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एक समय बिग बाजार (Big Bazaar) को लेकर देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रिलायंस (Reliance) और अमेरिकी कंपनी Amazon के बीच जंग छिड़ गई थीं. मामला सुप्रीर्ट तक पहुंच गया. इन दोनों की लड़ाई में बिग बाजार को चलाने वाली कंपनी फ्यूचर रिटेल अर्श से फर्श पर पहुंच गई. हालांकि ये कंपनी पहले से ही कर्ज में डूबी थी. कर्ज चुकाने के लिए कंपनी के मालिक किशोर बियानी से फ्यूचर रिटेल समेत कई कारोबार को बेचने का फैसला किया, फिर रिलायंस से डील हुई. लेकिन कानूनी अड़चनों की वजह से इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका.
जिसके बाद अब किशोर बियानी की कंपनी दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है, मामला NCLT में है. शुरुआत में रिलायंस-अडानी ग्रुप समेत 49 कंपनियों को फ्यूचर रिटेल को खरीदने में रुचि दिखाई थी. लेकिन अब ताजा अपडेट है कि देश के दो बड़े अरबपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) और गौतम अडानी (Gautam Adani) ने फ्यूचर ग्रुप की संपत्तियां खरीदने की रेस से खुद को अलग कर लिया है. अब केवल 6 कंपनियां दौड़ में हैं. यानी 43 कंपनियों अब इस रेस में भागीदारी न करने का फैसला किया है.
अडानी-अंबानी ने खींचे कदम, बताई ये वजह
रिपोर्ट की मानें तो फ्यूचर ग्रुप के एसेट्स के भारी वैल्यूएशन की वजह से अडानी और अंबानी ग्रुप ने बोली नहीं लगाने का फैसला किया है. हालांकि, इस फैसले को लेकर दोनों कारोबारी ग्रुप की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.
बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस समूह फ्यूचर की कई संपत्तियां खरीदने को इच्छुक था. रिलायंस FBB, CENTRAL जैसे ब्रांड खरीदने में दिलचस्पी थी. इसके अलावा अलग-अलग लोकेशन पर फ्यूचर ग्रुप के एसेट वेयरहाउसिंग और सप्लाई चेन पर रिलायंस की नजर थी. लेकिन वैल्यूएशन महंगे होने की वजह से रिलायंस को फैसला टालना पड़ा है. सूत्रों के मुताबिक एसेट्स का वैल्यूएशन 9,000 करोड़ रुपये से अधिक था. जो महंगा दिख रहा है.
इसके अलावा अडानी ग्रुप ने भी बोली में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है. अब केवल 6 कंपनियां दौड़ में हैं, जिसमें कोई बड़ा नाम नहीं है. फाइनल राउंड के लिए अब इन 6 कंपनियों की बीच मुकाबला देखने को मिलेगा. उनमें स्पेस मंत्रा, पिनेकल एयर, पलगुन टेक एलएलसी, लहर सॉल्यूशंस, गुडविल फर्नीचर और सर्वभिष्ट ई-वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी शामिल है. फ्यूचर रिटेल पर करीब 30,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. दरअसल, बिग बाजार को चलाने वाली कंपनी कंगाल हो चुकी है. आखिर इतना पॉपुलर ब्रांड कैसे इतिहास बनने के कगार पर पहुंच गया है.
आइए समझते हैं पूरा माजरा...
सबसे पहले इस कंपनी के मालिक के बारे में बताते हैं. उनका नाम किशोर बियानी है. एक दशक पहले तक ये नाम रिटेल किंग के तौर पर पहचाना जाता था. बियानी ने Future Retail के जरिए रिटेल कारोबार का एक पूरा साम्राज्य खड़ा कर दिया था. लेकिन जिस तरह से उन्होंने फ्यूचर रिटेल को फर्श से अर्श पर पहुंचाया. ठीक उसी तरह अब कंपनी अर्श से फर्श पर पहुंच गई है.
बिग बाजार का कैसे आगाज?
बिग बाजार (Big Bazaar) फ्यूचर रिटेल का फ्लैगशिप ब्रांड है. लेकिन ऐसा नहीं है कि रातो-रात ये इतना बड़ा नाम बन गया. इसके शुरू होने की कहानी काफी पुरानी है. 1987 में Manz Wear Private Limited नाम से कंपनी की शुरुआत हुई थी. 1991 में कंपनी का नाम बदलकर Pantaloon Fashions (India) Limited कर दिया. 1992 में कंपनी का IPO आया. 1994 में Pantaloon Shoppe के नाम से देशभर में एक्सक्लूसिव मेन्सवियर स्टोर की शुरुआत की गई. कंपनी ने देश में मल्टी-ब्रांड रिटेल स्टोर के जरिए ब्रांडेड कपड़ों की बिक्री शुरू की.
Pantaloon Retail ने 2001 में महज 22 दिनों के भीतर कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद में तीन बिग बाजार स्टोर्स (Big Bazaar Stores) की शुरुआत की. 2002 में फूड बाजार सुपरमार्केट चेन की शुरुआत हुई. इसके बाद 2003 में बिग बाजार ने नागपुर में स्टोर ओपन कर टीयर-2 शहरों में प्रवेश किया. 2007 में कंपनी ने कानपुर में अपने 50वें स्टोर की शुरुआत की थी. उसके बाद देखते ही देखते हर शहर में बिग बाजार खुल गए और लोगों की भीड़ उमड़ने लगी.
रिलायंस से डील टूटने पर भारी नुकसान
साल 2019 में फोर्ब्स की अमीरों की लिस्ट में किशोर बियानी 80वें नंबर पर थे. 2019 से पहले उनका कारोबार तेजी से फैल रहा था. किशोर बियानी का फ्यूचर ग्रुप बीते कुछ साल से वित्तीय संकट से जूझ रहा है. यह तब हुआ, जब फ्यूचर रिटेल लिए गए कर्ज का भुगतान करने में फेल हो गई. इसके बाद बैंकों ने कंपनी के गिरवी रखे शेयरों को जब्त कर लिया. उसके बाद कर्ज उतारने के लिए किशोर बियानी ने रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड (RRFLL) से 24,713 करोड़ रुपये में एक सौदा किया, जिसमें फ्यूचर रिटेल को बेचने का फैसला हुआ. लेकिन अमेजन (Amazon) के विरोध के कारण ये सौदा कानूनी अड़चनों में फंस गया. उसके बाद रिलायंस भी सौदे से पीछे हट गया, और किशोर बियानी की कंपनी कर्ज नहीं चुका पाने की वजह से दिवालिया हो गई.
दरअसल, साड़ियों के कारोबार से बिग बाजार तक के सफर तक पहुंचने वाले मारवाड़ी परिवार में जन्मे किशोर बियानी ने 1987 में पैंटालून की शुरुआत की थी. पैसे की कमी की वजह से उन्होंने इस कारोबार को साल 2012 में आदित्य बिड़ला ग्रुप को बेच दिया. पैंटालून और बिग बाजार की शुरुआत बियानी ने कोलकाता से की थी.
किशोर बियानी के बारे में
किशोर बियानी मुंबई के एच. आर कॉलेज के छात्र रहे हैं. उनकी कारोबारी यात्रा मुंबई में 1980 में स्टोन वॉश डेनिम फैब्रिक की बिक्री से शुरू हुई थी. किशोर बियानी का सपना हर किसी तक अपने खुद के लेबल के प्रोडक्ट को पहुंचाना था, और कुछ हदतक वो इसमें सफल भी रहे. महज 26 साल की उम्र में किशोर बियानी ने पैंटालून की शुरुआत की थी. बियानी का जन्म साल 9 अगस्त 1961 में मुंबई के एक कपड़ा व्यापारी के घर हुआ था.
किशोर बियानी के लिए साल 2019 सबसे संकट वाला रहा. उसके बाद कोरोना की वजह से संकट और गहरा गया. लगातार कर्ज बढ़ने से रेटिंग एजेंसियों ने भी रेटिंग घटा दी. जिससे फ्यूचर रिटेल के शेयर बिखर गए. एक अनुमान के मुताबिक 2020 तक फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार, ईजीडे और FBB के कुल 1,800 से अधिक स्टोर्स थे. जो देश के 420 शहरों में फैले हुए थे.
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जब भी बजट फ्रेंडली कारों की बात की जाती है तो उसमें सबसे पहले नंबर पर मारुति सुजुकी की Alto और S-Presso आती है। वहीं, दूसरे नंबर पर रेनॉल्ट की kwid भी आती है। कार निर्माता कंपनी मारुति ने S-presso को सितंबर 2019 में लॉन्च किया था। बता दें मारुति के इस कार के टोटल 8 वेरिएंट में बाजार में उपलब्ध है, जोकि पेट्रोल, सीएनजी और ऑटोमेटिक तीनों वर्जन में उपलब्ध हैं।
मारुति के इस कार का डायरेक्ट मुकाबला रेनॉल्ट क्विड, मारुती आल्टो k10, Wagnor जैसी गाड़ियों से है। यह कार आपको 7 कलर ऑप्शन के साथ देखने को मिलती है। लॉन्च से पहले ही इस कार को ‘मिनी एसयूवी’ का नाम दे दिया गया था। कंपनी ने इस कार को middle-class लोगों के बजट को ध्यान में रखकर बनाया है। तो चलिए अब हम आपको इसके फीचर्स, प्राइस और माइलेज के बारे में बताते हैं।
कैसा है इंजन पावर
मारुति की इस बजट फ्रेंडली कार में कस्टमर्स को 3 सिलेंडर का 998 cc का इंजन मिलता है, जो की पेट्रोल और सीएनजी दोनों में बराबर होता है। साथ ही यह कार मैनुअल और ऑटोमेटिक दोनों ट्रांसमिशन में देखने को मिलता है और जो की 55.92bhp पर 5500rpm का पावर जनरेट करता है, जिसमे सिर्फ 4 लोगों की बैठने की क्षमता होती है.
Maruti S-presso फीचर्स
कुछ खास फीचर्स के नाम पर इस गाड़ी में आपको एक टचस्क्रीन डिस्पले, स्टेरिंग मोड ऑडियो कंट्रोल, और तगड़ा एयर कंडीशन देखने को मिलता है. साथ ही कार में कुछ और फीचर्स जैसे कि पावर स्टेरिंग, पावर विंडो, एंटी लॉक ब्रेकिंग, एयर कंडीशनर, पेसेंजर एंड ड्राइवर एयर बैग, और एलॉय व्हील जैसे कुछ खास फीचर्स मौजूद हैं.
S-Presso माइलेज
मारुती S presso की आटोमेटिक पेट्रोल वेरिएंट 1 लीटर पेट्रोल में 25.3 किलोमीटर की दुरी तय करती है, जबकी मैन्युअल वेरिएंट सिर्फ 24.76 किलोमीटर तक जा पाती है. वहीं, कार की दूसरी वेरिएंट यानी CNG वेरिएंट 1 किलोग्राम CNG में 32.73 किलोमीटर तक की दुरी तय करती है, जोकि पैट्रोल वेरिएंट से काफी ज्यादा है.
Spresso कीमत
मारुती S presso की टोटल 8 वेरिएंट की अलग-अलग कीमत निम्न है-
S-presso LXi(Petrol)- 5.52 लाख
S-presso VXI(Petrol)- 5.74 लाख (यह सबसे ज्यादा बिकने वाला मॉडल है)
S-presso VXi Plus(Petrol)- 6.05 लाख
S-presso VXi Opt AT(Petrol)- 6.33 लाख
S-presso VXi Plus Opt AT(Petrol)- 6.82 लाख (टॉप मॉडल)
S-presso LXI CNG(CNG)(Base Model)- 6.50 लाख
S-presso VXI CNG (CNG)- 6.89 लाख (टॉप मॉडल)
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डिजिटल मार्केटिंग कंपनी ब्राइटकॉम ग्रुप लिमिटेड के शेयर फिर अपर सर्किट में हैं। कंपनी के शेयर गुरुवार को 5 पर्सेंट के अपर सर्किट के साथ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 13.67 रुपये के स्तर पर पहुंच गए हैं। पिछले 5 दिन में ब्राइटकॉम ग्रुप (Brightcom Group) के शेयरों में करीब 24 पर्सेंट का उछाल आया है। कंपनी के शेयर पिछले दिनों 28 अप्रैल 2023 को अपने 52 हफ्ते के लो लेवल 9.35 रुपये पर पहुंच गए थे। ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयरों का 52 हफ्ते का हाई लेवल 72 रुपये है।
10 दिन में कंपनी के शेयरों में 45% का उछाल
ब्राइटकॉम ग्रुप (Brightcom Group) के शेयरों में पिछले 10 दिन में अच्छी तेजी आई है। कंपनी के शेयर पिछले 10 दिन में 45 पर्सेंट चढ़ गए हैं। कंपनी के शेयर 28 अप्रैल 2023 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 9.27 रुपये के स्तर पर थे। ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयर गुरुवार 11 मई 2023 को बीएसई में 13.67 रुपये के स्तर पर पहुंच गए हैं। ब्राइटकॉम ग्रुप का मार्केट कैप बढ़कर 2758 करोड़ रुपये हो गया है।
2 साल में 2 बार बोनस शेयर दे चुकी है कंपनी
ब्राइटकॉम ग्रुप लिमिटेड पिछले 2 साल में 2 बार बोनस शेयर दे चुकी है। कंपनी ने अगस्त 2021 में शेयरहोल्डर्स को 1:4 के रेशियो में बोनस शेयर दिए। यानी, कंपनी ने हर 4 शेयर पर 1 बोनस स्टॉक दिया है। ब्राइटकॉम ग्रुप ने मार्च 2022 में 2:3 के रेशियो में बोनस शेयर दिए थे। यानी, कंपनी ने हर 3 शेयर पर 2 बोनस शेयर दिए।
दिग्गज इनवेस्टर शंकर शर्मा ने लगाया है बड़ा दांव
दिग्गज इनवेस्टर शंकर शर्मा के पास ब्राइटकॉम ग्रुप के 2,50,00,000 शेयर या 1.24 पर्सेंट हिस्सेदारी है। शंकर शर्मा की हिस्सेदारी की करेंट वैल्यू 34.15 करोड़ रुपये के करीब है। ब्राइटकॉम ग्रुप में प्रमोटर की हिस्सेदारी 18.47 पर्सेंट है। जबकि बाकी की पब्लिक शेयरहोल्डिंग है।
डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।
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Google AdSense अगर आप ऑनलाइन कंटेंट क्रिएट करते हैं और वेबसाइट रन करते हैं तो गूगल से पैसा कमाया जा सकता है। इसी तरह यूट्यूब पर एक बढ़िया चैनल क्रिएटर कर पैसा कमाया जा सकता है। इसमें Google AdSense की मदद ली जा सकती है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। टेक कंपनी गूगल अपने यूजर्स के लिए एक सर्च इंजन से बढ़कर काम करती है। अलग-अलग सुविधाओं के साथ आने वाली कंपनी यूजर्स की कमाई का जरिया भी बनती है। आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि ऑनलाइन काम कर गूगल से पैसा कमाया जा सकता है।
आखिर गूगल से पैसा कैसे कमाया जा सकता है, यह सवाल आपके जेहन में भी आता होगा। इस आर्टिकल में गूगल की पॉपुलर टर्म Google AdSense के बारे में ही बात करने जा रहे हैं। गूगल का यह प्लेटफॉर्म यूजर्स के लिए कैसे काम करता है और कैसे कमाई का जरिया बनता है, इस आर्टिकल में बता रहे हैं-क्या है Google AdSense
Google AdSense गूगल का एक कंप्यूटर प्रोग्राम है। यह यूजर्स को उनके ऑनलाइन कंटेंट के साथ ऐड्स उपलब्ध करवाता है।
इस तरह की सुविधा के लिए कंपनी यूजर्स से किसी तरह का चार्ज नहीं लेती है। हां, लेकिन यूजर को ऐड्स से होने वाली कमाई का एक हिस्सा जरूर कंपनी के नाम जाता है।
दो तरीकों से हो सकती है कमाई
यूजर अगर किसी ब्लॉग साइट, न्यूज साइट, फोरम और चर्चा बोर्ड, सोशल नेटवर्क या फ्री ऑनलाइन टूल को इंटरनेट पर रन करता है तो गूगल से कमाई कर सकता है। टेक्स्ट वेबसाइट के अलावा यूजर यूट्यूब चैनल क्रिएट कर भी गूगल के इस प्लेटफॉर्म से कमाई कर सकता है।
ऑनलाइन वेबसाइट पर कैसे कर सकते हैं कमाई
ऑनलाइन वेबसाइट पर AdSense कस्टम खोज की मदद ली जा सकती है। यूजर जब किसी खास कंटेंट के लिए आपकी वेबसाइट पर विजिट करेगा तो वह सर्च बटन के ऑप्शन पर जाना चाहेगा।
जैसे ही यूजर कंटेंट सर्च कर एंटर के बटन पर क्लिक करेगा उसे रिलेटेड सर्च के ऑप्शन तो मिलेंगे साथ में AdSense कस्टम खोज की मदद से ऐडस भी पॉप अप होंगे, इन एड्स के लिए कंटेंट क्रिएटर को पे किया जाएगा।
यूट्यूब चैनल से ऐसे कर सकते हैं कमाई
यूट्यूब पर कंटेंट क्रिएट कर एक चैनल बना लेते हैं तो यहां भी गूगल की मदद से पैसा कमाया जा सकता है। इसके लिए चैनल का पॉपुलर होना जरूरी होगा। चैनल की सुविधाएं सेक्शन में जाकर कमाई करना ऑप्शन पर क्लिक कर सकते हैं।
चैनल को AdSense खाते से जोड़ने की गाइडलाइन को फॉलो कर कमाई की जा सकती है। यहां कंटेंट क्रिएटर को अपनी पसंद के ऐड्स सेलेक्ट करने की सुविधा भी मिलती है।
गूगल फ्री में क्यों देती है सर्विस
दरअसल यह दो पार्टियों के बीच एक मीडिएटर की तरह काम करता है। कंटेंट क्रिएटर को उसकी वेबसाइट या चैनल पर ऐड्स दिखाने के लिए ऐड देने की इच्छा रखने वाली कंपनी पे करती है। इस कीमत के 100 प्रतिशत हिस्से में से गूगल एक बड़ा हिस्सा कंटेंट क्रिएटर के नाम ट्रांसफर कर देती है, जबकि कुछ हिस्सा खुद रखती है।
कमाई के लिए अच्छा ट्रैफिक होना जरूरी
गूगल से अच्छी कमाई के लिए कंटेंट क्रिएटर के लिए उसकी वेबसाइट पर एक अच्छा ट्रैफिक होना जरूरी है। गूगल का यह प्लेटफॉर्म वेबसाइट में ऐड्स पर क्लिक के साथ काम करता है।
जितनी ज्यादा वेबसाइट पर आने वालों की संख्या होगी, उतने ही ज्यादा ऐड्स पर क्लिक की संभावना होगी। इसी तरह यूट्यूब चैनल पर विजिट करने वाले यूजर को कंटेंट देखने से पहले ऐड देखना पड़ता है। यह ऐड कंटेंट क्रिएटर की कमाई का जरिया है।
कितनी हो सकती है कमाई
गूगल से कमाई की कीमत पूरी तरह से कंटेंट क्रिएटर के कंटेंट पर निर्भर करता है। कंटेंट अच्छा होता है तो और वेबसाइट पर विजिट करने वाले लोगों की संख्या ज्यादा होती है तो कमाई का यह आंकड़ा लाखों रुपये तक भी जाता है। गूगल कंटेंट क्रिटर की कमाई को उसके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करती है। यह हर महीने एक फिक्स्ड तारीख को रिसीव किया जा सकता है।
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दक्षिण कोरिया की बड़ी कार मेकर कंपनियों में से एक kia मोटर्स, भारत में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए एक और कार को लॉन्च कर सकती है। कंपनी की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है की Kia Seltos के अगले वेरिएंट पर काम चल रहा है। इसे Kia Seltos facelift 2023 के तौर पर लॉन्च किया जा सकता है। जहां तक बात फीचर्स की है तो इसकी जानकारी भी जल्द ही साझा की जा सकती है। Kia Seltos facelift 2023 की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिन्हें देखने पर ये कार बेहद ही आकर्षक नजर आ रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुशार इसे जुलाई में लॉन्च भी किया जाएगा। चलिए उससे पहले जानते हैं Kia Seltos के पिछले वेरिएंट में मिलने वाले फीचर्स को, जिनकी चर्चा आज भी जोरो शोरो से होती है। 2023 Kia Seltos फेसलिफ्ट की शुरुआती कीमत 10.89 लाख रुपये से होने वाली है, वहीं टॉप मॉडल की कीमत 19.65 लाख रुपये तक जाती है।
Kia Seltos फीचर्स
सेल्टोस के मौजूदा मॉडल में एयर कंडीशनर (Air Conditioner), हीटर (Heater), अडजस्टेबल स्टीयरिंग (Adjustable Steering) आटोमेटिक क्लाइमेट कंट्रोल (Automatic Climate Control), एयर क्वालिटी कंट्रोल (Air Quality Control), रिमोट इंजन स्टार्ट/स्टॉप (Remote Engine Start/Stop) लो फ्यूल वार्निंग लाइट (Low Fuel Warning Light), एक्सेसरी पावर आउटलेट (Accessory Power Outlet), ट्रंक लाइट (Trunk Light), रियर रीडिंग लैंप (Rear Reading Lamp) क्रूज कंट्रोल (Cruise Control), पार्किंग सेंसर के साथ ऐसी और भी तमाम खूबियां दी जा रही हैं, जिनकी डिमांड आज के समय में सबसे अधिक है। रिपोर्ट्स के अनुसार Kia Seltos facelift 2023 में कुछ नए एडवांस फीचर्स दिया जा सकता है, हालांकि इसके लॉन्च के बाद ही आधिकारिक पुष्टि हो पायेगी।
Kia Seltos स्पेसिफिकेशन और माइलेज
1493CC, 1.5 L CRDi VGT इंजन के साथ आने वाली सेल्टोस, 4000 आरपीएम पर 113.43bhp की पावर और 1500-2750 आरपीएम पर 250Nm का टॉर्क जनरेट करती है। साथ ही इस कार में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन का भी ओशन मिलता है। बात करे इस कार में बूटस्पेस की तो 433 लीटर का बड़ा बूटस्पेस मिलता है, जो सफर में ज्यादा से ज्यादा सामान रखने की सहूलियत देता है। 50 लीटर फ्यूल टैंक के साथ 5 सीटर सेल्टोस को एक बार फुल टैंक करने पर 900 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकते है।,यानी की Kia Seltos, 18kmpl तक का माइलेज देने में सक्षम है।
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- कोविड-19 की स्थिति के बावजूद भारत ने पिछले वर्ष कृषि निर्यात में वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एम. अंगामुथु ने आकाशवाणी से बातचीत में बताया कि पिछले वित्त वर्ष में एक दशमलव तीन लाख करोड़ रुपये का कृषि निर्यात किया गया जबकि इसके पिछले वर्ष में यह एक दशमलव एक लाख करोड़ रुपये था। उन्होंने बताया कि कोविड महामारी ने भारत को दुनिया भर में विश्वसनीय और पौष्टिक अनाज उपलब्ध कराने का अवसर दिया। डॉ अंगामुथु ने आशा व्यक्त की कि इस वित्त वर्ष में भारत का कृषि निर्यात 20 से तीस प्रतिशत बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष जैविक उत्पादों के निर्यात में भी 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई। डॉ अंगमुथु ने बताया कि यूरोप, अमरीका और पश्चिम एशिया में जड़ी-बूटियों और औषधीय उत्पादों की भारी मांग बढ़ी है और भारत इन उत्पादों के निर्यात की सभी विकल्पों का पता लगाएगा।
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भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को इक्विटी शेयरों पर लाभांश का भुगतान करने की अनुमति दे दी है। कोविड की दूसरी लहर को देखते हुए पूंजी जुटाने और इसके संरक्षण के लिए रिजर्व बैंक ने बैंकों को नियमानुसार लाभांश 50 प्रतिशत तक सीमित रखने को कहा है।
रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि लाभांश भुगतान के बाद सभी बैंक लागू न्यूनतम नियामक पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करना सुनिश्चित करेंगे। केन्द्रीय बैंक ने पिछले वर्ष कोविड महामारी के प्रकोप के बाद बैंकों के लाभांश भुगतान करने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
सहकारी बैंकों को 31 मार्च 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष के मुनाफे में से इक्विटी शेयरों पर लाभांश का भुगतान करने की अनुमति है। -
घरेलू सर्राफा बाजार में आज सोने और चांदी की चमक तेज रही। अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से मिले मजबूती के संकेतों पर मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में सोने का मूल्य 190 रुपए बढ़कर 47 हजार 580 रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। चांदी 540 रुपए उछलकर 68 हजार 870 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई।
न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में सोने का मूल्य एक हजार सात सौ 74 डॉलर प्रति ऑन्स पर पहुंच गया। चांदी मजबूत होकर 26 डॉलर प्रति ऑन्स के स्तर पर पहुंच गई।
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बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स आज आठ सौ 83 अंक लुढककर 47 हजार नौ सौ 49 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी दो सौ 58 अंक गिरकर 14 हजार तीन सौ 59 पर आ गया।
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अंतर बैंकिग विदेशी मुद्रा बाजार में एक डॉलर की तुलना में रुपया आज 31 पैसे कमजोर होकर 75 रुपये 37 पैसे के स्तर पर आ गया।
उधर, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की स्थिति दर्शाने वाला सूचकांक शून्य दशमलव शून्य एक-चार प्रतिशत बढकर 92 दशमलव दो-सात पर पहुंच गया।
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मुम्बई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक आज दो सौ अंक की वृद्धि के साथ खुला। बाद में, दोपहर के कारोबार में सेंसेक्स 98 अंक गिरकर 48 हजार 446 पर आ गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 25 अंक की गिरावट के साथ 14 हजार 480 पर पहुंच गया।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बाजार में रूपये में 36 पैसे की वृद्धि हुई। एक डालर 75 रूपये एक पैसे का बोला गया।