू की है. - इन छात्रों की मांग है कि अमेरिका के शैक्षणिक संस्थान इसराइल से वित्तीय दूरियां बनाएं. इनमें से काफ़ी संस्थानों को बड़ी आर्थिक सहायता हासिल है. - वित्तीय दूरियां बनाने से मतलब ये है कि संस्थानों के इसराइली कंपनियों में मौजूद स्टॉक्स बेचे जाएं या वित्तीय नाते ख़त्म किए जाएं. अमेरिका में कहां-कहां विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं? अमेरिका में कोलंबिया यूनिवर्सिटी के बाद विरोध प्रदर्शन कई और सरकारी, निजी विश्वविद्यालयों तक पहुंच गए हैं. ये प्रदर्शन वॉशिंगटन समेत कम से कम 22 राज्यों में हो रहे हैं.(bbc.com/hindi)

अमेरिकी विश्वविद्यालयों में हो रहे प्रदर्शनों पर पहली बार बोले राष्ट्रपति बाइडन
अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पिछले कई दिनों से फ़लस्तीन के समर्थन और ग़ज़ा में इसराइल की कार्रवाई के ख़िलाफ़ हो रहे प्रदर्शनों पर पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की प्रतिक्रिया आई है. बाइडन ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों को बोलने की आज़ादी का अधिकार है, लेकिन क़ानून का सम्मान करना होगा. बाइडन ने विरोध प्रदर्शन के तरीके की निंदा की है और कहा है कि प्रदर्शनकारियों ने क़ानून की धज्जियां उड़ाई हैं. उन्होंने कहा, शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को समर्थन मिल सकता है, हिंसक प्रदर्शनों को नहीं. जब हिंसा होती है तो ये क़ानून के दायरे के बाहर चली जाती है. संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना कहीं से भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दायरे में नहीं आता. बाइडन की ये टिप्पणी ऐसे वक़्त में आई है जब लॉस एंजिल्स में पुलिस ने देर रात तनावपूर्ण गतिरोध के बाद कैलिफॉर्निया विश्वविद्यालय के एलए परिसर में फ़लस्तीन के समर्थन में लगे प्रदर्शन शिविर को हटा दिया है. मामला क्या है? - सात अक्तूबर, 2023 को हमास ने इसराइल पर हमला किया था. हमास के हमले में क़रीब 1200 लोग मारे गए थे. - इसके बाद इसराइल ने ग़ज़ा और वेस्ट बैंक पर सैन्य कार्रवाई शुरू की. इस सैन्य कार्रवाई में अब तक 33 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं. मरने वालों में बड़ी संख्या बच्चों और महिलाओं की है. - इसराइल के इन हमलों के विरोध में छात्रों ने रैलियां की हैं, हड़तालें बुलाई हैं. हाल ही में छात्रों ने ग़ज़ा में युद्ध के ख़िलाफ़ घेराबंदी शुरू की है. - इन छात्रों की मांग है कि अमेरिका के शैक्षणिक संस्थान इसराइल से वित्तीय दूरियां बनाएं. इनमें से काफ़ी संस्थानों को बड़ी आर्थिक सहायता हासिल है. - वित्तीय दूरियां बनाने से मतलब ये है कि संस्थानों के इसराइली कंपनियों में मौजूद स्टॉक्स बेचे जाएं या वित्तीय नाते ख़त्म किए जाएं. अमेरिका में कहां-कहां विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं? अमेरिका में कोलंबिया यूनिवर्सिटी के बाद विरोध प्रदर्शन कई और सरकारी, निजी विश्वविद्यालयों तक पहुंच गए हैं. ये प्रदर्शन वॉशिंगटन समेत कम से कम 22 राज्यों में हो रहे हैं.(bbc.com/hindi)