संदेशखाली: कौन हैं शाहजहां शेख जो 55 दिन बाद हुए गिरफ्तार

टीएमसी नेता शाहजहां शेख को बंगाल पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है. उन पर महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे. डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट- पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कद्दावर नेता शाहजहां शेख के खिलाफ पिछले कई हफ्तों से व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. उन पर संदेशखाली की महिलाओं ने कथित यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोप लगाए थे. बंगाल पुलिस के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया है कि शाहजहां शेख को उत्तर 24 परगना जिले के मिनांखा से गिरफ्तार किया गया है. वे एक घर में छिपे हुए थे. कौन हैं शाहजहां शेख संदेशखाली में शाहजहां शेख टीएमसी के प्रभावशाली नेता हैं और उन पर राशन वितरण घोटाले का आरोप है. 5 जनवरी को जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम उनसे इस घोटाले के मामले में पूछताछ करने पहुंची तो उनके समर्थकों ने ईडी के अधिकारियों और केंद्रीय सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया. इस हमले में कुछ अधिकारी घायल हुए थे. शेख पर राशन वितरण घोटाले के साथ जमीन घोटाले का भी आरोप है. हमले के बाद से ही शेख को ईडी पूछताछ के लिए समन जारी कर रही है, लेकिन हमले के बाद से ही वह फरार थे और उनकी फरारी को 55 दिन हो चुके. संदेशखाली के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल सरकार को विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि टीएमसी के कद्दावर नेता कई हफ्तों तक गिरफ्तारी से बचते रहे. महिलाओं के आरोपों के बाद सुर्खियों में संदेशखाली ईडी की टीम पर हमला होने के बाद संदेशखाली उस समय सुर्खियों में आया जब वहां की महिलाओं ने शेख और उनके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोप लगाए और उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. पीड़ित महिलाओं ने बताया कि संदेशखाली में शेख के लोग सरकारी योजनाओं का पैसा देने के लिए बुलाकर बलात्कार करते थे. महिलाओं ने शेख के सहयोगी उत्तम सरदार और शिबू हाजरा पर भी इसी तरह के आरोप लगाए थे. एक वायरल वीडियो में एक महिला ने आरोप लगाया, पार्टी (टीएमसी) के लोग आते थे और एक-एक घर का सर्वे करते थे, जिसमें किसी की सुंदर पत्नी होती है, जिसकी लड़की जवान होती है. फिर वे महिलाओं को पार्टी कार्यालय में ले जाते हैं. कई रातों तक उन्हें वहां रखा जाता था...जब तक वे संतुष्ट नहीं हो जाते. इसके अलावा कई लोगों ने आरोप लगाया कि गांव में पुरुषों को पार्टी (टीएमसी) की बैठकों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता था और अगर कोई इससे इनकार करता था, तो उनकी पत्नियों को धमकी दी जाती थी. संदेशखाली में 8 फरवरी से टीएमसी नेता के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहा है, क्योंकि महिलाओं का एक वर्ग टीएमसी नेता द्वारा किए गए कथित अत्याचारों के खिलाफ न्याय की मांग कर रहा है. महिलाओं के आरोप के बाद विपक्षी दलों खासकर बीजेपी, लेफ्ट और कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल और नागरिक समाज समूहों के सदस्यों ने वहां का दौरा किया, लेकिन राज्य सरकार ने वहां धारा 144 लगाकर उन्हें रोकने की भी कोशिश की. बंगाल से लेकर दिल्ली तक संदेशखाली का मामला गरमाया रहा और बीजेपी ने ममता सरकार पर शेख को बचाने का आरोप लगाया. हाई कोर्ट के आदेश के बाद गिरफ्तारी मामला कलकत्ता हाई कोर्ट तक जा पहुंचा और 26 फरवरी को कोर्ट ने नोटिस जारी कर कहा, उन्हें गिरफ्तार न करने का कोई कारण नहीं है. कोर्ट ने कहा, इस मामले में सार्वजनिक नोटिस दिया जाएगा. संदेशखाली मामलों में कोई स्थगन आदेश नहीं है. उन्हें गिरफ्तार न करने का कोई कारण नहीं है. इससे पहले टीएमसी नेतृत्व का एक वर्ग यह दावा कर रहा था कि कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा शेख की गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने के कारण पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही है, लेकिन हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने मंगलवार और बुधवार को स्पष्ट किया कि उनकी गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है. रोक सिर्फ ईडी और केंद्रीय बलों पर हमले के मामले की जांच के लिए सीबीआई और राज्य पुलिस की संयुक्त जांच समिति के गठन पर है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जस्टिस शिवगणनम द्वारा बुधवार को यह स्पष्ट करने पर कि शेख की गिरफ्तारी राज्य या केंद्र की कोई भी एजेंसी कर सकती है, राज्य पुलिस पर उन्हें गिरफ्तार करने का भारी दबाव आ गया था. बीजेपी ने शेख की गिरफ्तारी को स्क्रिप्टेड करार दिया और दावा किया कि वह पश्चिम बंगाल पुलिस की सुरक्षित हिरासत में है. बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि पुलिस और शाहजहां शेख के बीच डील हो गई है कि उन्हें पुलिस की हिरासत में पांच सितारा होटल की सुविधा दी जाएगी. वहीं सत्तारूढ़ टीएमसी ने गिरफ्तारी की सराहना करते हुए कहा कि यह अदालत द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद ही संभव हो सका और विपक्ष पर उनकी गिरफ्तारी पर पहले लगाए गए प्रतिबंध का फायदा उठाने का आरोप लगाया. टीएमसी के नेता शांतनु सेन ने मीडिया से कहा शेख की गिरफ्तारी यह साबित करती है कि हमारी सरकार प्रशासनिक तरीके से राजधर्म का पालन करती है. रिपोर्टों के मुताबिक पश्चिम बंगाल के राशन वितरण घोटाले में करीब 10 हजार करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ है. ईडी ने सबसे पहले इस मामले में बंगाल के पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान शेख की संलप्तिता भी सामने आई. महिलाओं द्वारा गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद राज्य का एससी-एसटी आयोग ने इस इलाके का दौरा किया, फिर राष्ट्रीय महिला आयोग और उसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संदेशखाली हिंसा और महिलाओं के साथ कथित रेप की घटना पर संज्ञान लेते हुए राज्य के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी से मामले पर रिपोर्ट तलब की थी.(dw.com)

संदेशखाली: कौन हैं शाहजहां शेख जो 55 दिन बाद हुए गिरफ्तार
टीएमसी नेता शाहजहां शेख को बंगाल पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है. उन पर महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे. डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट- पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कद्दावर नेता शाहजहां शेख के खिलाफ पिछले कई हफ्तों से व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. उन पर संदेशखाली की महिलाओं ने कथित यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोप लगाए थे. बंगाल पुलिस के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया है कि शाहजहां शेख को उत्तर 24 परगना जिले के मिनांखा से गिरफ्तार किया गया है. वे एक घर में छिपे हुए थे. कौन हैं शाहजहां शेख संदेशखाली में शाहजहां शेख टीएमसी के प्रभावशाली नेता हैं और उन पर राशन वितरण घोटाले का आरोप है. 5 जनवरी को जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम उनसे इस घोटाले के मामले में पूछताछ करने पहुंची तो उनके समर्थकों ने ईडी के अधिकारियों और केंद्रीय सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया. इस हमले में कुछ अधिकारी घायल हुए थे. शेख पर राशन वितरण घोटाले के साथ जमीन घोटाले का भी आरोप है. हमले के बाद से ही शेख को ईडी पूछताछ के लिए समन जारी कर रही है, लेकिन हमले के बाद से ही वह फरार थे और उनकी फरारी को 55 दिन हो चुके. संदेशखाली के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल सरकार को विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि टीएमसी के कद्दावर नेता कई हफ्तों तक गिरफ्तारी से बचते रहे. महिलाओं के आरोपों के बाद सुर्खियों में संदेशखाली ईडी की टीम पर हमला होने के बाद संदेशखाली उस समय सुर्खियों में आया जब वहां की महिलाओं ने शेख और उनके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोप लगाए और उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. पीड़ित महिलाओं ने बताया कि संदेशखाली में शेख के लोग सरकारी योजनाओं का पैसा देने के लिए बुलाकर बलात्कार करते थे. महिलाओं ने शेख के सहयोगी उत्तम सरदार और शिबू हाजरा पर भी इसी तरह के आरोप लगाए थे. एक वायरल वीडियो में एक महिला ने आरोप लगाया, पार्टी (टीएमसी) के लोग आते थे और एक-एक घर का सर्वे करते थे, जिसमें किसी की सुंदर पत्नी होती है, जिसकी लड़की जवान होती है. फिर वे महिलाओं को पार्टी कार्यालय में ले जाते हैं. कई रातों तक उन्हें वहां रखा जाता था...जब तक वे संतुष्ट नहीं हो जाते. इसके अलावा कई लोगों ने आरोप लगाया कि गांव में पुरुषों को पार्टी (टीएमसी) की बैठकों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता था और अगर कोई इससे इनकार करता था, तो उनकी पत्नियों को धमकी दी जाती थी. संदेशखाली में 8 फरवरी से टीएमसी नेता के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहा है, क्योंकि महिलाओं का एक वर्ग टीएमसी नेता द्वारा किए गए कथित अत्याचारों के खिलाफ न्याय की मांग कर रहा है. महिलाओं के आरोप के बाद विपक्षी दलों खासकर बीजेपी, लेफ्ट और कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल और नागरिक समाज समूहों के सदस्यों ने वहां का दौरा किया, लेकिन राज्य सरकार ने वहां धारा 144 लगाकर उन्हें रोकने की भी कोशिश की. बंगाल से लेकर दिल्ली तक संदेशखाली का मामला गरमाया रहा और बीजेपी ने ममता सरकार पर शेख को बचाने का आरोप लगाया. हाई कोर्ट के आदेश के बाद गिरफ्तारी मामला कलकत्ता हाई कोर्ट तक जा पहुंचा और 26 फरवरी को कोर्ट ने नोटिस जारी कर कहा, उन्हें गिरफ्तार न करने का कोई कारण नहीं है. कोर्ट ने कहा, इस मामले में सार्वजनिक नोटिस दिया जाएगा. संदेशखाली मामलों में कोई स्थगन आदेश नहीं है. उन्हें गिरफ्तार न करने का कोई कारण नहीं है. इससे पहले टीएमसी नेतृत्व का एक वर्ग यह दावा कर रहा था कि कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा शेख की गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने के कारण पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही है, लेकिन हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने मंगलवार और बुधवार को स्पष्ट किया कि उनकी गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है. रोक सिर्फ ईडी और केंद्रीय बलों पर हमले के मामले की जांच के लिए सीबीआई और राज्य पुलिस की संयुक्त जांच समिति के गठन पर है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जस्टिस शिवगणनम द्वारा बुधवार को यह स्पष्ट करने पर कि शेख की गिरफ्तारी राज्य या केंद्र की कोई भी एजेंसी कर सकती है, राज्य पुलिस पर उन्हें गिरफ्तार करने का भारी दबाव आ गया था. बीजेपी ने शेख की गिरफ्तारी को स्क्रिप्टेड करार दिया और दावा किया कि वह पश्चिम बंगाल पुलिस की सुरक्षित हिरासत में है. बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि पुलिस और शाहजहां शेख के बीच डील हो गई है कि उन्हें पुलिस की हिरासत में पांच सितारा होटल की सुविधा दी जाएगी. वहीं सत्तारूढ़ टीएमसी ने गिरफ्तारी की सराहना करते हुए कहा कि यह अदालत द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद ही संभव हो सका और विपक्ष पर उनकी गिरफ्तारी पर पहले लगाए गए प्रतिबंध का फायदा उठाने का आरोप लगाया. टीएमसी के नेता शांतनु सेन ने मीडिया से कहा शेख की गिरफ्तारी यह साबित करती है कि हमारी सरकार प्रशासनिक तरीके से राजधर्म का पालन करती है. रिपोर्टों के मुताबिक पश्चिम बंगाल के राशन वितरण घोटाले में करीब 10 हजार करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ है. ईडी ने सबसे पहले इस मामले में बंगाल के पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान शेख की संलप्तिता भी सामने आई. महिलाओं द्वारा गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद राज्य का एससी-एसटी आयोग ने इस इलाके का दौरा किया, फिर राष्ट्रीय महिला आयोग और उसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संदेशखाली हिंसा और महिलाओं के साथ कथित रेप की घटना पर संज्ञान लेते हुए राज्य के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी से मामले पर रिपोर्ट तलब की थी.(dw.com)