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जानते हैं क्यों हुआ 18 से 44 वर्ष के छत्तीसगढ़वासियों का टीकाकरण निरस्त

 भारत सरकार द्वारा समस्त राज्यों को निर्देशित किया गया था कि 1 मई से कोरोना की वैक्सीन 18 से 44 वर्ष की आयु वर्ग के सभी नागरिकों का टीकाकरण करना सुनिश्चित किया जाए, एवं इसी निर्देश का पालन करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ निवासियों के लिए निःशुल्क वैक्सीन की घोषणा भी किया गया था, और वैक्सीन निर्माता 2 फार्मा कम्पनी को 75 लाख डोस की आर्डर भी दे डाली थी किन्तु वैक्सीन उपलब्ध नही होने के कारण 1.5 लाख डोस छत्तीसगढ़ को आबंटित हुई इसी बीच मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग और संबधित प्रशासन को निर्देशित किया कि राज्य के अंत्योदय कार्डधारी परिवार को टीके में प्रमुखता दी जाय और उनके पास तर्क यह था कि भारत सरकार ने पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन शुरू किया है जो गरीब तबके के लिए आसान नही है और उनके पास इंटरनेट या मोबाइल जैसी सुविधा नही है इसलिए उनको प्रमुखता दी जानी चाहिए, किन्तु यह टीकाकरण में आरक्षण के प्रति कुछ लोगों ने आपत्ति जताई और कहा कि महामारी अत्यंत विकराल है और जोरो से फैल रहा इसे रोकने हेतु सभी वर्ग का टीकाकरण एकसमान रूप में हो इसी का सो-मोटो लेते हुए माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ ने सरकार को 4.5.2021 को टीके में आरक्षण को रोकने के आदेश दिए हैं और छग सरकार ने  तत्काल 5.5.2021 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सभी सचिवों को पात्र संबंधी रूपरेखा तैयार करने को कहा है और संख्या पर विचार करने को कहा है, एवं तब तक 18 से 44 वर्ष के टीकाकरण को तुरंत रोकने के आदेश स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रसारित किया गया है।

माननीय उच्च न्यायालय ने कहा है कि तत्संबंध में उचित निर्णय नही लिए जाने तक बीपीएल या अंत्योदय कार्डधारियों का ही टीकाकरण में रोक लगा दी जाना चाहिए और एक निश्चित अनुपात क्रम बनाया जाय ताकि एपीएल और बीपीएल कार्डधारी और सभी वर्ग को टीका लगाया जा सके, ऐसा नही होने पर सरकार को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना मानी जा सकती है।
 

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