परिवार की आर्थिक स्थिति रेखा के मजबूत इरादों के रास्ते में नहीं बन सकी रुकावट, पहाड़ी कोरवा जनजाति की युवती बनी शिक्षक

रायपुर। कोरबा जिले के कटघोरा की रहने वाली पहाड़ी कोरवा जनजा​ति की कुमारी रेखा को अतिथि शिक्षक के रूप में भैंसमा के शासकीय माध्यमिक स्कूल में नियुक्त किया गया है. रेखा ने अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति मिलने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की. रेखा ने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को अपनी शिक्षा के रास्ते में रूकावट नहीं बनने दिया और मजबूत इरादे के बल पर एमएससी तक की पढ़ाई की. उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता के इस दौर में विशेष पिछड़ी जनजाति के शिक्षित युवक युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास सराहनीय है. बता दें कि संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा और बिरहोर जनजाति के शिक्षित युवाओं को रोजगार से जोड़ने और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के​ लिए खनिज न्यास निधि से स्कूल शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षक एवं भृत्य के रूप में नियुक्ति प्रदान की जा रही है. इससे समुदाय के लोगों में खुशी की लहर व्याप्त है. जूलॉजी विषय में की एमएससी, अर्जित किए 73 प्रतिशत 25 वर्षीय रेखा ने बताया कि उसके परिवार में माता पिता सहित 5 सदस्य है. उनके पिता दिनेश कुमार मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं. परिवार की आय का अन्य कोई साधन नहीं होने के कारण उनका परिवार आर्थिक रूप कमजोर है. पिता की आय से परिवार का गुजारा ही हो पाती है परन्तु बच्चों की पढ़ाई सहित अन्य जरूरतों को पूरा करने में दिक्कतें होती थी. रेखा ने बताया कि वह बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छी थी और प्रारम्भ से ही खूब पढ़ लिखकर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करना चाहती थी. आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण उनकी स्कूली शिक्षा के बाद कॉलेज की पढ़ाई में परेशानियां आई परंतु परिवार की आर्थिक स्थिति कभी रेखा के मजबूत इरादों के रास्ते मे रुकावट नहीं बन सकी और रेखा ने अपनी पढ़ाई नियमित जारी रखी. रेखा ने पीजी कॉलेज कोरबा से जूलॉजी विषय में एमएससी 73 प्रतिशत अंको से उत्तीर्ण किया है. साथ ही वह बीएड की पढ़ाई भी कर रही है. उनके माता पिता का सपना था कि उनकी बेटी अच्छे से पढ़ लिखकर शासकीय नौकरी हासिल करें एवं अपने माता पिता का नाम गौरवान्वित करें. प्रतियोगिता परीक्षा क्वालीफाई कर सहायक प्राध्यापक बनने का सपना रेखा ने कहा कि यह उसके उड़ान की शुरुआत है, उसे अपनी मंजिल पाने की पहली सीढ़ी विभाग की ओर से प्रदान की गई है. इससे उसे आर्थिक मजबूती मिली है, अब वह अपने एवं अपने परिजनों की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम होंगी. उन्होंने बताया कि अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य करते हुए वह अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखेगी. भविष्य में वह प्रतियोगिता परीक्षा क्वालीफाई कर सहायक प्राध्यापक, व्याख्याता जैसे पद पर कार्य कर अपने परिवार का नाम रोशन करेगी साथ ही अपने समाज के लोगों में जागरूकता लाकर आगे बढ़ाने का भी प्रयास करेंगी. पिछड़ी जनजाति के लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनेंगे उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से पिछड़े जनजाति परिवार के शिक्षित युवाओं को रोजगार देकर उन्हें अपनी जीवन स्तर ऊंचा करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है. किसी भी परिवार में एक सदस्य को भी नौकरी मिल जाने से वह परिवार खुशहाली के मार्ग पर आगे बढ़ जाता है. अपने निवास स्थान के पास ही नियमित आय का जरिया मिलने से पहाड़ी कोरवा व बिरहोर जनजाति समुदाय के लोगों का आर्थिक तथा सामाजिक विकास होगा और वे विकास के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे. रेखा ने कहा कि शिक्षा विभाग में ही रोजगार मिलने से सभी शिक्षा से जुड़े रहेंगे, सभी की आगे की तैयारी भी चलती रहेगी. खुद जागरूक होकर अपने परिवार एवं समाज के लोगों में शिक्षा की आवश्यकता एवं महत्ता को समझाकर उनकी जीवन शैली में बदलाव ला पाएंगे. जिससे पिछड़ी जनजाति समुदाय के लोग भी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनेंगे, साथ ही आर्थिक रूप से सशक्त बनकर समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे. रेखा ने पीवीटीजी समुदाय के लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने एवं उनके आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रदेश सरकार एवं कलेक्टर सहित जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया है.

परिवार की आर्थिक स्थिति रेखा के मजबूत इरादों के रास्ते में नहीं बन सकी रुकावट, पहाड़ी कोरवा जनजाति की युवती बनी शिक्षक
रायपुर। कोरबा जिले के कटघोरा की रहने वाली पहाड़ी कोरवा जनजा​ति की कुमारी रेखा को अतिथि शिक्षक के रूप में भैंसमा के शासकीय माध्यमिक स्कूल में नियुक्त किया गया है. रेखा ने अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति मिलने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की. रेखा ने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को अपनी शिक्षा के रास्ते में रूकावट नहीं बनने दिया और मजबूत इरादे के बल पर एमएससी तक की पढ़ाई की. उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता के इस दौर में विशेष पिछड़ी जनजाति के शिक्षित युवक युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास सराहनीय है. बता दें कि संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा और बिरहोर जनजाति के शिक्षित युवाओं को रोजगार से जोड़ने और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के​ लिए खनिज न्यास निधि से स्कूल शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षक एवं भृत्य के रूप में नियुक्ति प्रदान की जा रही है. इससे समुदाय के लोगों में खुशी की लहर व्याप्त है. जूलॉजी विषय में की एमएससी, अर्जित किए 73 प्रतिशत 25 वर्षीय रेखा ने बताया कि उसके परिवार में माता पिता सहित 5 सदस्य है. उनके पिता दिनेश कुमार मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं. परिवार की आय का अन्य कोई साधन नहीं होने के कारण उनका परिवार आर्थिक रूप कमजोर है. पिता की आय से परिवार का गुजारा ही हो पाती है परन्तु बच्चों की पढ़ाई सहित अन्य जरूरतों को पूरा करने में दिक्कतें होती थी. रेखा ने बताया कि वह बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छी थी और प्रारम्भ से ही खूब पढ़ लिखकर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करना चाहती थी. आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण उनकी स्कूली शिक्षा के बाद कॉलेज की पढ़ाई में परेशानियां आई परंतु परिवार की आर्थिक स्थिति कभी रेखा के मजबूत इरादों के रास्ते मे रुकावट नहीं बन सकी और रेखा ने अपनी पढ़ाई नियमित जारी रखी. रेखा ने पीजी कॉलेज कोरबा से जूलॉजी विषय में एमएससी 73 प्रतिशत अंको से उत्तीर्ण किया है. साथ ही वह बीएड की पढ़ाई भी कर रही है. उनके माता पिता का सपना था कि उनकी बेटी अच्छे से पढ़ लिखकर शासकीय नौकरी हासिल करें एवं अपने माता पिता का नाम गौरवान्वित करें. प्रतियोगिता परीक्षा क्वालीफाई कर सहायक प्राध्यापक बनने का सपना रेखा ने कहा कि यह उसके उड़ान की शुरुआत है, उसे अपनी मंजिल पाने की पहली सीढ़ी विभाग की ओर से प्रदान की गई है. इससे उसे आर्थिक मजबूती मिली है, अब वह अपने एवं अपने परिजनों की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम होंगी. उन्होंने बताया कि अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य करते हुए वह अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखेगी. भविष्य में वह प्रतियोगिता परीक्षा क्वालीफाई कर सहायक प्राध्यापक, व्याख्याता जैसे पद पर कार्य कर अपने परिवार का नाम रोशन करेगी साथ ही अपने समाज के लोगों में जागरूकता लाकर आगे बढ़ाने का भी प्रयास करेंगी. पिछड़ी जनजाति के लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनेंगे उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से पिछड़े जनजाति परिवार के शिक्षित युवाओं को रोजगार देकर उन्हें अपनी जीवन स्तर ऊंचा करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है. किसी भी परिवार में एक सदस्य को भी नौकरी मिल जाने से वह परिवार खुशहाली के मार्ग पर आगे बढ़ जाता है. अपने निवास स्थान के पास ही नियमित आय का जरिया मिलने से पहाड़ी कोरवा व बिरहोर जनजाति समुदाय के लोगों का आर्थिक तथा सामाजिक विकास होगा और वे विकास के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे. रेखा ने कहा कि शिक्षा विभाग में ही रोजगार मिलने से सभी शिक्षा से जुड़े रहेंगे, सभी की आगे की तैयारी भी चलती रहेगी. खुद जागरूक होकर अपने परिवार एवं समाज के लोगों में शिक्षा की आवश्यकता एवं महत्ता को समझाकर उनकी जीवन शैली में बदलाव ला पाएंगे. जिससे पिछड़ी जनजाति समुदाय के लोग भी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनेंगे, साथ ही आर्थिक रूप से सशक्त बनकर समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे. रेखा ने पीवीटीजी समुदाय के लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने एवं उनके आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रदेश सरकार एवं कलेक्टर सहित जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया है.