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कश्मीर राग अलापने वाले पाकिस्तान के फर्जी प्रोपेगेंडा को काउंटर करने के लिए भारत ने एक बेहद शानदार दांव चला, जो कामयाब होता दिखाई दे रहा है. जी-20 सम्मेलन के तहत भारत ने टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की तीसरी मीटिंग का आयोजन जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में किया. भारत के इस दांव से चारों खाने चित होने के बाद पाकिस्तान ने पहले ही बैठक के खिलाफ माहौल बनाने का फैसला कर लिया था.
पाकिस्तान ने काफी कोशिश की, कि कश्मीर पर उसके प्रोपेगेंडा को दूसरे देशों का भी बड़े पैमाने पर समर्थन मिले. लेकिन पड़ोसी देश खाली हाथ ही रह गया. पाकिस्तान के कहने पर चीन ने इस बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया. चीन ने मीटिंग में टांग अड़ाने की कोशिश भी की थी. ड्रैगन ने कहा था कि वह किसी भी 'विवादित क्षेत्र' में बैठक आयोजित करने का विरोध करता है.चीन के अलावा सिर्फ दो देश तुर्की और सऊदी अरब ने हिचकिचाहट दिखाई. इन चंद देशों को छोड़ दें तो अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय यूनियन और साउथ अफ्रीका जैसे 17 ताकतवर देशों ने इस बैठक में शामिल होने में अपनी रुचि दिखाई. यहां से 60 डेलिगेट्स भारत पहुंचे हैं.
श्रीनगर में हो रही जी-20 की यह बैठक कई मायनों में इसलिए भी अहम है, क्योंकि आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद कश्मीर में यह पहला बड़ा आयोजन है. इस बैठक में वर्किंग ग्रुप की पहली दो मीटिंग के मुकाबले सबसे ज्यादा देश आ रहे हैं. इस मीटिंग को दुनियाभर से मिला समर्थन भारत की मजबूत होती स्थिति को दर्शाता है. कश्मीर में हो रही यह बैठक कूटनीतिक तौर पर भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है. इससे कश्मीर पर पाकिस्तान का पक्ष कमजोर होगा और कश्मीर पर भारत के फैसले को मान्यता मिलेगी. इसके अलावा दुनिया कश्मीर के सामान्य होते हालात की झलक भी देख सकेगी.
श्रीनगर में बैठक से PAK क्यों परेशान?
दरअसल, पाकिस्तान इस बात से परेशान है कि कश्मीर में जी20 बैठक के सफल आयोजन से दुनिया में इस बात की स्वाकार्यता बढ़ जाएगी कि आर्टिक 370 हटाने के बाद कश्मीर के हालात में काफी सुधार आया है. पाकिस्तान किसी भी हालत में यह नहीं चाहता कि दुनिया के सामने यह संदेश जाए कि कश्मीर घाटी में हालात सामान्य होने लगे हैं. इसकी बानगी तब भी देखने को मिली थी, जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत में आकर अपना दिवालियापन दिखाया था. उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा था कि 'हम इसकी निंदा करते हैं और वक्त आने पर हम इसका ऐसा जवाब देंगे जो याद रखा जाएगा.'
शहर में लगाए गए कलरफुल पोस्टर
श्रीनगर में कई दिन से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार तैयारियां की जा रही है. पूरे शहर में कलरफुल पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें सरकार की योजनाओं का जिक्र है. उन देशों के पोस्टर भी लगे हैं, जो इस मीटिंग में शिरकत कर रहे हैं. श्रीनगर में इस मीटिंग को लेकर जबरदस्त तैयारी की गई है. डल झील से लेकर जबरवन की पहाड़ियों तक हर जगह सुरक्षा का कड़ा इंतजाम किया गया है. सिक्योरिटी के लिए सीआरपीएफ के मारकोस कमांडो तैनात किए गए हैं. इन कमांडोज की टीम कई दिन से सुरक्षा ड्रिल कर रही है. इसके अलावा मरीन कमांडो के साथ एनएसजी के कमांडो भी तैनात हैं. इसके साथ ही झील में हथियारबंद सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. पुलिस ने भी मुकम्मल तैयारी की है. सुरक्षा बलों के जवानों को खास आईकार्ड इश्यू किए गए हैं.
सिक्योरिटी को लेकर क्या तैयारी?
इस मीटिंग के तहत पहले यह प्लना बनाया गया था कि विदेशी मेहमानों को घाटी के खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट गुलमर्ग ले जाया जाएगा. यहां विदेशी डेलीगेट्स कश्मीर की खूबसूरती के दीदार कर सकेंगे, लेकिन मीटिंग से पहले ही गुलमर्ग की उस होटल से एक शख्स को गिरफ्तार किया गया, जहां विदेशी मेहमान रुकने वाले थे. उसने पूछताछ में बताया कि इस होटल पर 26/11 जैसे हमले को अंजाम देने की योजना है. ये पूरा प्लान पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई के इशारों पर बनाया गया है.
इतनी बड़ी जानकारी सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए और उन्होंने विदेशी पर्यटकों के गुलमर्ग जाने के प्लान को कैंसिल कर दिया. पकड़े गए आरोपी ने बताया कि आतंकियों का मकसद विजिट के दौरान होटल में घुसना और वहां मौजूद विदेशी पर्यटकों को निशाना बनाना था. इस पूरे हमले को मुंबई हमले की तर्ज पर ही अंजाम दिया जाना था, जिसमें आतंकियों ने कई मेहमानों की जान ले ली थी और कइयों को बंधक बना लिया था. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक हमले की योजना आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्मद ने बनाई थी. Peoples Anti-Facist Force के आतंकी तनवीर अहमद राथर ने घाटी में आतंकी हमले की साजिश रची थी.
चप्पे-चप्पे पर पैनी नजर
जी-20 की अहम बैठक के लिए सिर्फ सेना और स्पेशल कमांडोज को ही तैनाती पर नहीं लगाया गया है. बल्कि, एनएसजी की ड्रोन-रोधी टीमें आसमान से निगरानी कर रही हैं. खुफिया रिपोर्ट से पता चला था कि आतंकवादी कश्मीर में सम्मेलन के दौरान एक साथ दो से तीन जगहों पर हमला करने की तैयारी कर रहे हैं. इसीलिए पूरे कश्मीर में, खासकर श्रीनगर में सभी गतिविधियों पर सीसीटीवी और ड्रोन से नजर रखी जा रही है.
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नई दिल्लीः आपके घर परिवार में बुजुर्ग हैं तो फिर अब पैसों खर्च की टेंशन बिल्कुल ना करें। सरकार की ओर से बुजुर्गों की जेब खर्च के लिए कई धाकड़ स्कीम चला रही है, जिससे हर कोई खुश होता दिख रहा है। सरकार की इस स्कीम का नाम पीएम किसान मानधन योजना है, जिसके तहत बुजुर्गों को हर महीना 3,000 रुपये पेंशन दी जाएगी।
बुजुर्गों की जेब खर्च के लिए ही इस स्कीम को शुरू किया गया है, जिससे वे किसी के ऊपर निर्भर ना रहे। स्कीम का फायदा प्राप्त करने के लिए आपको तमाम शर्तों को जानना होगा, जिससे आपका आवेदन स्वीकार कर लिया जाएगा। अगर आप सभी मानकों पर खरे नहीं हैं तो फिर स्कीम से नहीं जुड़ सकेंगे। बाकी जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको खबर नीचे तक पढ़नी होगी।
पीएम किसान मानधन योजना का फायदा प्राप्त करने के लिए आपको कुछ जरूरी चीजों का ध्यान रखना होगा, जो आपके लिए बहुत ही जरूरी है। इसमें सबसे पहले तो आप पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी होना जरूरी हैं। इसके साथ ही स्कीम में आपको थोड़ा निवेश करना होगा।
जुड़ने के लिए आपकी न्यूनतम आयु 18 साल और अधिकतम उम्र 40 वर्ष होना आवश्यक है। उम्र के हिसाब से आपको इसमें निवेश करना होगा। अगर आप 18 साल की आयु से जुड़ते हैं तो फिर हर महीना 55 रुपये का निवेश करना होगा।
30 साल की आयु से जुड़ते हैं तो आपको 110 रुपये का निवेश करना होगा, जबकि 40 वर्ष से 210 वर्ष का निवेश करने की जरूरत होगी। इसके बाद जब आपकी आयु 60 साल है तो फिर स्कीम का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा, जो हर किसी का दिल जीतने के लिए काफी है।
सालाना मिलेंगे इतने हजार रुपये
पीएम किसान मानधन योजना में आपको हर महीना 3,000 रुपये की पेंशन का लाभ देने का काम किया जाएगा। अगर आप योजना के पात्र हैं तो फिर आपको इस हिसाब से सालाना 36,000 रुपये की पेंशन का फायदा दिया जाना तय माना जा रहा है।
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मई महीने में भीषण गर्मी अपना तेवर दिखा रही है. एक तरफ सूरज की तपिश और बढ़ते तापमान से राहत के लिए लोग मॉनसून की राह देख रहे हैं तो वहीं किसानों को भी बारिश का बेसब्री से इंतजार है. मौसम विभाग के मुताबिक, इस वर्ष भारत की 19 प्रतिशत आबादी को मॉनसून के दौरान सामान्य से कम बारिश और लगभग 13 प्रतिशत आबादी को सामान्य से अधिक बारिश का सामना करना पड़ सकता है. मौसम विभाग के पूर्वानूमान के मुताबिक, इस बार केरल में मॉनसून देर से दस्तक देगा.
उत्तर और मध्य भारत में सामान्य से कम होगी बारिश‘साउथ एशियन सीजनल क्लाइमेट आउटलुक फोरम’ (SASCOAF) के अनुसार, उत्तर में सामान्य से कम बारिश होने की 52 प्रतिशत संभावना है. देश के मध्य भागों में सामान्य से कम वर्षा की 40 प्रतिशत संभावना है. वहीं, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम में सामान्य बारिश होने का अनुमान है.
केरल तट पर देर से पहुंचेगा मॉनसून
मौसम विभाग के मुताबिक, मॉनसून के 4 जून को केरल पहुंचने की संभावना है. वहीं, स्काईमेट की मानें तो इस साल मॉनसून 7 जून को केरल पहुंचेगा. स्काईमेट के मुताबिक, एक शक्तिशाली तूफान इस समय भूमध्यरेखा अक्षांश और दक्षिणी प्रायद्वीप में दक्षिण हिंद महासागर की ओर बढ़ रहा है, जिसके चलते मॉनसून लेट हो सकता है. इसके अलावा आईएमडी ने अलनीनो के प्रभाव के चलते इस साल कम बारिश होने की आशंका जताई थी. बता दें कि पिछले कुछ सालों में जब-जब अल नीनो का पैटर्न बना है तब देश के कई हिस्से सूखे में आशंका बढ़ी है.
आ सकती है सूखे की स्थिति
बता दें कि पिछला साल किसानों के लिए काफी नुकसानदायक रहा है. उत्तर-मध्य भारत में किसानों को सूखे की स्थिति का सामना करना पड़ा था. उत्तर प्रदेश के तकरीबन 62 जिले में सूखे की स्थिति देखी गई थी. वहीं, बिहार, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश में कम बारिश के चलते खरीफ की फसलों की बुवाई में लेट हुआ था. इसके चलते खरीफ फसलों के पैदावार में भी कमी दर्ज की गई थी. ऐसे में कम बारिश या लेट मॉनसून के चलते इस बार भी किसानों के नुकसान की आशंका बढ़ गई है.
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भाई-बहनों में कुलदीप पढ़ाई में सबसे होशियार थे. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से साल 2009 में ग्रेजुएशन किया. साल 2011 में पोस्टग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरू की.
निस्संदेह, भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा है, जो सफल होने और आईएएस अधिकारी बनने की उम्मीद में हर साल लाखों आवेदकों को आकर्षित करती है. फैक्ट यह है कि आवेदन करने वाले लाखों में से केवल कुछ उम्मीदवार ही यूपीएससी परीक्षा पास करने और आईएएस अधिकारी बनने में सफल होते हैं, जो परीक्षा के हाई लेवल के बारे में बहुत कुछ बताता है.
यहां हम कुलदीप द्विवेदी के बारे में बात कर रहे हैं जिन्होंने 2015 में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 242 हासिल की थी. बचपन से ही खराब आर्थिक परिस्थितियों के बीच पले-बढ़े कुलदीप द्विवेदी ने कभी किसी को समस्या उसकी सफलता के रास्ते में आती है.
आईआरएस कुलदीप द्विवेदी उत्तर प्रदेश के निगोह जिले के एक छोटे से गांव शेखपुर के रहने वाले हैं. उनके पिता सूर्यकांत द्विवेदी लखनऊ विश्वविद्यालय में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते हैं. वह परिवार में इकलौते कमाने वाले सदस्य हैं, उसकी सैलरी महज 1100 रुपए थी. बच्चों को पढ़ाने के लिए सूर्यकांत दिन में खेतों में काम करने लगे.
4 भाई-बहनों में कुलदीप पढ़ाई में सबसे होशियार थे. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से साल 2009 में ग्रेजुएशन किया. साल 2011 में पोस्टग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरू की. इलाहाबाद में रहकर उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की थी. तब उनके पास मोबाइल नहीं था और वह पीसीओ के जरिए घरवालों से बात करता था.
कुलदीप द्विवेदी ने साल 2015 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी. वह अपने पहले अटेंप्ट में 242वीं रैंक (आईआरएस कुलदीप द्विवेदी रैंक) के साथ सफल हुए थे. उनकी ट्रेनिंग अगस्त 2016 में नागपुर में शुरू हुई थी. कुलदीप ने यूपीएससी परीक्षा के लिए कोई कोचिंग नहीं ली. वह दूसरे परीक्षार्थियों से किताबें उधार लेकर सेल्फ स्टडी करते थे.
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राजधानी पटना में अधिकारी बनाने का दावा करने वाली कोचिंग संस्थानों पर बड़ी कार्रवाई की गयी है। पटना के सिविल सेवा की तैयारी कराने वाले कई कोचिंग संस्थानों पर केंद्रीय जीएसटी महकमा ने रेड मारी है। यह छापेमारी देर रात तक जारी रही और अगले दिन भी जारी रहने की संभावना है। जांच पूरी होने के बाद गड़बड़ी का आंकड़ा बढ़ने की संभावना है।
दरअसल,केंद्रीय जीएसटी महकमा ने पटना के बोरिंग कैनाल रोड में कुमार टॉवर में मौजूद संस्थान के मुख्य कार्यालय के अलावा मुजफ्फरपुर और पूर्णिया में मौजूद इस संस्थान की शाखाओं में भी एक साथ छापेमारी की गई। इस दौरान करोड़ों की गड़बड़ी सामने आई है। अब तक हुई जांच में पांच करोड़ की गड़बड़ी पकड़ी जा चुकी है। अब तक हुई जांच में यह बात सामने आई कि इस संस्थान की तरफ से बड़ी संख्या छात्रों को स्टेशनरी सामग्री के अतिरिक्त कई तरह के नोट्स या पाठ्य सामग्री भी सप्लाई की जाती है। यह संस्थान छह तरह की सेवाएं प्रदान करती है। बावजूद इसके इसके स्तर से इसके अनुरूप जीएसटी जमा नहीं किया जाता है।
बताया जा रहा है कि, संस्थान के स्तर से कई तरह के ऑनलाइन और ऑफलाइन सेमिनार भी आयोजित किए जाते हैं। इसमें प्रिंट, डिजिटल और सोशल मीडिया के माध्यम से तैयारी करने से जुड़ी कई तरह की सामग्रियां मुहैया कराई जाती हैं। टेस्ट सीरिज, परीक्षा, मौखिक परीक्षा, मॉक इंटरव्यू समेत अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इसके एवज में छात्रों से पैसे लिए जाते हैं, लेकिन बदले में जीएसटी महकमा को टैक्स नहीं दिया जाता है।
आपको बताते चलें कि, जीएसटी की जांच के दौरान इससे जुड़े कई तरह के दस्तावेज बरामद हुए हैं। इसके आधार पर जीएसटी में बड़े स्तर पर गड़बड़ी की बात सामने आई है। फिलहाल जब्त किए गए सभी दस्तावेजों की जांच चल रही है। संस्थान ने इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) में व्यापक स्तर पर धांधली की है। इसके प्रमाण भी मिले हैं।
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मशहूर दवा कंपनी फाइजर ने भारत को कोरोना की दूसरी लहर से निपटने में मदद करने के लिए कंपनी के इतिहास की सबसे बड़ी मानवीय सहायता का ऐलान किया है।
एक वीडियो संदेश में फाइजर के अध्यक्ष और सीईओ अल्बर्ट बोरेला ने कहा कि फाइजर कोविड पीड़ितों के साथ मजबूती से खड़ी है और उन्हें सहायता देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि देश के अस्पतालों में जो मरीज भर्ती हैं उनका इलाज करने की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वे भारत के सरकारी अस्पतालों में भर्ती हर मरीज के लिए दवाएं नब्बे दिनों में मुफ्त मुहैया करा रहे हैं।
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केंद्र ने एक बड़ी राहत देते हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन, एपीआई, चिकित्सा ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, क्रायोजेनिक टैंक और कोविड टीके सहित चिकित्सा सामग्री के आयात पर आई-जीएसटी हटाने का फैसला किया है। इनके निशुल्क वितरण के लिये यह छूट 30 जून तक दी गई है।
इससे पहले केंद्र ने इन चिकित्सा सामग्री पर आयात शुल्क और स्वास्थ्य उपकर हटा दिया था।
इस छूट से निशुल्क वितरण के लिए कोविड राहत सामग्री का बिना आई-जीएसटी भुगतान के निशुल्क आयात हो सकेगा। राज्य सरकारों से आयातकों को यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नोडल प्राधिकरण नियुक्त कराने को कहा गया है।
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कोरोना महामारी से देश पहले से ही हिला हुआ है, ऐसे में असम में बुधवार सुबह भूकंप ने लोगों को दहला दिया। सुबह करीब पौने आठ बजे भूकंप के तीन झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंट ऑफ सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप का केन्द्र सोनितपुर में था। भूकंप के झटकों से प्रभावित इलाकों के लोग डर के कारण घरों से बाहर आ गए। कुछ जगह बिल्डिंगों को हुए नुकसान की खबर है, लेकिन जनहानि की कोई सूचना अब तक नहीं मिली है। भूकंप के झटके मेघालय और पश्चिम बंगाल में भी महसूस किए गए हैं।
नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी के अनुसार रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 दर्ज की गई है। भूकंप का केन्द्र सोनितपुर में जमीन से करीब 17 किलोमीटर नीचे बताया जा रहा है। भूकंप के झटके असम के अलावा मेघालय और पश्चिम बंगाल में भी महसूस किए गए हैं। भूकंप के झटकों के बाद अफरा-तफरी मच गई है। लोग डर के कारण घरों से बाहर निकल आए। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस भूकंप को अब तक का सबसे बड़ा भूकंप बताया है। धीरे-धीरे भूकंप से हुए नुकसान की खबरें आने लगी हैंं, हालांकि जनहानि की अब तक कोई सूचना नहीं है।
असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा ने ट्विटर पर नुकसान की फोटो शेयर की हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर अब भूकंप से हुए नुकसान के वीडियो और फोटो आने लगे हैं। इनमें साफ दिख रहा है कि भूकंप से कुछ बिल्डिंगों को नुकसान हुआ है।
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केंद्र सरकार टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अपने 50 प्रतिशत कोटे से निशुल्क कोविड टीके देना जारी रखेगी। फेसबुक पोस्ट पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि शेष 50 प्रतिशत कोटे में राज्यों को स्वतंत्रता होगी। कई राज्यों ने अपने अनुसार टीकाकरण प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध किया था और अब शेष 50 प्रतिशत कोटे से उन्हें अपने हिसाब से प्राथमिकता वाले समूहों को टीके लगाने की स्वतंत्रता मिलेगी। इस कोटे में निजी क्षेत्र भी आ सकेंगे ताकि संयुक्त प्रयासों से हर वयस्क को जल्द से जल्द टीका लगाने का लक्ष्य हासिल किया सके।
केंद्र सरकार के माध्यम से टीकाकरण पहले की तरह जारी रहेगा और इसका सारा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। सरकारी माध्यम के अलावा निजी क्षेत्र के जरिए भी बड़ी संख्या में लोगों को तेजी से टीका लगाने की सुविधा मिलेगी। निजी क्षेत्र के जरिए टीका लगाने का खर्च उठा सकने वाले लोग इस माध्यम से टीका लगवा सकेंगे। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि राज्यों को अपनी प्राथमिकता और प्रतिबद्धताओं के अनुसार केवल उन लोगों को टीका लगाना होगा जिन्हें केंद्र सरकार के निशुल्क माध्यम या निजी क्षेत्र के माध्यम से टीके नहीं लगे हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि केंद्र सरकार किसी को सीधे तौर पर टीके नहीं देती। टीकों का 50 प्रतिशत कोटा निशुल्क वितरण के लिए हैं और इनका वितरण राज्यों के जरिए ही किया जाएगा। केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाना कि उसे सस्ते दाम पर टीके मिल रहे हैं और राज्यों को नहीं, पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि राज्यों को गारंटी मात्रा में मुफ्त टीकों की आपूर्ति हो रही है तथा वे लोगों की आवश्यकता अनुसार साथ-साथ अन्य माध्यमों से भी टीके खरीद सकते हैं।
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पश्चिम बंगाल में आज विधानसभा चुनाव के सातवें चरण का मतदान हो रहा है। इस चरण में पांच जिलों के 34 निर्वाचन क्षेत्रों में वोट डाले जा रहे हैं। सुबह सात बजे से शुरू हुआ मतदान शाम साढे छह बजे तक चलेगा।
निर्वाचन आयोग ने इस चरण के लिए केन्द्रीय बलों की 653 कंपनियां तैनात की हैं। पांच जिलों में से तीन - मालदा, मुर्शिदाबाद और दक्षिणी दिनाजपुर की सीमाएं बंगलादेश से लगती हैं। इन तीनों सीमावर्ती जिलों के लिए अधिक बलों की तैनाती से स्पष्ट है कि निर्वाचन आयोग चुनाव के दौरान घुसपैठ रोकने तथा किसी भी प्रकार की हिंसा पर अंकुश लगाकर स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाये रखने के लिए प्रत्येक मतदान केन्द्र पर इलैक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन के साथ मतदाता पुष्टि पर्ची मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मौजूदा कोविड संक्रमण को देखते हुए घर में पृथकवास में रखे गए संक्रमित या संदिग्ध संक्रमित लोगों को सक्षम प्राधिकरण के प्रमाण पत्र पर, दिव्यांग और 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के साथ डाक मतपत्र से मतदान की सुविधा दी गई है। सभी मतदान केन्द्रों पर आवश्यक सुविधाओं का प्रबंध किया गया है। मतदान केन्द्रों को अनिवार्य रूप से सेनेटाइज किया गया है और मतदाताओं की थर्मल जांच की जा रही है। तापमान निर्धारित सीमा से अधिक पाये जाने पर मतदाता को एक टोकन देकर मतदान के अंतिम घंटे में वोट देने के लिये आने को कहा जाएगा।
सातवें चरण के लिए 37 महिलाओं सहित 268 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। शमशेरगंज और जांगीपुर सीट का चुनाव, उम्मीदवारों की मृत्यु के बाद स्थगित कर दिया गया है।
इस बीच, आठवें और अंतिम चरण का चुनाव प्रचार आज शाम समाप्त हो जाएगा। कोरोना संक्रमण में वृद्धि को देखते हुए निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश के अनुसार प्रचार अभियान बडे पैमाने पर वर्चुअल माध्यम से चलाया गया। सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने बडी रैलियां और जनसभाएं नहीं करने का फैसला किया। पार्टी कार्यकर्ता घर घर जाकर चुनाव प्रचार पर ध्यान दे रहे हैं।
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केन्द्र ने राज्य और केन्द्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि तरल ऑक्सीजन का इस्तेमाल केवल चिकित्सा उद्देश्य से ही किया जाए। देश में चिकित्सा ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए नौ उद्योगों को दी गई छूट भी वापस ले ली गई है।
केन्द्रीय गृह सचिव और राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के अध्यक्ष अजय भल्ला ने राज्यों के मुख्य सचिवों और केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रशासकों को इस निर्देश का अनुपालन कराने के लिए लिखा है। श्री भल्ला ने सभी निर्माण ईकाइयों से तरल ऑक्सीजन का उत्पादन अधिकतम करने और इसे तत्काल प्रभाव से चिकित्सा उपयोग के लिए सरकार को उपलब्ध कराने को कहा है। तरल ऑक्सीजन के सभी भंडार भी चिकित्सा उपयोग के लिए सरकार को उपलब्ध कराए जाएंगे। श्री भल्ला ने कहा कि तरल ऑक्सीजन के उपयोग को लेकर किसी भी उद्योग को किसी भी तरह की छूट नहीं दी जाएगी।
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विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के 99 दिन में ही भारत ने 14 करोड़ 9 लाख से अधिक कोविड टीके लगाकर एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 25 लाख 36 हजार से अधिक टीके लगाए गये। भारत रिकॉर्ड समय में सबसे तेज गति से 14 करोड़ से अधिक टीके लगाने वाला पहला देश बन गया है।
देश में स्वास्थ्य संसाधनों के अधिकतम और सर्वश्रेष्ठ उपयोग के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के बाद कुल कोविड टीकाकरण केन्द्रों की संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। देश में टीकाकरण केन्द्रों की संख्या लगभग 45 हजार से बढ़कर करीब 65 हजार हो गई है। अल्प समय में ही इन केन्द्रों की संख्या 20 हजार से अधिक बढ़ गई।
देश में अब तक 11 करोड़ 85 लाख से अधिक लोगों ने पहला टीका लगवा लिया है जबकि लगभग 2 करोड़ 22 लाख लोग आवश्यक दोनों टीके लगवा चुके हैं। पहली मई से टीकाकरण अभियान का तीसरा चरण शुरू हो रहा है। इस चरण में 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोविड टीके लगाए जाएंगे। इस चरण का पंजीकरण कोविन प्लेटफार्म और आरोग्य सेतु ऐप पर बुधवार से शुरू होगा।
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पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के सातवें चरण में कल होने वाले मतदान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पांच जिलों में विधानसभा की 34 सीटों के लिए मतदान सवेरे सात बजे से शाम साढे छह बजे तक होगा। निर्वाचन आयोग ने इस चरण के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 653 कंपनियां तैनात की हैं। बांग्लादेश से लगने वाले तीन सीमावर्ती जिलों - मालदा, मुर्शिदाबाद और दक्षिण दिनाजपुर में अन्य दो जिलों की तुलना में अधिक संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इसका लक्ष्य चुनाव में घुसपैठ की कोशिश रोकना है ताकि स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित किया जा सके। पिछले छह चरणों में विधानसभा की कुल 294 सीटों में से 223 के लिए मतदान की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।कोविड महामारी को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम डेढ हजार मतदाताओं की बजाए एक हजार मतदाताओं के वोट डालने की व्यवस्था की है। कोविड संक्रमित व्यक्तियों, दिव्यांगजनों और 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के लिए डाक मतपत्र की सुविधा प्रदान की जाएगी।सातवें चरण के दौरान 37 महिलाओं सहित कुल 268 उम्मीदवार विधानसभा की 34 सीटों के लिए अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
इस बीच, विधानसभा के आठवें और अंतिम चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर है। निर्वाचन आयोग ने शमशेरगंज और जांगीपुर सीट के लिए 16 मई को मतदान कराने का निर्णय किया है।
ओडीसा में पिपली सीट के उपचुनाव के लिए भी 16 मई को वोट डाले जाएंगे। इन सीटों की मतगणना 19 मई को कराई जाएगी। -
रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ 4 आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने किया गिरफ्तार।
आरोपियों में एक डॉक्टर भी शामिल।
आरोपियों के पास से 4 इंजेक्शन और 24 हज़ार नगदी जब्त हुए।
आरोपी 12 से 18 हजार में बेच रहे है रेमडेसिविर इंजेक्शन