अगर मैं सत्ता में आती हूं तो भारत और... : निक्की हेली
अगर मैं सत्ता में आती हूं तो भारत और... : निक्की हेली
नाटो के खिलाफ ट्रंप की टिप्पणियों पर निक्की हेली
वॉशिंगटन। अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। सभी उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत के लिए प्रचार प्रसार में लग गए हैं। एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। इसी क्रम में, रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार निक्की हेली ने कहा है कि अगर वह सत्ता में आती हैं तो उनका प्रशासन न केवल नाटो के साथ बल्कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया और फिलीपींस समेत कई अन्य देशों के साथ भी गठबंधन को मजबूत करेगा।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत रहीं 52 वर्षीय हेली ने कहा, 'अगर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फिर से चुने जाते हैं तो मुझे बहुत सी चीजों के बारे में चिंता है। इनमें से एक नाटो गठबंधन है। ट्रंप का फिर से चुना जाना नाटो गठबंधन के लिए खतरा होगा। नाटो 75 साल की सफलता की कहानी है।'
रिपब्लिकन पार्टी की 2024 के राष्ट्रपति पद की नामांकन दौड़ में निक्की हेली ट्रंप के खिलाफ एकमात्र उम्मीदवार बची हैं। दक्षिण कैरोलिना से दो बार की गवर्नर रहीं हेली ने कहा कि रूस ने कभी भी नाटो देश पर आक्रमण नहीं किया क्योंकि वह इस गठबंधन से बहुत भयभीत रहा है। यहां तक कि चीन भी इस गठबंधन से डरा हुआ है। इसलिए नाटो को मजबूत बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) 31 सदस्य राज्यों, 29 यूरोपीय और दो उत्तरी अमेरिकी का एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन है।
डोनाल्डट्रंप ने यह कहा था-
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान नाटो सदस्य देशों पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने दो टूक लहजे में कहा था कि अमेरिका नाटो के उन सहयोगियों का बचाव नहीं करेगा, जो रक्षा पर पर्याप्त खर्च नहीं करते हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि वे रूस को उन देशों पर हमला करने के लिए प्रोत्साहित भी करेंगे। ऐसे में नाटो सदस्य देशों में खलबली मच गई है। वर्तमान में नाटो के 31 सदस्य देश हैं। जल्द ही स्वीडन भी नाटो का 32वां सदस्य बन जाएगा। अब तक नाटो में शामिल होने को रक्षा की गारंटी के रूप में देखा जाता रहा है।
गठबंधन छोड़ने का समय नहीं-
इस पर हेली ने कहा, 'गठबंधन में और अधिक दोस्तों को जोड़ना जरूरी है। यह गठबंधन छोड़ने का समय नहीं है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम मजबूती से खड़े रहें। क्योंकि जब हम अपने दोस्तों के साथ मजबूती से खड़े होते हैं, तो हमारे दुश्मन झूके रहते हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'जब हम उन गठबंधनों को कमजोर दिखाना शुरू करते हैं, तभी हमारे दुश्मन आगे बढ़ते हैं। यही कारण है कि हम देख रहे हैं कि ईरान परमाणु बम बनाना चाहता है। रूस पोलैंड और बाल्टिक की ओर बढ़ना शुरू कर रहा है। इसलिए अगर मैं सत्ता में आती हूं तो हम न केवल नाटो को मजबूत करेंगे बल्कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, फिलीपींस समेत कई अन्य देशों के साथ भी गठबंधन मजबूत करेंगे। यह अमेरिका के ज्यादा दोस्त होने के बारे में है, न कि कम दोस्त।'
ठग का पक्ष ले रहे पूर्व राष्ट्रपति-
हेली ने ट्रंप के नाटो के खिलाफ टिप्पणियों को 'हड्डियों को ठंडा करने वाला' और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सशक्त बनाने वाला बताया। उन्होंने कहा, 'ट्रंप ने केवल इतना काम किया कि उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति का पक्ष लिया जो अपने राजनीतिक विरोधियों की हत्या करता है, उन्होंने एक ठग का पक्ष लिया जो अमेरिकी पत्रकारों को गिरफ्तार करता है और उन्हें बंधक बना लेता है।'
नाटो के खिलाफ ट्रंप की टिप्पणियों पर निक्की हेली
वॉशिंगटन। अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। सभी उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत के लिए प्रचार प्रसार में लग गए हैं। एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। इसी क्रम में, रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार निक्की हेली ने कहा है कि अगर वह सत्ता में आती हैं तो उनका प्रशासन न केवल नाटो के साथ बल्कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया और फिलीपींस समेत कई अन्य देशों के साथ भी गठबंधन को मजबूत करेगा।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत रहीं 52 वर्षीय हेली ने कहा, 'अगर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फिर से चुने जाते हैं तो मुझे बहुत सी चीजों के बारे में चिंता है। इनमें से एक नाटो गठबंधन है। ट्रंप का फिर से चुना जाना नाटो गठबंधन के लिए खतरा होगा। नाटो 75 साल की सफलता की कहानी है।'
रिपब्लिकन पार्टी की 2024 के राष्ट्रपति पद की नामांकन दौड़ में निक्की हेली ट्रंप के खिलाफ एकमात्र उम्मीदवार बची हैं। दक्षिण कैरोलिना से दो बार की गवर्नर रहीं हेली ने कहा कि रूस ने कभी भी नाटो देश पर आक्रमण नहीं किया क्योंकि वह इस गठबंधन से बहुत भयभीत रहा है। यहां तक कि चीन भी इस गठबंधन से डरा हुआ है। इसलिए नाटो को मजबूत बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) 31 सदस्य राज्यों, 29 यूरोपीय और दो उत्तरी अमेरिकी का एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन है।
डोनाल्डट्रंप ने यह कहा था-
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान नाटो सदस्य देशों पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने दो टूक लहजे में कहा था कि अमेरिका नाटो के उन सहयोगियों का बचाव नहीं करेगा, जो रक्षा पर पर्याप्त खर्च नहीं करते हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि वे रूस को उन देशों पर हमला करने के लिए प्रोत्साहित भी करेंगे। ऐसे में नाटो सदस्य देशों में खलबली मच गई है। वर्तमान में नाटो के 31 सदस्य देश हैं। जल्द ही स्वीडन भी नाटो का 32वां सदस्य बन जाएगा। अब तक नाटो में शामिल होने को रक्षा की गारंटी के रूप में देखा जाता रहा है।
गठबंधन छोड़ने का समय नहीं-
इस पर हेली ने कहा, 'गठबंधन में और अधिक दोस्तों को जोड़ना जरूरी है। यह गठबंधन छोड़ने का समय नहीं है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम मजबूती से खड़े रहें। क्योंकि जब हम अपने दोस्तों के साथ मजबूती से खड़े होते हैं, तो हमारे दुश्मन झूके रहते हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'जब हम उन गठबंधनों को कमजोर दिखाना शुरू करते हैं, तभी हमारे दुश्मन आगे बढ़ते हैं। यही कारण है कि हम देख रहे हैं कि ईरान परमाणु बम बनाना चाहता है। रूस पोलैंड और बाल्टिक की ओर बढ़ना शुरू कर रहा है। इसलिए अगर मैं सत्ता में आती हूं तो हम न केवल नाटो को मजबूत करेंगे बल्कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, फिलीपींस समेत कई अन्य देशों के साथ भी गठबंधन मजबूत करेंगे। यह अमेरिका के ज्यादा दोस्त होने के बारे में है, न कि कम दोस्त।'
ठग का पक्ष ले रहे पूर्व राष्ट्रपति-
हेली ने ट्रंप के नाटो के खिलाफ टिप्पणियों को 'हड्डियों को ठंडा करने वाला' और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सशक्त बनाने वाला बताया। उन्होंने कहा, 'ट्रंप ने केवल इतना काम किया कि उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति का पक्ष लिया जो अपने राजनीतिक विरोधियों की हत्या करता है, उन्होंने एक ठग का पक्ष लिया जो अमेरिकी पत्रकारों को गिरफ्तार करता है और उन्हें बंधक बना लेता है।'