मोदी की गारंटी पर अमल करने फेडरेशन ने प्रदेश भर में सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा
मोदी की गारंटी पर अमल करने फेडरेशन ने प्रदेश भर में सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा
बस्तर से सरगुजा तक कर्मचारियों का हल्ला बोल
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर, 23 फरवरी। प्रदेश के कर्मचारियों के लिए प्रमुख वादे मोदी की गारंटी पर अमल करने मुख्यमंत्री के नाम प्रशासनिक अधिकारियों को फेडरेशन के पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंपा। नई सरकार आने के बाद कर्मचारियों का यह प्रदर्शन प्रदेश भर में पूर्णत: सफल रहा।
इंद्रावती भवन में प्रदेश संयोजक कमल वर्मा एवं विभागाध्यक्ष कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रामसागर कौशले के नेतृत्व में रैली निकालकर मंत्रालय में मुख्य सचिव को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा गया। रायपुर कलेक्टर कार्यालय में प्रांतीय प्रवक्ता चंद्रशेखर तिवारी के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया।दुर्ग संभाग में प्रदेश सचिव राजेश चटर्जी,बिलासपुर संभाग में जी.आर.चंद्रा प्रदेश प्रवक्ता,सरगुजा संभाग में ओंकार सिंह प्रदेश अध्यक्ष शिक्षक संघ,बस्तर संभाग में कैलाश चौहान संभाग प्रभारी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया।
फेडरेशन के नेताओं बताया कि फेडरेशन का एक ही सूत्र है- अन्याय के विरुद्ध संघर्ष। कर्मचारियों के साथ जब-जब अन्याय होगा,तब-तब फेडरेशन का आंदोलन होगा। उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश के कर्मचारियों के लिए प्रमुख वादे मोदी की गारंटी में घोषणा किया गया था कि सरकार बनने पर शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों को केन्द्र के समान महँगाई भत्ता एवं महँगाई राहत दिया जायेगा। लंबित डी ए एरियर्स की राशि को कर्मचारियों के जी पी एफ खाते में समयोजित किया जायेगा।छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के अनुपूरक बजट में 13487 करोड़ 4 लाख 91 हजार 207 रुपयों का प्रावधान किया गया था। राज्य का कर्मचारी 9 फरवरी 24 को वित्त मंत्री के बजट भाषण को टकटकी लगाए बड़े उम्मीद से सुन रहा था। लेकिन बजट भाषण के पिटारा में से कर्मचारियों के लिये कुछ भी नहीं निकला ! कर्मचारियों के हिस्से में केवल निराशा मिला ! उन्होंने बताया कि सातवे वेतनमान का अंतिम किस्त का भुगतान लंबित है। जबकि, सातवां वेतनमान 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था। कर्मचारियों के माँगों पर गठित पिंगुआ कमेटी का रिपोर्ट सार्वजनिक हो,फेडरेशन का मुद्दा है। फेडरेशन 4 मुद्दों पर सरकार का ध्यानाकर्षण कर रहा है।यदि मुद्दों पर सरकार ने निर्णय नहीं लिया तो फेडरेशन अगले चरण में राज्यव्यापी प्रभावी हड़ताल-आंदोलन करने बाध्य होगा।
बस्तर से सरगुजा तक कर्मचारियों का हल्ला बोल
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर, 23 फरवरी। प्रदेश के कर्मचारियों के लिए प्रमुख वादे मोदी की गारंटी पर अमल करने मुख्यमंत्री के नाम प्रशासनिक अधिकारियों को फेडरेशन के पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंपा। नई सरकार आने के बाद कर्मचारियों का यह प्रदर्शन प्रदेश भर में पूर्णत: सफल रहा।
इंद्रावती भवन में प्रदेश संयोजक कमल वर्मा एवं विभागाध्यक्ष कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रामसागर कौशले के नेतृत्व में रैली निकालकर मंत्रालय में मुख्य सचिव को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा गया। रायपुर कलेक्टर कार्यालय में प्रांतीय प्रवक्ता चंद्रशेखर तिवारी के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया।दुर्ग संभाग में प्रदेश सचिव राजेश चटर्जी,बिलासपुर संभाग में जी.आर.चंद्रा प्रदेश प्रवक्ता,सरगुजा संभाग में ओंकार सिंह प्रदेश अध्यक्ष शिक्षक संघ,बस्तर संभाग में कैलाश चौहान संभाग प्रभारी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया।
फेडरेशन के नेताओं बताया कि फेडरेशन का एक ही सूत्र है- अन्याय के विरुद्ध संघर्ष। कर्मचारियों के साथ जब-जब अन्याय होगा,तब-तब फेडरेशन का आंदोलन होगा। उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश के कर्मचारियों के लिए प्रमुख वादे मोदी की गारंटी में घोषणा किया गया था कि सरकार बनने पर शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों को केन्द्र के समान महँगाई भत्ता एवं महँगाई राहत दिया जायेगा। लंबित डी ए एरियर्स की राशि को कर्मचारियों के जी पी एफ खाते में समयोजित किया जायेगा।छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के अनुपूरक बजट में 13487 करोड़ 4 लाख 91 हजार 207 रुपयों का प्रावधान किया गया था। राज्य का कर्मचारी 9 फरवरी 24 को वित्त मंत्री के बजट भाषण को टकटकी लगाए बड़े उम्मीद से सुन रहा था। लेकिन बजट भाषण के पिटारा में से कर्मचारियों के लिये कुछ भी नहीं निकला ! कर्मचारियों के हिस्से में केवल निराशा मिला ! उन्होंने बताया कि सातवे वेतनमान का अंतिम किस्त का भुगतान लंबित है। जबकि, सातवां वेतनमान 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था। कर्मचारियों के माँगों पर गठित पिंगुआ कमेटी का रिपोर्ट सार्वजनिक हो,फेडरेशन का मुद्दा है। फेडरेशन 4 मुद्दों पर सरकार का ध्यानाकर्षण कर रहा है।यदि मुद्दों पर सरकार ने निर्णय नहीं लिया तो फेडरेशन अगले चरण में राज्यव्यापी प्रभावी हड़ताल-आंदोलन करने बाध्य होगा।