लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में बेहतर विकल्प के तलाश में जुटे बसपा सांसद
लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में बेहतर विकल्प के तलाश में जुटे बसपा सांसद
लखनऊ, 23 फरवरी । मायावती के इस बयान के बाद कि उनकी पार्टी अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ेगी। अब बहुजन समाज पार्टी के सीटिंग सांसद आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए एक बेहतर विकल्प की तलाश में जुट गए हैं।
बीएसपी के सांसदों ने इस बात को महसूस किया है कि एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व में वोटों का ध्रु्वीकरण होगा, ऐसे में आमतौर पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने वाले दलों के लिए बहुत कम गुंजाइश शेष रह जाती है।
बीएसपी सासंद अफजाल अंसारी को समाजवादी पार्टी गाजीपुर संसदीय सीट से चुनावी मैदान में उतार चुकी है।
वहीं, पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में बर्खास्त किए गए दानिश अली को लेकर खबर है कि वो कांग्रेस के टिकट पर अमरोहा से चुनाव लड़ सकते हैं।
बीएसपी सांसद रितेश पांडे ने कहा कि वह भी बीएसपी के बाहर एक बेहतर विकल्प की तलाश में जुटे हैं।
उनके पिता राकेश पांडे अंबेडकर नगर जलालपुर से बीएसपी विधायक हैं, जबकि रितेश अंबडेकर नगर लोकसभा सीट से बीएसपी से ही सांसद हैं।
बीएसपी सासंद समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।
आईएएनएस से बातचीत के दौरान बीएसपी सांसद ने कहा कि लोकसभा चुनाव ध्रुवीकरण के मोर्चे पर लड़ा जाएगा। लिहाजा अकेले चुनाव लड़ने की स्थिति उचित नहीं रहेगा।
उन्होंने कहा, आखिर कोई हमें क्यों वोट देगा, जब उसे मालूम है कि न ही हम सत्ता पक्ष में बैठने जा रहे हैं न ही विपक्ष में? आमतौर पर बहुकोणिय मुकाबले में बीएसपी को फायदा होता है। एनडीए और इंडिया के बीच आगामी दिनों में सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव बीएसपी ने सपा के साथ गठबंधन किया था, इसमें बीएसपी को 10 सीटें मिली थीं। लेकिन, चुनाव के तुरंत बाद मायावती ने सपा से नाता तोड़ लिया था।
वहीं, 2022 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी महज एक ही सीट जीत सकी थी।
(आईएएनएस)
लखनऊ, 23 फरवरी । मायावती के इस बयान के बाद कि उनकी पार्टी अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ेगी। अब बहुजन समाज पार्टी के सीटिंग सांसद आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए एक बेहतर विकल्प की तलाश में जुट गए हैं।
बीएसपी के सांसदों ने इस बात को महसूस किया है कि एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व में वोटों का ध्रु्वीकरण होगा, ऐसे में आमतौर पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने वाले दलों के लिए बहुत कम गुंजाइश शेष रह जाती है।
बीएसपी सासंद अफजाल अंसारी को समाजवादी पार्टी गाजीपुर संसदीय सीट से चुनावी मैदान में उतार चुकी है।
वहीं, पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में बर्खास्त किए गए दानिश अली को लेकर खबर है कि वो कांग्रेस के टिकट पर अमरोहा से चुनाव लड़ सकते हैं।
बीएसपी सांसद रितेश पांडे ने कहा कि वह भी बीएसपी के बाहर एक बेहतर विकल्प की तलाश में जुटे हैं।
उनके पिता राकेश पांडे अंबेडकर नगर जलालपुर से बीएसपी विधायक हैं, जबकि रितेश अंबडेकर नगर लोकसभा सीट से बीएसपी से ही सांसद हैं।
बीएसपी सासंद समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।
आईएएनएस से बातचीत के दौरान बीएसपी सांसद ने कहा कि लोकसभा चुनाव ध्रुवीकरण के मोर्चे पर लड़ा जाएगा। लिहाजा अकेले चुनाव लड़ने की स्थिति उचित नहीं रहेगा।
उन्होंने कहा, आखिर कोई हमें क्यों वोट देगा, जब उसे मालूम है कि न ही हम सत्ता पक्ष में बैठने जा रहे हैं न ही विपक्ष में? आमतौर पर बहुकोणिय मुकाबले में बीएसपी को फायदा होता है। एनडीए और इंडिया के बीच आगामी दिनों में सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव बीएसपी ने सपा के साथ गठबंधन किया था, इसमें बीएसपी को 10 सीटें मिली थीं। लेकिन, चुनाव के तुरंत बाद मायावती ने सपा से नाता तोड़ लिया था।
वहीं, 2022 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी महज एक ही सीट जीत सकी थी।
(आईएएनएस)